NATIONAL NEWS

दुल्हन की न्यूड फोटो दूल्हे को भेजी, शादी टूटी:प्रेमी ने बदले के लिए किया वायरल; रिवेंज पोर्न देता डिप्रेशन या मौत

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

दुल्हन की न्यूड फोटो दूल्हे को भेजी, शादी टूटी:प्रेमी ने बदले के लिए किया वायरल; रिवेंज पोर्न देता डिप्रेशन या मौत

दुल्हन बनी बैठी लड़की से बदला लेने के लिए उसके पूर्व प्रेमी ने उसकी न्यूड फोटो दूल्हे को भेजी और सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दी। पूर्व प्रेमी की इस शर्मनाक हरकत के बाद लड़के वालों ने शादी तोड़ दी।

दरअसल, पूर्व प्रेमी ने शादी का झांसा देकर लड़की के कुछ न्यूड फोटो और वीडियो बना लिए थे। इस आधार पर वह आए दिन लड़की को ब्लैकमेल करता और पैसों की डिमांड भी करता।

लड़की ने तंग आकर जब अपने प्रेमी से रिश्ता तोड़ लिया तो लड़के ने बदला लेने के लिए होने वाले दूल्हे को लड़की के अश्लील फोटो और वीडियो भेज दिए। रायपुर के इस केस के बारे में साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि यह ‘रिवेंज पोर्न’ का मामला है।

वहीं, एक्सपर्ट ने एक और केस के बारे में बताया कि गुरुग्राम की 16 साल की राधिका (बदला हुआ नाम) 12वीं में थी, जब उसका दिल अपनी ही क्लास के एक लड़के पर आ गया। दोस्ती और बढ़ी तो दोनों के बीच चैटिंग होने लगी। एक दिन बातों ही बातों में लड़के ने राधिका से अपनी प्राइवेट फोटो शेयर करने को कहा।

राधिका ने अपनी 5-6 फोटो उस लड़के से शेयर कर दी। इसके बाद लड़के ने कुछ और तस्वीरों की डिमांड की। बाद में राधिका को उसकी एक सहेली ने फोन पर बताया कि एक वेबसाइट पर उसकी सारी तस्वीरें हैं, जिन्हें सारा स्कूल देख रहा है।

यह वेबसाइट बिना सहमति के लड़कियों की पर्सनल फोटो बेचती है। राधिका इस बात से सदमे में है और सुसाइड की कोशिश भी कर चुकी है। असम में एक किशोरी ने अपने साथ हुई रिवेंज पोर्न की घटना के बाद 3 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी।

मगर, अमेरिका की लियाह जूलियट के साथ जब ऐसा हुआ तो उन्होंने खुदकुशी की कोशिश नहीं की। इसके उलट उन्होंने सख्त कदम उठाने का फैसला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो के जरिए सेक्शुअल अब्यूज करने वालों के खिलाफ मुहिम ही छेड़ दी।

उन्होंने ‘मार्च अगेंस्ट रिवेंज पोर्न’ नाम से एक साइबर सिविल राइट्स ऑर्गेनाइजेशन बनाई, जो इमेज आधारित अब्यूज के खिलाफ सख्त कानून लाने और मार्च निकालने जैसे कैंपेन चलाती है।

अमेरिका की सोशल एक्टिविस्ट लियाह जूलियट महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। उन्होंने किशोरावस्था में अपने साथ हुए रिवेंज पोर्न की दास्तां दुनिया को बताई है। उन्होंने नेकेड इन पब्लिक नाम से कविता संग्रह लिखा है, जो काफी चर्चा में रहा था।

अमेरिका की सोशल एक्टिविस्ट लियाह जूलियट महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। उन्होंने किशोरावस्था में अपने साथ हुए रिवेंज पोर्न की दास्तां दुनिया को बताई है। उन्होंने नेकेड इन पब्लिक नाम से कविता संग्रह लिखा है, जो काफी चर्चा में रहा था।

हर तीसरा व्यक्ति रिवेंज पोर्न का शिकार

देश और दुनिया में रिवेंज पोर्न की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। फोटो-वीडियो आधारित सेक्शुअल अब्यूज की प्रॉब्लम कितनी बड़ी है, यह 2020 में हुई एक स्टडी से साफ होता है।

ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन में हुई इस स्टडी में पाया गया कि करीब हर तीसरा व्यक्ति कभी न कभी फोटो-वीडियो आधारित अब्यूज का शिकार हुआ था।

रिवेंज पोर्न यानी बदले की भावना से आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करना

साइबर लॉ एक्सपर्ट डॉ. पवन दुग्गल बताते हैं कि इंटरनेट की दुनिया में ‘रिवेंज पोर्न’ शब्द का मतलब यह हुआ कि बदले की भावना से किसी की न्यूड या सेक्शुअल इमेज या वीडियो को बिना उसकी सहमति के सोशल मीडिया पर पोस्ट करना।

इसमें ऐसी तस्वीरें हासिल करने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाए जाते हैं।

