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गृह मंत्रालय ने FCRA की वेबसाइट से डिलीट की एनजीओ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, इसे आम जनता के लिए बताया बेमतलब

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गृह मंत्रालय ने FCRA की वेबसाइट से डिलीट की एनजीओ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, इसे आम जनता के लिए बताया बेमतलब
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने फॉरेन कंट्रीब्यूट एक्ट(एफसीआरए) की वेबसाइट से कुछ महत्वपूर्ण डेटा को हटा दिया है। इसमें कई एनजीओ के सालाना रिटर्न की जानकारी और उन एनजीओ की सूची शामिल है, जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने इस कदम पर कोई आधिकारिक बयान जारी नही किया है। लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि ऐसे डेटा को जनता के लिए उपलब्ध होना “बेमतलब” माना गया।बता दें कि एफसीआरए वेबसाइट का इस्तेमाल एनजीओ द्वारा दिए गए लाइसेंसों की जानकारी रखने, विदेशी चंदा पाने के लिए दी गई पूर्व अनुमति से जुड़ी जानकारी, एनजीओ द्वारा लाइसेंस रद्द करने से संबंधित जानकारी, एनजीओ के लाइसेंस की समय सीमा समाप्त होने से जुड़ी जानकारी और उनके सालाना रिटर्न की जानकारी रखने के लिए होता है। हालांकि वेबसाइट के पास अब केवल इन सूचकांकों का ओवरऑल डेटा है।वेबसाइट से इन एनजीओ की पहचान करने वाली सूची को हटा दिया गया है। वहीं वेबसाइट द्वारा एनजीओ के सालाना रिटर्न की जानकारी हासिल करने का अब कोई तरीका नहीं है। डेटा हटाए जाने को लेकर गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जो भी डेटा उपयोगी या आवश्यक नहीं समझा गया उसे हटा दिया गया है।अधिकारी ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने वाले और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने वाले एनजीओ की संख्या पर ओवरऑल डेटा रखा गया है। इसके अलावा गैर सरकारी संगठनों(एनजीओ) को मिलने वाले विदेशी चंदे के तिमाही खातों के रिकॉर्ड भी वेबसाइट से हटा दिए गए हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह कदम इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय द्वारा अधिसूचित एफसीआरए नियमों में किये गये बदलाव के चलते है।दरअसल एक जुलाई को गृह मंत्रालय ने एनजीओ पर लागू भार को कम करने के लिए एफसीआरए नियमों में कई बदलाव किये हैं। इनमें विदेशी चंद की घोषणा से संबंधित नियम भी हैं। जोकि रूल 13 के अंतर्गत है। इस नियम के खंड (बी) को हटाया गया है।जिसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष की एक तिमाही में विदेश से मिलने वाले चंदे का विवरण अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर या केंद्र सरकार द्वारा तय की गई वेबसाइट पर तिमाही के अंतिम दिन के बाद 15 दिनों के भीतर विवरण सहित देना होगा। इसमें चंदा देने वाले दाताओं का विवरण, मिली धनराशी और किस तारीख को यह मिला, जैसे विवरण देने होंगे।

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