जयपुर, 22 मई। देश को सूचना तकनीक से जोडक़र आधुनिक भारत के निर्माण मेें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न राजीव गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। नई योजनाओं को लागू कर नवाचार करते हुए उन्होंने देश को आगे बढ़ाया। उनके कार्य सदैव प्रेरणादायी रहे और हमें मार्गदर्शन देते रहेंगे। गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा की ओर से शनिवार को ‘आधुनिक भारत के निर्माण में राजीव गांधी का योगदान’ विषयक वेबिनार में अतिथियों ने भारत रत्न राजीव गांधी को नमन करते हुए उनके कार्यों को याद किया।
वेबिनार के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने एवं सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए कार्य किया। लोकतंत्र की पहुंच गांव तक हुई है । आज भारत में ग्राम पंचायत स्तर पर जन सहभागिता बड़ी है तथा महिलाओं की भागीदारी भी हुई। राजीव गांधी की सोच का ही परिणाम था कि मतदान के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनजातीय विकास मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने गांव-गांव में पीसीओ खुलवाए, जिसका रूप बदलकर आज हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल पहुंच चुका है। यह सब दूरसंचार क्रांति की ही देन है। उनके द्वारा स्थापित नवोदय आवासीय विद्यालय में गांव के विद्यार्थी पढक़र अपना भविष्य संवार रहे हैं।
स्वागत उदबोधन देते हुए कुलपति प्रो.आईवी त्रिवेदी ने वेबिनार की विषय वस्तु को सामयिक बताया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने दूरसंचार क्रांति, कंप्यूटरीकरण, वोटिंग एज में परिवर्तन, पंचायती राज में सुधार, शिक्षा नीति 1986 आदि सौगाते इस देश को दी हैं। उन्होंने विषम परिस्थितियों में देश की 6वें प्रधानमंत्री के रूप में बागडोर संभाली तथा भारत को आधुनिक बनाने के लिए विभिन्न कार्य किए। उनकी जीवनी पढक़र युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर. एस. राय निदेशक शोध एमिटी विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा ने बताया कि स्वर्गीय राजीव गांधी मात्र 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने जो अभी तक के सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। विद्यालयों में शिक्षा का स्तर एवं पंजीकरण बढ़ाने के लिए मिड डे मील जैसी योजना प्रारंभ की। एमटीएनएल जैसी कंपनियों की स्थापना की। वे युवाओं के रोल मॉडल थे तथा टीम वर्क के रूप में कार्य करते थे। राय ने कहा की स्वर्गीय राजीव गांधी ने 80 के दशक में ही देश में इम्यूनाइजेशन पर जोर दिया।प्रोफेसर संजय लोढ़ा पूर्व विभागाध्यक्ष राजनीतिक विज्ञान विभाग मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर ने राजीव गांधी की विदेश एवं घरेलू नीति पर विचार व्यक्त किए। वह यथार्थवादी, आदर्शवादी, अंतरराष्ट्रीय सोच के व्यक्तित्व थे। उनके द्वारा निर्गुट सम्मेलन, एवं शीत युद्ध के समय भारत के द्वारा विभिन्न संतुलित निर्णय लिए गए। उनके द्वारा शांति स्थापना हेतु 6 देशों का संगठन बनाया गया जिसमें अर्जेंटीना, मेक्सिको, स्वीडन तंजानिया, ब्राजील, भारत सम्मिलित थे।
प्रोफेसर हरिवंश चतुर्वेदी निदेशक बीमटेक, नोएडा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी का राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने, समावेशी समाज की स्थापना करने, बहुलतावाद को बढ़ावा देने, धर्मनिरपेक्ष की स्थापना करने, दलितों, जनजातीय एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हितों की रक्षा करने आदि के लिए काम किया। उनका मुख्य फोकस रोजगार उत्पन्न करना था उनके द्वारा टेलीकॉम और आईटी इंडस्ट्री की स्थापना की गई। उनके द्वारा भारत में माइक्रोचिप उद्योग की स्थापना, सीडॉट की स्थापना जिससेदेश में दूरसंचार क्रांति प्रारंभ हुई। भारत में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन विश्वविद्यालय की स्थापना की गई, जिसमें लगभग 70 लाख लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं ।
वेबीनार का संयोजन एवं संचालन शोध निदेशक डॉ अशोक कुमार काकोडय़िा ने किया। संयोजक डॉ लक्ष्मण परमार थे।
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