जैसे-किसी के माेबाइल या लैपटॉप को हैक करके उसकी निजी तस्वीरें ले लेना। खुफिया कैमरों की मदद से व्यक्ति की आपत्तिजनक तस्वीरें लेना। या फिर सेक्शुअल असॉल्ट की फोटो या वीडियो बनाना।

कुछ मामलों में ये तस्वीरें या वीडियो सहमति से लिए जाते हैं, मगर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते वक्त सहमति नहीं ली जाती।

ब्रिटिश सरकार ने रिवेंज पोर्न शब्द का दायरा और ज्यादा बढ़ाते हुए कहा है कि गलत इरादे से, किसी को अपमानित करने या किसी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से तस्वीरों को प्राइवेट ग्रुप या ऑनलाइन शेयर करना या सोशल मीडिया पर पोस्ट करना रिवेंज पोर्न कहा जाएगा।

इन तस्वीरों के साथ ही पीड़ित का नाम, नंबर, पता और उसकी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के लिंक संबंधी निजी जानकारी शेयर करना भी इस दायरे में शामिल होगा।

हालांकि रिवेंज पोर्न शब्द को लेकर कई एक्सपर्ट में आम राय नहीं है।

कुछ एक्सपर्ट यह तर्क देते हैं कि कई अपराधी प्रतिशोध से प्रेरित नहीं होते हैं। यह शब्द पीड़ित के आरोपों के आधार पर गढ़ा गया है। उनका कहना है कि रिवेंज पोर्न की जगह इसे इमेज बेस्ड अब्यूज, इमेज बेस्ड सेक्शुअल अब्यूज या नॉन कंसेंशुअल पोर्नाेग्राफी कहा जाना चाहिए।

लड़कों के मुकाबले लड़कियां रिवेंज पोर्न की ज्यादा शिकार

साइबर फोरेंसिक एंड लॉ एक्सपर्ट सोनाली गुहा बताती हैं कि रिवेंज पोर्न की शिकार ज्यादातर लड़कियां होती हैं। ऑनलाइन सेक्शुअल अब्यूज या जेंडर अब्यूज के मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा पीड़ित होती हैं।

ऐसे में इस बात का ध्यान रखें जब कभी भी आप अपने अंतरंग पलों की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी कर रहे हैं तो समझिए कि भविष्य में अपने साथ एक अपराध को बुलावा दे रहे हैं।

सोनाली गुहा कहती हैं कि यह समय की मांग है कि बच्चों और किशोरों को ऐसे अपराधों से बचाने के लिए एजुकेशन सिस्टम में साइबर सेक्शुअल क्राइम के विषय को सोशल स्टडी का हिस्सा बनाकर कंपलसरी किया जाए।

एंग्जाइटी, डिप्रेशन और लंबे समय तक ट्रॉमा से जूझते हैं पीड़ित

रिवेंज पोर्न से पीड़ित की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे पीड़ित एंग्जाइटी, चिड़चिड़ापन, अवसाद और पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) की समस्या से घिर जाते हैं।

2016 में जर्नल फेमिनिस्ट क्रिमिनोलॉजी में छपी एक स्टडी के मुताबिक, पीड़ित लोग पहले तो अपने साथ हुए रिवेंज पोर्न से इनकार करते हैं और खुद ही इलाज करने लग जाते हैं, मगर समय गुजरने के साथ ही वे प्रोफेशनल साइकेट्रिस्ट की मदद लेते हैं।

पीड़ित को होती है शर्मिंदगी, सुसाइड तक का ट्रेंड

2021 में ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया समेत ऐसे कई देश हैं, जहां खुफिया कैमरे का इस्तेमाल किसी की नेकेड फोटो, वॉशरूम या बेडरूम की फोटो लेने में किया जाता है।

दुनिया भर में होटल, टॉयलेट या शॉपिंग मॉल्स के चेंजिंग रूम्स में इस तरह के छोटे हिडन कैमरों का गलत इस्तेमाल हो रहा है।

पीड़ित यह सोचने लग जाता है कि अब उसे सार्वजनिक जगहों पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा। उसकी पढ़ाई-लिखाई या नौकरी के मौके पर असर पड़ेगा। कुछ मामलों में यही सब सोचकर पीड़ित सुसाइड तक कर लेते हैं।

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन या अरब देशों में सेक्स पर लोग सामूहिक रूप से बात करने से झिझकते हैं। उसे गलत मानते हैं।

यही वजह है कि ऑनलाइन सेक्शुअल अब्यूज के शिकार पुरुष और महिलाएं सामने नहीं आते और न ही रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। कुछ को तो ये लगता है कि उन्हें किसी ने बेवकूफ बना दिया है।

कुछ लोग रिवेंज पोर्न का इस्तेमाल ब्लैकमेल कर पैसे बनाने में करते हैं

रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन डेटा एंड सोसाइटी और सेंटर फॉर इनोवेटिव पब्लिक हेल्थ रिसर्च के 2016 में कराए गए एक सर्वे में कहा गया है कि जो लोग रिवेंज पोर्न के लिए अंतरंग फोटो लेते हैं, वो उन्हीं तस्वीरों को दिखाकर पीड़ित को ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते हैं।

