“मुझे बस अपने तरीके से जीने दो — एक आवाज़ जो आज की भीड़ में दबती नहीं” “मुझे जीने दो” मुझे समझ नहीं आता, लोग क्यों यूँ ही टोके जाते,हर बात में दख़ल देकर, मेरी राहें क्यों मोड़े जाते। कभी ये कहो, कभी...
“मुझे बस अपने तरीके से जीने दो — एक आवाज़ जो आज की भीड़ में दबती नहीं” “मुझे जीने दो” मुझे समझ नहीं आता, लोग क्यों यूँ ही टोके जाते,हर बात में दख़ल देकर, मेरी राहें क्यों मोड़े जाते। कभी ये कहो, कभी...