NATIONAL NEWS

SC में इस साल दायर याचिकाओं से ज्यादा का निपटारा:यह 6 साल में सबसे अधिक; 52 हजार फैसले आए, पिछले साल से 31% ज्यादा

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

SC में इस साल दायर याचिकाओं से ज्यादा का निपटारा:यह 6 साल में सबसे अधिक; 52 हजार फैसले आए, पिछले साल से 31% ज्यादा

लोकसभा में कानून मंत्री ने बताया कि साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी मामलों की सुनवाई की। इनमें कुल 1 लाख 82 हजार से ज्यादा केसों का निपटारा हुआ। - Dainik Bhaskar

लोकसभा में कानून मंत्री ने बताया कि साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी मामलों की सुनवाई की। इनमें कुल 1 लाख 82 हजार से ज्यादा केसों का निपटारा हुआ।

सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में 52 हजार 191 मामलों को निपटाया है। पिछले साल शीर्ष कोर्ट ने 39 हजार 800 मामले निपटाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी शुक्रवार (22 दिसंबर) को प्रेस रिलीज जारी करके दी है। यह डेटा 1 जनवरी से 15 दिसंबर 2023 तक का है।

प्रेस रिलीज में बताया- इस साल कोर्ट ने पिछले साल की तुलना में 12 हजार (31.13%) ज्यादा मामलों को निपटाया। यह पिछले 6 साल में सबसे ज्यादा है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि 6 साल पहले कितने केस निपटाए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट में इस साल 49,191 मामले सुनवाई के लिए आए। कोर्ट ने इस साल बैकलॉग के 3 हजार मामलों को भी निपटाया है। कोर्ट ने इसका श्रेय नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और ज्यूडिशियल सिस्टम में हुए रिफॉर्म को दिया है।

कैसे बढ़ी सुप्रीम कोर्ट की केस निपटाने की रफ्तार?
सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस रिलीज में दावा किया कि CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ज्यूडिशियल सिस्टम को स्ट्रीम लाइन किया है। पहले केस के दाखिल होने के बाद उसकी सुनवाई में 10 दिन लगते थे। अब सुनवाई 5 या 7 दिन के अंदर हो जाती हैं। अब जमानत और अग्रिम जमानत के मामले एक दिन में या फिर तत्काल सुनवाई पर लगा दिए जाते हैं। इससे केस निपटाने की रफ्तार बढ़ी है।

सुप्रीम कोर्ट में 80 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को संसद में बताया था कि देश की अदालतों में 5 करोड़ से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। सुप्रीम कोर्ट में ही 80 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। पिछले 6 महीने में पेंडिंग केस की संख्या 10 हजार बढ़ी है।

मेघवाल ने बताया था कि 1 जुलाई 2023 को पेंडिंग केस की संख्या 69 हजार 766 थी। इसके बाद सिर्फ 6 महीनों में ही 10 हजार नए केस आ गए।

ज्यूडीशियरी में कुल 26,568 जज
अर्जुन राम मेघवाल ने यह भी बताया था कि भारतीय न्यायपालिका में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 26 हजार 568 है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की फुल स्ट्रेंथ 34 है। वहीं, हाईकोर्ट्स में जजों की संख्या 1,114 है। जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों की स्वीकृत संख्या 25,420 है।

15 जून तक 1.80 लाख केस की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की
लोकसभा में कानून मंत्री ने बताया कि साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी मामलों की सुनवाई की। इनमें कुल 1 लाख 82 हजार से ज्यादा केसों का निपटारा हुआ।

इसके अलावा गुजरात, गुवाहाटी, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की है।

ये खबरें भी पढ़ें…

फास्ट ट्रैक कोर्ट में पॉक्सो के 2.43 लाख मामले पेंडिंग: सिर्फ 3% केस में सजा

देश में पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून) के 2 लाख 43 हजार मामले लंबित हैं। 2022 में सिर्फ 3% मामलों में सजा हुई है। अगर कोई नया केस रिपोर्ट नहीं हुआ तो इन केस को निपटाने के लिए कोर्ट को 9 साल लगेंगे। फास्ट ट्रैक कोर्ट में जनवरी 2023 तक पॉक्सो ​​​के लंबित मामलों की रिसर्च पब्लिश हुई है। इसी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है।

SC बोला- बैकलॉग केसों को निपटाने के लिए प्रो-एक्टिव हों: भारत की 6% आबादी मुकदमेबाजी से प्रभावित, सभी कोर्ट्स समन की समयसीमा का पालन कराएं

सुप्रीम कोर्ट ने देश की अदालतों में लंबित पड़े मामलों को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पेंडिंग केस को जल्द से जल्द निपटाने के लिए प्रो-एक्टिव होने की जरूरत है। देश में 6% आबादी मुकदमेबाजी से प्रभावित है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 20 अक्टूबर को कई अहम निर्देश जारी किए। 

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!