NATIONAL NEWS

IIT-BHU गैंगरेप…1 विक्टिम, 2 गवाह, 3 सबूत:10 हजार नंबर, 300 CCTV चेक किए, स्पेशल-40 टीम ने शहर को खंगाला तब आरोपी पकड़े गए

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

IIT-BHU गैंगरेप केस के तीनों आरोपी वाराणसी की जिला जेल में बैरक नंबर-10 में हैं। गैंगरेप के तीनों आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को सजा दिलाने की कवायद पुलिस ने तेज कर दी है। हाईप्रोफाइल केस में पीड़ित छात्रा (विक्टिम) के साथ 2 गवाह और 3 सबूत के सहारे पुलिस चार्जशीट फाइल करने की तैयारी कर रही है।

वारदात के 60 दिन बाद तीनों आरोपियों को पुलिस ने एक साथ दबोचा। लेकिन उन तक पहुंचने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पड़ताल में सामने आया कि 1 नवंबर की रात वारदात के बाद अगले 48 घंटे में पुलिस की स्पेशल-40 टीम ने पूरे शहर को खंगाल डाला था।

BHU कैंपस से लेकर शहर के 120 मुहल्लों तक पुलिस टीम ने दस्तक दी। शहर में लगे 300 से अधिक CCTV चेक किए। BHU से लेकर चेतगंज तक रात में एक्टिव रहे 10 हजार नंबरों को ट्रेस किया। 1000 मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए। इनमें से 200 सस्पेक्टेड नंबरों के कॉल डेटा रिकॉर्ड यानी CDR की जांच की गई।

वाराणसी पुलिस ने 30 दिसंबर की रात तीनों आरोपियों को एक साथ दबोचा था।

वाराणसी पुलिस ने 30 दिसंबर की रात तीनों आरोपियों को एक साथ दबोचा था।

वारदात के 10वें दिन पुलिस आरोपियों तक पहुंची
पुलिस के इस एक्शन के चलते वारदात के 5वें दिन तीनों आरोपियों की फुटेज पुलिस को मिली। 7वें दिन यानी 8 नवंबर को पुलिस ने पीड़ित से तीनों आरोपियों की पहचान की। 10वें दिन तक पुलिस आरोपियों के करीब पहुंच गई। मगर तब तक आरोपी मध्य प्रदेश चुनाव के लिए जा चुके थे।

पुलिस तीनों आरोपियों को ट्रेस करते हुए मध्य प्रदेश के रीवा तक गई। वहां फुटेज से उनके चेहरे मिलाए गए। मामला हाईप्रोफाइल था, क्योंकि तीनों आरोपी भाजपा नेताओं की सोशल मीडिया टीम से जुड़े हुए थे। इसलिए, पुलिस ने आकर सबूत जुटाए और फिर 30 दिसंबर की रात तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।

अब तक की जांच में पुलिस के पास 1 विक्टिम, 2 गवाह, 3 सबूत हैं। इसी के आधार पर पुलिस चार्जशीट की तैयारी कर रही है…

IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के आरोपियों की बाइक लंका थाने में खड़ी है। इसी से वारदात को अंजाम दिया गया था।

IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के आरोपियों की बाइक लंका थाने में खड़ी है। इसी से वारदात को अंजाम दिया गया था।

1 विक्टिम यानी पीड़ित छात्रा
इस केस में सबसे अहम पीड़ित छात्रा है। उसने सबसे पहले फुटेज देखकर आरोपियों की पहचान की। पीड़ित का बयान भी हुआ था, जिसमें उसने गैंगरेप और मोबाइल से कपड़े उतरवाकर न्यूड वीडियो बनाने की बात कही थी। शुरुआती FIR के मुताबिक में कपड़े उतरवाने और वीडियो बनाने की बात थी। तब धारा 354 (बी) यानी कपड़े उतरवाना और 509 धमकी देना की धारा में केस दर्ज हुआ था। 7 नवंबर को छात्रा का बयान पुलिस ने दर्ज किया। इसके बाद 8 नवंबर को मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान हुए। बयान के आधार पर पुलिस ने गैंगरेप की धारा यानी 376 (डी) बढ़ाई थी।

2 गवाह: छात्रा का दोस्त और सिक्योरिटी गार्ड
1 नवंबर की रात हुई वारदात में पीड़ित छात्रा अपने दोस्त के साथ रात 1.30 बजे कैंपस में थी। बुलेट से आए तीनों आरोपियों ने पहले गन प्वाइंट पर छात्रा के दोस्त को वहां से धमकाकर भगा दिया था। इस केस में वह अहम गवाह है। दूसरा गवाह सिक्योरिटी गार्ड। जिसने रात में बुलेट में इन तीनों आरोपियों को देखा था।

