ईरान ने ‘मोसाद’ एजेंट को फांसी पर लटकाया, क्या तेहरान में फेल हो गया इजरायल का प्लान?
ईरान ने तेहरान में स्थित रक्षा मंत्रालय पर हमले की साजिश रचने के आरोप में मोसाद एजेंट को फांसी देने का दावा किया है। यह पिछले छह महीनों में दूसरा मौका है, जब ईरान ने किसी मोसाद एजेंट को फांसी देने का दावा किया है। मोसाद इजरायल की जासूसी एजेंसी है।
तेहरान: ईरान ने देश में आतंकवाद फैलाने की साजिश रचने के आरोप में एक इजरायली जासूस को फांसी देने का दावा किया है। सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद एजेंट कथित तौर पर ईरान के रक्षा मंत्रालय पर बमबारी करने की योजना बना रहा था। यह खबर पिछले महीने उसी बम साजिश से जुड़े चार लोगों को फांसी देने के बाद आई है। इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र से ईरान में प्रवेश करने से पहले चारों लोगों को कथित तौर पर एक अफ्रीकी देश में इजरायली खुफिया एजेंसी द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। उन चारों लोगों की पहचान ईरानी नागरिक के रूप में की गई थी, जिनके नाम मोहम्मद फरामरजी, मोहसिन मजलूम, वफा अजरबार और पेजमैन फतेही था। ईरान अक्सर देश में मोसाद के ऑपरेशन को विफल करने का दावा करता है, लेकिन ऐसे दावों की सत्यता स्पष्ट नहीं है।
मिसाइल फैक्ट्री पर हमले का लगाया आरोप
ईरान की सरकारी मीडिया आईआरएनए ने कहा कि उन्होंने मिसाइल और रक्षा उपकरणों से जुड़ी एक फैक्ट्री को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। यह भी दावा किया गया था कि इजरायल के मोसाद द्वारा प्लान किया गया ऑपरेशन 2022 में होने वाला था। रिपोर्टों में कहा गया है कि कथित तौर पर ईरानी खुफिया जानकारी द्वारा साजिश को टाल दिया गया था। इन लोगों की अपील ईरानी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें सोमवार को मौत की सजा दी गई।
ईरानी न्यायपालिका ने भी फांसी की पुष्टि की
ईरानी न्यायपालिका की वेबसाइट मिजान ऑनलाइन ने बताया, “जायोनी जासूसी संगठन से जुड़े एक समूह के चार सदस्यों को मौत की सजा आज सुबह दी गई।” एमनेस्टी के अनुसार, ईरान, चीन को छोड़कर किसी भी अन्य देश की तुलना में प्रति वर्ष सबसे अधिक लोगों को फांसी देता है। दिसंबर में, इसने मोसाद से संबंध रखने के आरोपी चार लोगों को मार डालने का दावा किया था। इसे क्रिसमस के दिन सीरिया में वरिष्ठ ईरानी जनरल सैय्यद रजी मौसवी की हत्या के बाद इन हत्याओं को बदले के रूप में देखा जा रहा है।
गाजा युद्ध के बाद बढ़ा तनाव
इजरायल और ईरान में गाजा युद्ध के बाद तनाव चरम पर है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर हमला किया था। इस दौरान उन्होंने 1200 से अधिक लोगों को मार डाला और 250 से अधिक इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर हमला किया है। इन हमलों में अब तक 30000 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। इजरायल और हमास में संघर्षविराम के लिए बातचीत भी हो रही है, लेकिन इसकी सफलता संदिग्ध है। हमास उन इजरायली बंधकों के नाम देने के लिए तैयार नहीं है, जो अभी तक जिंदा हैं।
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