क्या राजस्थान में हुआ 33 ट्रक ड्राइवरों का मर्डर?:ताऊ के पुनर्जन्म के लिए 84 हत्याओं का टारगेट, सीरियल में दिखाई जयपुर की कहानी का सच
जयपुर
क्या राजस्थान में कभी 6 महीने के अंतराल में एक ही नेशनल हाईवे पर 33 ट्रक ड्राइवर गायब हुए और इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।
वहीं क्या कभी स्टेट लेवल एग्जाम की आंसर शीट से भरा ट्रक भी गायब हुआ?
ये दोनों सवाल इसलिए क्योंकि सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के ‘क्राइम पेट्रोल’ सीरियल में कुछ समय पहले प्रसारित हुए एक एपिसोड ’48 Hours’ में राजस्थान में घटित हुई कुछ ऐसी ही आपराधिक कहानी दिखाई गई।
एपिसोड की पूरी कहानी जयपुर, अजमेर और टोंक के बीच के हाईवे ट्रायंगल के इर्द-गिर्द घटती है। इस एपिसोड को यूट्यूब पर ‘Devil’s Triangle’ ( राक्षसी तिराहा) नाम से रिलीज किया गया है।
क्राइम पेट्रोल के इस एपिसोड में दिखाई गई कहानी की जयपुर- अजमेर और टोंक से जुड़े हाईवे से कनेक्शन को लेकर पड़ताल की।
जयपुर, अजमेर और टोंक के बीच के हाईवे ट्रायंगल को सीरियल में राक्षसी तिराहा बताया गया है।
पहले जानिए क्या है एपिसोड की कहानी…
एपिसोड में दिखाया गया है कि जयपुर, अजमेर और टोंक के बीच के हाईवे पर एक क्रिमिनल गैंग एक्टिव है, जो ड्राइवरों की हत्या कर ट्रक बेच देते हैं। गैंग का मास्टमाइंड साइको किलर है।
ये साइको किलर महज 6 महीने में ही 33 से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर देता है। अलग-अलग थानों में दर्ज हुई ट्रक चोरी और महज गुमशुदगी की FIR से राजस्थान पुलिस इस क्राइम पैटर्न को समझ ही नहीं पाती है।आखिर में वो राजस्थान में हुए एक स्टेट लेवल एग्जाम की आंसर शीट से भरे ट्रक को गायब कर लेता है। यहीं से राजस्थान सरकार से लेकर पुलिस में खलबली मचती है। इसके बाद पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम अगले 48 घंटे में ही इस मामले का खुलासा करती है और साइको किलर को गिरफ्तार कर लेती है।
अब पढ़िए वो सच जो इंवेस्टिगेशन में सामने आया
- इस हाईवे पर ट्रक चोरी की कई वारदातें सामने आई है। कई बार ट्रक गायब करने वाली इन गैंग को पकड़ा भी गया है। पिछले साल ही जयपुर की हरमाड़ा थाना पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रक चोरी कर इन्हें मेवात में बेचने वाली एक गैंग का खुलासा किया था, लेकिन ट्रक ड्राइवरों के मर्डर जैसा कोई मामला नहीं था।
- वहीं, साल 2021 में मनोहरपुर-दौसा नेशनल हाईवे पर रीट पेपर ले जा रहे एक ट्रक के पलटने की भी घटना हुई, लेकिन पुलिस इन्वेस्टिगेशन में ये महज हादसा ही था।
24 सितंबर 2021 को मनोहरपुर दौसा नेशनल हाईवे पर रायसर थाने के पास आवारा मवेशी को बचाने की फेर में कंटेनर अनियंत्रित होकर पलट गया था। कंटेनर में रीट परीक्षा के पेपर होने की बात सामने आई थी।
एपिसोड में दिखाए गए 12 झूठ भी पढ़िए
झूठ 1 : एग्जाम से जुड़ी आंसर शीट की डिलीवरी ट्रक से
जयपुर में रहने वाले सिख ट्रक ड्राइवर अगमजोत सिंह के फोन पर ट्रांसपोर्टर का कॉल आता है और वो ट्रक लोड करने निकल जाता है। उसे राजस्थान में हुए RPC प्रीलिम्स के एग्जाम से जुडी आंसर शीट की डिलीवरी के लिए ले जाना होता है। सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखने के लिए उसके साथ RPC का एक सरकारी अधिकारी भी होता है।