3 सबूत: CCTV, मोबाइल लोकेशन-फॉरेंसिक रिपोर्ट और मेडिकल रिपोर्ट
पुलिस के पास इस केस में 3 अहम सबूत हैं। पहला-सीसीटीवी में तीनों आरोपी कैद हुए हैं। दूसरा-मोबाइल लोकेशन और उसकी फॉरेंसिक रिपोर्ट। तीसरा- पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट। पुलिस अफसरों ने बताया कि तीनों आरोपियों की पहली पहचान सीसीटीवी से ही हुई थी। वारदात के दिन पूरे रूट में कई जगह आरोपी ट्रेस हुए हैं। पीड़ित छात्रा ने भी सीसीटीवी देखकर ही आरोपियों की पहचान की थी।

वहीं, मोबाइल CDR और लोकेशन भी इस केस में बेहद अहम है। वारदात के वक्त तीनों आरोपियों की मोबाइल लोकेशन, आरोपियों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग, वॉट्सऐप चैटिंग। इसके अलावा, जिस मोबाइल से पीड़ित का न्यूड वीडियो शूट किया गया है उसे भी रिकवर करके पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।

पुलिस अफसरों ने बताया कि इन तीनों सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों की टेस्ट आईटेटिफिकेशन ऑफ परेड (टीआईपी) होगी। आरोपियों की जिला जेल में शिनाख्त परेड होगी। इसके अलावा, मजिस्ट्रेट के सामने पीड़ित इनकी पहचान करेगी।

40 पुलिसकर्मियों की 7 टीम, सबकी अलग-अलग जिम्मेदारी
गैंगरेप के खुलासे के लिए 40 पुलिसकर्मियों की 7 टीम बनाई गई। सबको अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई। पुलिस हर संदिग्ध को थाने लाई, पूछताछ की और फिर आशंका होने पर उसकी निगरानी की। डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी ने पूरी जांच का ब्लूप्रिंट खींचा और फिर टीमों को लगाया।

पुलिस की स्पेशल-40 की इस टीम में 8 पुलिसकर्मी लंका थाने, 5 पुलिसकर्मी सर्विलांस टीम, 3 पुलिसकर्मी सर्किल पुलिस, 6 पुलिसकर्मी क्राइम ब्रांच, 5 पुलिसकर्मी क्राइम टीम सर्किल, 3 पुलिसकर्मी साइबर सेल, 6 पुलिसकर्मी स्वाट और 4 अलग-अलग थानों के पुलिसकर्मी को शामिल किया गया था।

सबसे पहले टीम ने BHU के आसपास 70 CCTV फुटेज निकाली। 4 पुलिसकर्मियों को उसे देखने के लिए लगाया गया। पुलिस की एक टीम त्रिनेत्र यानी CCTV कमांड सेंटर पहुंची। वहां शहर के CCTV 20 स्क्रीन पर ऑन किए। बीएचयू कैंपस और उसके आसपास का रात का हर मूवमेंट देखा गया।

इन 300 कैमरों से पुलिस ने संदिग्धों के 110 फुटेज जुटाए। इसमें एक बुलेट पर तीनों आरोपियों का फुटेज नजर आया। उनका पता लगाया गया। वारदात यानी 1 नवंबर की रात तीनों आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन कहां-कहां रही, किस जगह कितनी देर रुके, इसकी जांच के साथ ही रास्तों के CCTV फुटेज चेक किए गए।

BHU में सभी चौराहों पर CCTV लगी है। इनकी फुटेज भी पुलिस ने जब्त करके बतौर साक्ष्य शामिल किया है।

BHU में सभी चौराहों पर CCTV लगी है। इनकी फुटेज भी पुलिस ने जब्त करके बतौर साक्ष्य शामिल किया है।

5 रूट में 10 हजार मोबाइल नंबर की जांच
पुलिस अफसरों ने वारदात स्थल से निकलकर जाने वाले 5 रूट चिह्नित किए। आधी रात के बाद से सुबह 8 बजे तक 22 बेस ट्रांसीवर स्टेशन यानी BTS से 10 हजार नंबरों को चुना गया। इसमें BHU से बाहर आने-जाने वाले 1000 नंबर सर्विलांस पर लगाए गए। लगभग 50 से अधिक बुलेट सवार सीसीटीवी में बीएचयू के आसपास कैद हुए।

