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पाकिस्तान बना रहा देश का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट:1200 मेगावाट होगी क्षमता, चीन की मदद से डिजाइन तैयार किया

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पाकिस्तान बना रहा देश का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट:1200 मेगावाट होगी क्षमता, चीन की मदद से डिजाइन तैयार किया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ  ने चश्मा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (चश्मा-5) की 5वीं इकाई के कार्यक्रम का अनावरण किया। - Dainik Bhaskar

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चश्मा परमाणु ऊर्जा संयंत्र (चश्मा-5) की 5वीं इकाई के कार्यक्रम का अनावरण किया।

पाकिस्तान बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए देश का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तान की न्यूक्लियर एजेंसी ने मंजूरी दे दी है। इस प्लांट की डिजाइन चीन की कंपनी हुआलोंग ने की है।

पाकिस्तान की न्यूक्लियर एजेंसी (PNRA) ने बयान जारी कर कहा कि C-5 पावर प्लांट के लिए लाइसेंस जारी कर दिया गया है और इसकी क्षमता 1200 मेगावाट होगी।

C-5 तीसरी पीढ़ी का एडवांस प्रेशराइज्ड वॉटर रिएक्टर है। इसमें डबल-शेल कंटेनमेंट और रिएक्टर-फिल्टर वेटिंग सिस्टम भी हैं। इसे बनाने में करीब 3.7 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे।

यह प्लांट 60 साल तक अपनी सेवाएं देगा। पाकिस्तान में इस डिजाइन का यह तीसरा न्यूक्लियर पावर प्लांट होगा। इसके अलावा दो और प्लांट कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूनिट 2 और 3 हैं जो कि पहले से ही काम कर रहे हैं।

रेडिएशन प्रोटेक्शन, न्यूक्लियर सेफ्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट की हुई जांच

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग ने इस साल अप्रैल में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था और उसने इसके साथ ही प्रारंभिक सुरक्षा आंकलन रिपोर्ट और परमाणु सुरक्षा, रेडिएशन प्रोटेक्शन, इमरजेंसी की तैयारी, वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े परिचालन संबंधी पहलुओं और डिजाइन के बारे में कई डॉक्यूमेंट्स भेजे थे।

पाकिस्तान में अभी टोटल न्यूक्लियर पावर कैपेसिटी करीब 3500 मेगावाट है जो देश के कुल पावर प्रोडक्शन का लगभग 27 प्रतिशत है। पाकिस्तान के पास कराची-3 नाम का न्यूक्लियर प्लांट भी है जिसकी क्षमता करीब 1000 मेगावाट है।

पाकिस्तान में अभी 6 न्यूक्लियर पावर प्लांट है।

पाकिस्तान में अभी 6 न्यूक्लियर पावर प्लांट है।

2023 में पाकिस्तान में दूसरा बड़ा ग्रिड ब्रेकडाउन आया था

इससे पहले 23 जनवरी 2023 को पूरा पाकिस्तान अंधेरे में डूब गया था। यह 2 सालों में देश में दूसरा बड़ा ग्रिड ब्रेकडाउन था। ज्यादातर इलाकों में ब्लैकआउट लगभग 12-13 घंटे तक चला, जबकि कई गांवों में 24 से 72 घंटे तक लोग बिना बिजली के रहे। इस दौरान राजधानी इस्लामाबाद और उसके पड़ोसी शहर रावलपिंडी में लगभग 8 घंटे बाद पावर सप्लाई शुरू हुई।

ब्लैकआउट के कारण इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं प्रभावित हुईं थी। कई कंपनियों और अस्पतालों ने कहा कि उन्होंने बैकअप जनरेटर का इस्तेमाल किया। ब्लैकआउट के कारण टेक्सटाइल इंडस्ट्री को करीब 70 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। लोगों को कई जगहों पर पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा था। कई ATM ने भी काम करना बंद कर दिया था।

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