सच ये है : राजस्थान में एग्जाम कंडक्ट कराने के लिए RPSC व राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड है। RPC के नाम से कोई भी सरकारी बोर्ड, संस्था या कमीशन नहीं है जो एग्जाम कंडक्ट कराता हो।
झूठ 2 : जयपुर से अजमेर के बीच 2 लेन हाईवे
ड्राइवर जयपुर-अजमेर हाईवे पर ट्रक चला रहा होता है तो हाईवे 2 लेन दिखाया जाता है। वहीं इस दौरान कुछ समय के लिए ट्रक को कच्चे रास्ते और घने जंगलों के बीच से निकलता दिखाया जाता है।
सच ये है : जयपुर से अजमेर की बीच के हाईवे पर कहीं भी ये सड़क 2 लेन नहीं है। ये हाईवे लंबे समय से 4 लेन है। इतना ही नहीं इस पूरी सड़क पर कहीं भी कच्चा रास्ता नहीं है और घने जंगल भी नहीं हैं।
सीरियल में जयपुर-अजमेर हाईवे को 2 लेन दिखाया गया है, जबकि ये हाईवे लंबे समय से 4 लेन है।
झूठ 3 : अजमेर में MCS यूनिवर्सिटी
जयपुर पुलिस के बड़े अधिकारी के हवाले से अपने अधीनस्थ इन्वेस्टिगेटिव अधिकारियों को ये बताते हुए दिखाया गया है कि RPC से जुड़े पेपर लीक का मुद्दा पहले से ही स्टेट में गर्म है और अब 6 अक्टूबर 2022 को आंसर शीट समेत पूरा ट्रक गायब हो गया। इस ट्रक को जयपुर से अजमेर की MCS यूनिवर्सिटी में भेजा गया था।
यहां एक इन्वेस्टिगेशन पुलिस अधिकारी अपने सीनियर को ये पूछता है कि सर इतने महत्वपूर्ण दस्तावेज को भेजने के लिए एक प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कंपनी को क्यों हायर किया गया? इस पर सीनियर अधिकारी बताता है कि पेपर लीक की घटनाओं के बाद एग्जामिनेशन बोर्ड ने अनौपचारिक ही पूरे रेग्युलेटरी सिस्टम को बदल दिया था।
सच ये है : एपिसोड के इस पार्ट में कहीं भी ये नहीं बताया गया कि इस सीन में दिख रहे पुलिस ऑफिसर्स कौन हैं? वो किस पुलिस स्टेशन या ऑफिस के अधिकारी है ? और न ही ये बताया गया कि ये ट्रक हाईवे पर कहां से गायब हुआ है? अजमेर में MDS यूनिवर्सिटी तो है लेकिन MCS यूनिवर्सिटी के नाम से कोई यूनिवर्सिटी अस्तित्व में नहीं है। इतना ही नहीं इस हाईवे पर पड़ने वाले भांकरोटा, बगरू, दूदू, बांदरसिंदरी, किशनगढ़ और गेगल सहित किसी भी पुलिस स्टेशन में न सिर्फ 6 अक्टूबर 2022 को ऐसी कोई कंप्लेंट रजिस्टर्ड नहीं हुई है।
अजमेर में MDS यूनिवर्सिटी तो है लेकिन MCS यूनिवर्सिटी के नाम से कोई यूनिवर्सिटी अस्तित्व में नहीं है।
झूठ 4 : देहना नाम की जगह से ट्रक गायब
एपिसोड में दिखाया गया कि आंसर शीट्स से भरा ये ट्रक हाईवे पर देहना नाम की जगह के पास से गायब हुआ था। पुलिस अधिकारियों को मिली जीपीएस हिस्ट्री भी यही तक की थी, इसके बाद की जीपीएस हिस्ट्री मिसिंग थी। आखिरी बार ट्रक के सीसीटीवी फुटेज भी यहीं के थे।
सच ये है : जयपुर-अजमेर और टोंक की तरफ के किसी भी हाई वे पर देहना नाम की कोई जगह नहीं है। हालंकि महाराष्ट्र में मुंबई शहर से करीब 130 किलोमीटर दूर हाई वे पर पहाड़ी घाटियों के बीच देहना नाम का एक छोटा सा गांव है। राजस्थान में इस नाम का कोई गांव नहीं है।
झूठ 5 : 6 महीने में 33 ट्रक और उनके ड्राइवर लापता
