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देशभर के एक हजार से अधिक मूक-बधिर बच्चों ने सीखे हुनरमंद बनने के गुर

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पांच दिवसीय शिविर आयोजित
मूक-बधिर बच्चों का कौशल विकास समाजिक न्याय की दिशा में अभिनव प्रयास-कुमावत
हुनर विकास के जरिए ही मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे मूक बधिर बच्चे – गहलोत

मीसो तथा अनाम प्रेम संस्था द्वारा आयोजित किया गया शिविर

बीकानेर, 30 सितम्बर। मूक-बधिर बच्चों में कौशल विकास हेतु डागा पैलेस में आयोजित पांच दिवसीय शिविर में पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को शिरक़त की। महावीर इंटरकोन्टिनेटल सर्विस आर्गेनाइजर और अनाम प्रेम संस्थान द्वारा इस शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि महावीर इंटरकोन्टिनेटल सर्विस आर्गेनाइजर द्वारा मूक-बधिर बच्चों के कौशल प्रशिक्षण के लिए मानव सेवा के भाव से ओतप्रोत यह शिविर समाज के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने शिविर के आयोजकों को इस पुनीत कार्य के लिए बधाई दी और कहा कि हर हाथ को हुनरमंद बनाना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है। वंचित वर्ग के बच्चों के विकास और उन्हें आजीविका के लायक बनाने की दिशा में ये संस्थाएं सराहनीय काम कर रही है। रोजागारोन्मुखी शिक्षा इन बच्चों के लिए अति आवश्यक है। हाथ का हुनर सीख कर आगे चलकर ये बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे तथा देश के विकास में भी योगदान दे सकेंगे। कुमावत ने इस कार्य में सरकार के सतत सहयोग की बात कही और कहा कि वंचित और कमजोर वर्ग को राहत देने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है।
इस अवसर पर समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि महावीर इंटरकोन्टिनेटल सर्विस आर्गेनाइजर तथा अनाम प्रेम संस्था द्वारा देशभर के 1100 मूक-बधिर बच्चों को हुनरमंद बनाने की दिशा में यह अभिनव प्रयास किया गया है। यह शिविर हर हाथ को हुनरमंद और आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के सपने को साकार करने की दिशा में अहम योगदान देगा। उन्होंने कहा कि मूक-बधिर पैदा होना विधि का विधान है लेकिन इन संस्थानों के सहयोग से इस श्रेणी के बच्चों को भी समाज की मुख्य धारा में लाया जा सकेगा। हुनर के जरिए वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन‌ सकेंगे। समाज के वचित वर्ग को उत्थान के लिए किया गया मानव सेवा का यह कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा इस वर्ग के लिए सहायक अंग व उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं। इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए भी सहयोग किया जा रहा है। कार्यक्रम में महापौर श्रीमती सुशीला कंवर राजपुरोहित ने भी इस अभिनव प्रयास की बधाई दी।
गोल्डन बुक आफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए गए दो रिकॉर्ड
गोल्डन बुक आफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड से डॉ मनीष बिश्नोई ने इस शिविर के अभ्यर्थियों द्वारा दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में मूक-बधिर बच्चों को एक साथ शैक्षणिक भ्रमण करवाने को गोल्डन बुक आफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। साथ ही एक साथ हजार से अधिक मूक-बधिर बच्चों द्वारा राष्ट्र गान परफार्म करने को भी गोल्डन बुक आफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड के रूप में दर्ज किया गया है। महावीर इटरकोन्टिनेटल सर्विस आर्गेनाइजर के अध्यक्ष पुष्प जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि इस शिविर में देशभर के 1100 बच्चों को विभिन्न विषयों पर कौशल प्रशिक्षण देकर सहानुभूति के स्थान पर सह अनुभूति देने का प्रयास किया गया है। जन्मजात अंधेपन से पीड़ित बच्चों के हुनर विकास के लिए भी संस्था द्वारा शिविर आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में संस्था के महासचिव लोकेश कावडिया ने शिविर में दिए गए विभिन्न प्रशिक्षणों और दिनचर्या की जानकारी दी तथा संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया।
इस अवसर पर चम्पा लाल गेदर, ओमप्रकाश दिहाणी, कैलाश कुमावत, राजेश कोचर, शुभकरण बोथरा, बसंत नोलखा, सुशील डागा, कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह डागा, अनाम संस्था से सतीश नागरे, अजय सेठिया, सुमन छाजेड़, मंजू जैन, मीना लखोटिया,सहित अन्य गणमान्य नागरिक, मूक‌ बधिर विद्यार्थी और शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मीसो तथा अनाम प्रेम के पदाधिकारियों का सम्मान भी किया गया।
महावीर कोनटिनेटल और अनाम प्रेम द्वारा आयोजित शिविर में एक हजार से अधिक बच्चों को विभिन्न विषयों में कौशल प्रशिक्षण दिया गया तथा विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की जानकारी दी गई।

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