या बदला लेने के लिए उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देते हैं।

सर्वे में यह भी कहा गया कि 3 फीसदी अमेरिकी इंटरनेट यूजर्स 15 साल से कम उम्र के हैं, जिनकी न्यूड फोटो या वीडियो को वायरल करने की धमकी दी जाती है तो वे खुद को ठगा हुआ सा महसूस करते हैं और शर्मिंदगी में डूबकर टूट जाते हैं।

रिवेंज पोर्न का गुनहगार कितना भी बचे, पकड़ में आ जाएगा

साइबर लॉ एक्सपर्ट सोनाली गुहा कहती हैं कि यदि कोई व्यक्ति रिवेंज पोर्न जैसे अपराध करके अपने फोन और लैपटॉप से डेटा डिलीट करने के बाद यह सोचता है कि वह पकड़ा नहीं जाएगा तो यह सोचना गलत है।

क्योंकि डेटा फोरेंसिक और डिजास्टर रिकवरी के जरिए सारा डेटा रिकवर किया जा सकता है।

यह जरूर देखें कि जब भी इस डेटा की रिकवरी की जा रही हो वहां एक एक्सपर्ट जरूर मौजूद रहे जो यह सर्टिफिकेट दे कि निकाला गया डेटा इसी डिवाइस से प्राप्त हुआ है।

इसकी #वैल्यू यह है तथा वह 65b `ऐडमिसिबिलिटी आफ डिजिटल एविडेंस का सर्टिफिकेट जारी कर रहा है।

पुलिस के पास जाने से कतरा रहे हैं तो साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद लें

सोनाली गुहा कहती हैं कि अगर किसी की फोटो-वीडियो कहीं वायरल हो गई है और वह पुलिस के पास जाने से बच रहा है तो वह किसी फोरेंसिक एक्सपर्ट की सहायता भी ले सकता है, जिससे ऐसी वेबसाइट्स डाउन करने में कम समय लगता है, जिन पर व्यक्ति की आपत्तिजनक प्राइवेट फोटो-वीडियो हैं।

साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट कुछ एआई स्कैनिंग टूल्स का इस्तेमाल करके यह भी बता देगा कि आपकी शक्ल से मिलते-जुलते चेहरे की फोटो और वीडियो कहां-कहां और किस समय पर अपलोड हुए हैं।

यह एक तरीके का फेस डिटेक्शन सिस्टम होता है जो आपकी वायरल फोटो-वीडियो को आईडेंटिफाई करने में मदद करता है।

रिवेंज पोर्न या सेक्सटॉर्शन के लिए कानून भी अभी पर्याप्त नहीं

साइबर लॉ एक्सपर्ट डॉ. पवन दुग्गल बताते हैं कि रिवेंज पोर्न या सेक्शटॉर्शन जैसे अपराधों के लिए भारत में अभी पर्याप्त कानून नहीं हैं। मौजूदा साइबर कानून कामचलाऊ हैं।

तकनीकी आधारित अपराध के मामले दिनोंदिन जिस तरह नई शक्ल लेकर आ रहे हैं, यह जरूरी है कि उनके लिए अलग से कानून हो।

पवन दुग्गल कहते हैं कि रिवेंज पोर्न या सेक्शटॉर्शन का चलन गलत तरीके से जल्दी पैसे कमाने का जरिया बन चुका है।

आईटी एक्ट की धारा 67 में कहा गया है कि अश्लील कंटेंट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में चाहे वह फोटो हो या वीडियो, सोशल मीडिया पर पोस्ट करना और इंटरनेट पर फैलाना अपराध है।

पहली बार दोषी ठहराए जाने पर पांच साल तक की कैद और 10 लाख तक जुर्माना हो सकता है। वहीं, दूसरी बार में सात साल तक की जेल और 10 लाख तक जुर्माना भी हो सकता है।

अमेरिका और यूरोप में रिवेंज पोर्न के लिए कंपनियां जवाबदेह

अमेरिका में भी बिना सहमति के किसी की पोर्नोग्राफी कानूनन अपराध है। अमेरिका का सेक्शन 230 ऐसा व्यापक कानून है, जो मेटा, ट्विटर जैसी अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनियों को जवाबदेह बनाता है।

भले ही किसी दूसरे ने ऐसा कंटेंट सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हों, मगर जवाब इन कंपनियों को देना होगा।

अमेरिका के इस कानून को ट्रेड एग्रीमेंट्स के जरिए मेक्सिको, कनाडा और जापान जैसे देशों ने भी अपने यहां कानून बनाकर लागू किया है।

इसी तरह यूरोपीय यूनियन ने भी इन मामलों से जुड़े करीब 2000 दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत अगर किसी वेबसाइट के सर्वर पर ऐसा गैरकानूनी मैटीरियल है तो सोशल मीडिया कंपनियां खुद ही इसे वहां से फौरन हटा देंगी।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!