NATIONAL NEWS

भारत की ‘प्याज़ कूटनीति’, प्रतिबंध के बीच हजारों टन का निर्यात

TIN NETWORK
TIN NETWORK
India's 'onion diplomacy', export of thousands of tonnes amid ban
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

भारत की ‘प्याज़ कूटनीति’, प्रतिबंध के बीच हजारों टन का निर्यात

प्याज़ के निर्यात पर लंबे समय से भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है, बावजूद इसके संयुक्त अरब अमीरात जैसे कुछ ऐसे देश हैं, जहां सरकार की अनुमति से प्याज भेजा जा रहा है.

इस वक्त वैश्विक स्तर पर प्याज की कीमतें बढ़ी हुई हैं, लेकिन भारत से ऐसे देशों को सस्ती कीमतों पर प्याज दिया जा रहा है, जिससे किसान और व्यापारी नाराज हैं.

निर्यातकों का कहना है कि एक किलोग्राम प्याज के लिए भारतीय किसानों को 12 से 15 रुपये का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन यही प्याज़ जब यूएई पहुंचता तो वहां इसकी कीमत 120 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाती है.जब से भारत सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर रोक लगाई है किसान इसका विरोध करते रहे हैं. घोषणा के बाद किसान महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन भी किए थे.ये विरोध प्रदर्शन नासिक के लासलगांव, नंदगांव, पिंपलगांव और उमाराने में हुए थे. यही इलाक़ा भारत के प्याज़ उत्पादन का केंद्र है.

राजनीतिक रूप से प्याज़ एक संवेदनशील फसल है. समय-समय पर प्याज़ का दाम महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा बनता रहा है.

प्याज़ का चुनाव पर सबसे सीधा असर शायद 1998 में दिखा. माना जाता कि उस साल दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार में प्याज़ की ऊंची क़ीमतों का हाथ था.

देश में प्याज़ की कमी के डर से सरकार ने दिसंबर में इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.

पिछले महीने सरकार ने इस प्रतिबंध को अगले आदेश तक बढ़ा दिया था. हालांकि राजनयिक चैनलों के जरिए प्याज की मांग को भारत सरकार स्वीकार कर रही है.

सवाल है कि जब प्याज़ के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है, तो सरकार चुनिंदा देशों को प्याज क्यों बेच रही है? क्या भारत सरकार कूटनीति के लिए अब प्याज का इस्तेमाल कर रही है?
1 मार्च को केंद्र केंद्र सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात को 14,400 मीट्रिक टन प्याज़ के निर्यात की अनुमति दी थी. इसके साथ ही सरकार ने शर्त रखी थी कि तीन महीने में यह निर्यात 3600 मीट्रिक टन से ज्यादा नहीं हो सकता है.

वहीं पिछले महीने 3000 टन से अधिक प्याज के निर्यात को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह यूएई को अलग से 10 हजार मीट्रिक टन प्याज की अनुमति दी है.

निर्यात पर पाबंदी के बावजूद यूएई के अलावा भी कई देशों को प्याज़ बेचने की ख़बरें हैं.

भारत ने ‘बांग्लादेश को 50,000 टन, भूटान को 550 टन, बहरीन को 3,000 और मॉरिशस को 1,200 टन प्याज़ के निर्यात’ की इजाज़त दी है.

आम तौर पर वैश्विक बाजार में प्याज की कीमतें 30 रुपये से 35 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रहती हैं. हालांकि हाल के महीनों में यूएई जैसे प्रमुख बाजारों में कीमतें 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं.

इन कीमतों में उछाल इसलिए आया है, क्योंकि भारत, पाकिस्तान और मिस्र ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.

निर्यातकों को जानकारी मिली है कि हाल ही में 500 से 550 डॉलर प्रति टन के हिसाब से यूएई को प्याज भेजा गया है. अगर भारतीय रुपये में प्रति किलोग्राम प्याज की बात करें तो यह 45 से 50 रुपये के बीच है.

भारत से प्याज खरीदने वाले यूएई के आयातकों को 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा हो चुका है.

अनुमान है कि 10 हजार मीट्रिक टन प्याज जब यूएई जाएगा, तो आयातकों को करीब एक हजार करोड़ रुपये का मुनाफा होगा.

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!