इनमें से कई से पुलिस ने पूछताछ की। 48 घंटे बाद पुलिस ने सर्विलांस से 200 संदिग्धों के नंबर का CDR निकाला, जिनकी लोकेशन उस रात BHU में थी। इनमें तीनों आरोपी कुणाल, सक्षम और अभिषेक के नंबर भी थे, जो हुलिया के अनुसार मैच कर रहे थे। पुलिस ने CCTV फुटेज से तीनों आरोपियों के चेहरे का मिलान कराया।

यह वारदात वाली रात का तीनों आरोपियों का रुट है। वह लक्खा मेले से बीचयू आए और यहां से वापस अपने-अपने घर एक ही बुलेट पर गए।

यह वारदात वाली रात का तीनों आरोपियों का रुट है। वह लक्खा मेले से बीचयू आए और यहां से वापस अपने-अपने घर एक ही बुलेट पर गए।

20 मुखबिर की मदद ली, तीनों के घरों पर की निगरानी
पुलिस ने सर्विलांस के साथ लोकल सर्विलांस पर भी भरोसा जताया और 20 मुखबिरों को फोन घुमाए। शहर के प्रमुख इलाकों से लंका-भेलूपुर आने वाले लड़कों (ऐसे जो मनबढ़ हो) की जानकारी जुटाई। हुलिया के अनुसार कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल की पहचान होने के बाद उनके घरों पर मुखबिरों से निगरानी शुरू की।

लेकिन, तब तक आरोपी मध्यप्रदेश जा चुके थे। पुलिस ने लोकेशन खंगाली तो कभी रीवा तो कभी सतना में मिली। मध्यप्रदेश के भोपाल तक आरोपी गए। बीच में कई बार एक-एक रात को वाराणसी भी आए। हालांकि मुखबिरों की सूचना पर 30 दिसंबर को तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।

आरोपी जिस बुलेट से वारदात वाले दिन बीचयू गए थे, वह बुलेट भी बरामद कर ली गई। आरोपियों ने कबूला कि 1 नवंबर की आधी रात करीब 1:30 बजे IIT-BHU में दोस्त के साथ जा रही छात्रा के साथ वारदात की थी।

गैंगरेप के तीनों आरोपी का घर वाराणसी में 2-3 किमी के दायरे में हैं। इनमें 2 के घर के बाहर इनका नेम प्लेट लगी है, जिसमें भाजपा भी लिखा हुआ है।

गैंगरेप के तीनों आरोपी का घर वाराणसी में 2-3 किमी के दायरे में हैं। इनमें 2 के घर के बाहर इनका नेम प्लेट लगी है, जिसमें भाजपा भी लिखा हुआ है।

वारदात के बाद 15 दिन MP में रहे आरोपी
वारदात के 3 दिन बाद यानी 5 नवंबर को तीनों आरोपी कुणाल, सक्षम और अभिषेक मध्य प्रदेश के रीवा चले गए थे। करीब 15 दिनों तक तीनों आरोपी वहीं पर रहे। 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया। 4 दिसंबर के बाद तीनों आरोपी वाराणसी आए फिर दो दिन बाद मध्य प्रदेश गए थे। BHU में वारदात के अगले दिन यानी 2 नवंबर से जबरदस्त प्रदर्शन शुरू हो गया। मामला PMO तक पहुंच गया। वहां से पूरे मामले में रिपोर्ट मांग ली गई थी।

BHU कैंपस में गैंगरेप की वारदात के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है। हैदराबाद गेट पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के ऑफिस में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।

BHU कैंपस में गैंगरेप की वारदात के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है। हैदराबाद गेट पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के ऑफिस में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।

वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR से जानिए…
पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया।

इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया।

गैंगरेप की वारदात के बाद 2 नवंबर को IIT-BHU कैंपस में छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर आए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई थी।

गैंगरेप की वारदात के बाद 2 नवंबर को IIT-BHU कैंपस में छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर आए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई थी।

मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। जिसके आधार पर पुलिस ने CCTV फुटेज से तीनों आरोपियों के चेहरे का मिलान किया।

31 दिसंबर की देर रात तीनों आरोपियों को मजिस्ट्रेट ने 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया। जहां उन्हें बैरक नंबर 10 में रखा गया है।

31 दिसंबर की देर रात तीनों आरोपियों को मजिस्ट्रेट ने 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया। जहां उन्हें बैरक नंबर 10 में रखा गया है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!