सीरियल में दिखाया गया है कि उसी इलाके से जयपुर के दूसरे ट्रांसपोर्टर का एक और ट्रक गायब हो जाता है। इस बार वो पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचता है और बताता है कि एक महीने में दो ट्रक गायब हो गए है, क्या कमाएंगे? इस बात से पुलिस हैरान रह जाती है। तुरंत ही ये पता लगाया जाता है कि इस हाईवे पर क्या ऐसी घटनाएं दूसरे थानों में भी हुई है। जानकारी सामने आने पर पुलिस हैरान रह जाती है। पता चलता है कि 6 महीने में 33 से ज्यादा ड्राइवर माल और ट्रक सहित गायब थे।
सच ये है : इस हाईवे पर ट्रक चोरी और माल चोरी की घटनाएं तो होती रहती है, पर महज 6 महीने में 33 से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों का ट्रक सहित गायब हो जाने की घटनाएं कभी भी सामने नहीं आई है।
सीरियल में दिखाए गए इस ट्रक के नंबरों पर गौर करें तो जिले के नंबरों की जगह XX लिखा हुआ है।
झूठ 6 : हाईवे पर होंठ सिली लाश
सीरियल में एग्जाम की आंसर शीट से भरा ट्रक गायब होने के अगले दिन ही सुबह हाई वे के पास जंगल में एग्जाम आइओ गौतम अय्यर की लाश मिलती है। उसके होंठ भी सिले हुए होते हैं।
सच ये है : राजस्थान के इतिहास में भी किसी एग्जाम आइओ की किडनेपिंग और मर्डर कर हाईवे किनारे जंगल में लाश फेंकने की कोई घटना नहीं हुई है। वहीं साल 2022 में तो ऐसी कोई भी वारदात नहीं हुई है, जहां किसी के होंठ सिलकर उसे मारा गया हो।
झूठ 7 : राजस्थान में बाजितपुर नाम का गांव
सीरियल में राजस्थान के बाजितपुर गांव के चंद्रकुल वंश के लोगों की कहानी का जिक्र है। 30 साल पहले गांव की एक बूढ़ी औरत अपने पोते को बताती है कि उसके वंशज पहले राजा थे। हर पूर्णिमा की रात को उसके परदादा चंद्रकुल वंश से जुड़े सभी लोगों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं।
सच ये है : राजस्थान में बाजितपुर नाम का कोई भी गांव अस्तित्व में नहीं है और न ही चंद्रकुल वंश से जुडी कोई किंवदती या कहानी भी यहां कभी प्रचलित रही है। हालांकि बिहार में पटना के पास में बाजितपुर नाम का एक गांव है।
सीरियल में बाजितपुर नाम के एक गांव का जिक्र है, जबकि राजस्थान में ऐसा कोई गांव ही नहीं है।
झूठ 8 : 33 में से 6 ड्राइवरों की मिली लाश
सीरियल में दिखाया गया है कि जयपुर, अजमेर और टोंक के ट्रायंगल के बीच जंगलों में पिछले 6 महीने में गायब हुए 33 ट्रक ड्राइवर में से 6 की लाश मिल जाती है। वहीं इसमें से भी 5 ट्रक ड्राइवर की लाश पर पहने कपड़ों पर एक अलग तरह का डिजाइन भी मिलता है। ये डिजाइन उनके कपड़ों पर गायब होने से पहले नहीं होता है।
सच ये है : राजस्थान में कभी भी इस तरह ट्रक ड्राइवरों की लाशें मिलने की कोई जानकारी आज तक सामने नहीं आई है।
झूठ 9 : पूर्णिमा की रात ड्राइवरों का मर्डर
सीरियल में दिखाया गया कि पड़ताल में पुलिस को पता चलता है कि जो भी ट्रक ड्राइवर अब तक गायब हुआ था, वो पूर्णिमा की एक रात पहले या पूर्णिमा की रात गायब हुआ था। वहीं जो भी लाश मिल रही थी उसके कपड़ों पर तारे की डिजाइन बनी होती।
सच ये है : राजस्थान में आज तक कभी भी संदिग्ध परिस्थितियों में मिले शव के कपड़ों पर तारे की डिजाइन बने होने का ट्रेंड सामने नहीं आया है। वहीं पूर्णिमा की रात या इससे पहले ट्रक गायब होने का भी कोई ट्रेंड कभी नहीं हुआ है।
सीरियल में कई जगह ये बताया नहीं गया है कि दिख रहे पुलिस ऑफिसर्स कौन हैं? वो किस पुलिस स्टेशन या ऑफिस के अधिकारी है ?
