कार मालिकों से ठगी के लिए बेरोजगार लड़कियों को जॉब:शोरूम से गाड़ी उठाते ही रोड साइड सर्विस के लिए कॉल करते, रुपए आते ही सिम तोड़ देते
जोधपुर के इसी कॉम्पलेक्स में ये कॉल सेंटर संचालित हो रहा था।
शोरूम से जैसे ही नए कार की डिलीवरी ली उसके दो दिनों में ही कार मालिक के पास रोड साइड सर्विस का कॉल जाता। बेरोजगार लड़कियां सरगना के कहने पर उन्हें झांसे में लेती। इधर, जैसे ही कस्टमर झांसे में आकर रुपए जमा करवाता सिम को तोड़ दिया जाता था।
मामला जोधपुर के कुड़ी थाना क्षेत्र के सेक्टर 2 स्थित श्रीजी कॉम्पलेक्स में शनिवार रात 8 बजे का है। जोधपुर पुलिस को जयपुर पुलिस की साइबर टीम से इसका इनपुट मिला था, जिसके बाद फर्जी कॉल सेंटर से एक युवक समेत 8 लड़कियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में गिरफ्तार किए कर्मचारियों ने बताया कि दो साल से यहां काम चल रहा था और मुख्य आरोपी मनीष जो अभी फरार चल रहा है, वह कई लोगों को ठग चुका है।
पुलिस ने कॉल सेंटर से आदित्य सिंह नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। यहां से बड़ी संख्या में फर्जी सिम भी मिली है।
राजस्थान में सभी कार शोरूम से उठी कारों डेटा मिला
पुलिस की जांच में सामने आया कि मनीष इंडियन ब्रेक डाउन सर्विस इंडिया के नाम से रोड साइड कार सर्विस करने की गारंटी देता था। इसके लिए फर्जी कॉल सेंटर के मालिक मनीष प्रदेश में संचालित सभी कार कम्पनी के शोरूम का डेटा हर दिन जमा करता था। जैसे ही कम्पनी से कार उठाई जाती थी, उसके बाद कार मालिक को कार के एक्सीडेंट, टायर पंक्चर समेत अन्य खराबी पर रोड साइड सर्विस सालभर तक देने का झांसा दिया जाता था। इसके लिए कस्टमर को एक कार्ड भी कोरियर द्वारा भेजा जाता था। इस कार्ड का के लिए 3 से 4 हजार रुपए चार्ज किया जाता था।
मनीष को पता था कि यदि कार्ड नहीं दिया तो कस्टमर पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत भी कर सकता है। वह हर कस्टमर को अलग-अलग नंबर से कॉल करवाता था और रुपए आने के बाद उस सिम को तोड़ देता था। कस्टमर ने जब मनीष की कंपनी का प्लान लेने के बाद रोड साइड सर्विस के लिए कॉल किया तो नंबर बंद आया।
पुलिस ने बताया कि प्रदेश में इस तरह कॉल कर सर्विस देने की धोखाधड़ी काफी बढ़ चुकी थी। 20 से ज्यादा शिकायत इंडियन ब्रेकडाउन सर्विस नाम की कम्पनी की आई थी। प्रदेश मुख्यालय से इस संबंध में शिकायत आने के बाद से ही पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला ये पूरा कॉल सेंटर जोधपुर के कुड़ी से चल रहा था।
कुडी के सेक्टर 2 में स्थित इसी काम्पलेक्स में चलाया जा रहा था कॉल सेंटर।
लड़कियों को दिया जाता था टारगेट
पुलिस ने कॉल सेंटर से 8 लड़कियों को गिरफ्तार किया है। इन लड़कियों का काम कस्टमर को कॉल कर किसी भी तरह अपना कार्ड बेचना था। इसके लिए कॉल सेंटर मालिक मनीष लखारा लड़कियों को प्रतिदिन 10 से 15 मोबाइल नंबर दिए जाते थे। और इनमें से 4 से 5 कार्ड बेचने का उन्हें टारगेट था। इससे ज्यादा कार्ड बेचने पर इन्सेंटिव दिया जाता था।
पुलिस को कॉल सेंटर से करीब 26 सिम मिली है। इन सभी सिम को फर्जी दस्तावेज से उठाया गया था। इसके साथ ही अगल – अलग जिले के कस्टमर के लिए बनाए गए करीब 60 कार्ड भी मिले हैं, जिन्हें कोरियर किया जाना था।
पुलिस ने कॉल सेंटर से मनीष लखारा समेत यहां जॉब करने वाले कुड़ी निवासी आदित्य सिंह, कुड़ी निवासी हर्षिता पंवार, सरस्वती नगर मधुबन निवासी प्रियंका सैन, मधुबन निवासी लक्ष्मी पंवार, सांगरिया फाटक निवासी कुमकुम राठौड़, सेक्टर 4 सी निवासी दिव्यांशी कंवर, वृंदावन सोसायटी निवासी सिमी कौर, मधुबन निवासी दिव्या प्रजापत व मधुबन हाउसिंग बोर्ड मनीषा राजपुरोहित को गिरफ्तार किया है।
इस तरह के कार्ड बनाकर कस्टमर को लगाया जाता था चूना
अभी जांच के कई एंगल, सरगना फरार
बासनी थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि अभी कॉल सेंटर में काम करने वाली 8 युवती व कोरियर का काम करने वाला एक युवक पकड़ में आया है। यह भी कर्मचारी है। साथ ही कॉल सेंटर पर मिले सभी फोन, सिम व अन्य डाटा से जानकारी को जुटाया जा रहा है।
पुलिस कॉल सेंटर के मालिक मनीष लखारा की तलाश कर रही है। मनीष की गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा कि उसे प्रदेश के सभी कार शोरूम से कस्टमर का डेटा कैसे मिलता था और दो सालों में उसके कॉल सेंटर से कितने लोगों को ठगा गया है।
Add Comment