दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब (29) और नौशाद (56) के खिलाफ बुधवार को स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब (29) और नौशाद (56) के खिलाफ बुधवार को स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में कहा गया है कि दोनों आरोपियों को हर टारगेट किलिंग के लिए ISI से कम से कम 1 करोड़ रुपये मिलने थे। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि हत्याओं के बाद दोनों को ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह के घर में शरण दिलाना का वादा किया गया था क्योंकि वह पूरी तरह से सुरक्षित था।”
पुलिस जांच के मुताबिक, जगजीत और नौशाद दोनों को 1 करोड़ रुपये में शिवसेना के एक पदाधिकारी को मारने का काम सौंपा गया था। इसके साथ ही कांग्रेस के एक पदाधिकारी, बजरंग दल के एक पदाधिकारी और एक अंतरराष्ट्रीय खालिस्तानी विरोधी आतंकवादी मोर्चा के एक पदाधिकारी की हत्या करने के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये मिलने थे।
नौशाद को इस साल 27 जनवरी को बजरंग दल के कार्यकर्ता को मारने के लिए हवाला के जरिए 2 लाख रुपये एडवांस के रूप में मिले थे। ये काम हरिद्वार में दो साधुओं की सुनियोजित हत्या और लालकिले पर हमले के अतिरिक्त थे।
पुलिस ने कहा कि लालकिले पर सुरक्षाकर्मियों को गोली मारने के अलावा, परिसर में ग्रेनेड फेंकना भी इनकी योजना में शामिल था। आईएसआई ने उन्हें दो हैंड ग्रेनेड भी मुहैया कराए थे जिन्हें पुलिस ने बरामद कर लिया। हत्याओं को सिख फॉर जस्टिस, आतंकवादी अर्श डल्ला और आईएसआई समर्थित खालिस्तानी गुटों द्वारा फंड किया जाना था।
आतंकियों की चैट का हवाला देते हुए, दिल्ली पुलिस ने विस्तार से बताया है कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की K2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क उस क्रूरता और हैवानियत से खुश थी, जो उन दोनों ने उत्तर-पश्चिमी दिल्ली निवासी राज कुमार के साथ की थी और जिस तरह से उन्होंने उसके हाथ पर भगवान शिव का बड़ा टैटू देखने के बाद उसे टारगेट के रूप में चुना था।
यह उनका पहला टास्क था जो पिछले साल 15 दिसंबर को पूरा हुआ। उन्होंने अपने आईएसआई हैंडलर को उसके सिर कलम किए जाने का एक वीडियो भी भेजा था। हालांकि, इससे पहले कि वे किसी और को मार पाते, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विदेशी आकाओं के साथ होने वाली उनकी कुछ चैट को ट्रैक कर लिया।
पुलिस ने कहा कि नौशाद आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार का सदस्य था और हत्या के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट चुका था। उसने विस्फोटक अधिनियम के तहत एक मामले में भी जेल में 10 साल गुजारे थे। वहीं जस्सा, जो पंजाब के बंबीहा गिरोह का करीबी था, वो उत्तराखंड में एक हत्या के मामले में पैरोल जम्पर था और आतंकवादियों डल्ला और सुखा दुनेके का गुर्गा था।
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