झूठ 10 : क्राइम का मास्टरमाइंड एक टेलर
सीरियल में दिखाया गया है कि इस पूरे क्राइम का मास्टरमाइंड एक टेलर होता है, जिसकी दुकान जयपुर के मोहन विहार इलाके में होती है। वह पुलिस अधिकारियों की वर्दी भी सिलता था और इसके चलते उसकी पुलिस में जान-पहचान भी थी। जब पड़ताल में उसका नाम आता है और उसे एक एसआई ढाबे पर पकड़ने जाता है तो वो एसआई का उसकी जीप समेत अपहरण कर भाग जाता है।
सच ये है : जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान में ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है, जिसमें टेलर किसी ऐसे बड़े अपराध का मास्टरमाइंड हो।
झूठ 11 : एसआई की हत्या
किडनेप हुए एसआई की जीप की जीपीएस लोकेशन को ट्रैस कर पुलिस टीम मास्टरमाइंड टेलर को पकड़ लेती है लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही टेलर एसआई की हत्या कर देता है।
सच ये है : साल 2022 में इस तरह किसी पुलिस अधिकारी का सरकारी जीप सहित अपहरण और उसकी हत्या करने का कोई मामला सामने नहीं आया था।
सीरियल में मोहन विहार नाम से एक इलाका जयपुर में दिखाया गया है, जबकि जयपुर में ऐसा कोई इलाका नहीं है।
झूठ 12 : पुर्नजन्म के लिए 84 मर्डर
गिरफ्तार हुआ टेलर पुलिस को बताता है कि वो बाजितपुर गांव का रहने वाला है। कुछ समय पहले उसके ताऊ का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। उसे उसकी दादी ने बताया था कि वो चंद्रकुल वंश के हैं। उसके ताऊ भी चंद्रलोक में हैं। अब उसे धरती पर उनका पुनर्जन्म करवाने के लिए 84 मर्डर करने होंगे। उसने अभी तक 33 ही किए हैं। अभी उसके हाथों 51 लोगों का मरना बाकी है।
सच ये है : राजस्थान में पहले तो बाजितपुर नाम का कोई गांव ही नहीं है। इसके अलावा यहां कभी भी किसी मर्डर इन्वेस्टिगेशन में इस तरह की पुनर्जन्म से जुड़ी कहानी भी सामने नहीं आई है।
मध्य प्रदेश के साइको किलर ने किए थे मर्डर
दरअसल पड़ताल में सामने आया कि ये पूरी कहानी मध्यप्रदेश में भोपाल के एक दर्जी आदेश खामरा की कहानी है। उसकी भोपाल के बाहरी इलाके में एक छोटी सी टेलर की दुकान थी। वहां दिन में वो सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता था और रात को हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों को लूटता और उनके मर्डर कर देता था।
आरोपी आदेश खामरा (सफेद शर्ट में) क्राइम स्टोरी को लेकर कई फिल्में भी बनने वाली हैं।
सितंबर 2018 में भोपाल पुलिस में IPS बिट्टू शर्मा के नेतृत्व में स्पेशल टीम ने उसे यूपी के सुल्तानपुर जिले में हाई वे किनारे जंगल से ही गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही ये खुलासा हुआ था कि उसने अब तक 33 से ज्यादा मर्डर किए थे। फिलहाल आदेश खामरा भोपाल जेल में बंद है। हर मर्डर केस में अलग-अलग सुनवाई चल रही है।
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