NATIONAL NEWS

प्रशासन और पुलिस ने झाड़ा पल्ला, पीबीएम में भर्ती 8 वर्षीय हैवानियत के शिकार, मासूम के लिए वरदान बनी असहाय सेवा संस्थान

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

प्रशासन और पुलिस ने झाड़ा पल्ला, पीबीएम में भर्ती 8 वर्षीय हैवानियत के शिकार, मासूम के लिए वरदान बनी असहाय सेवा संस्थान
बीकानेर बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से घायल हैवानियत की शिकार बालक से प्रशासन और पुलिस दोनों ने पल्ला झाड़ लिया ऐसी स्थिति में और सेवा संस्थान ही बालक के इलाज और देखने का कार्य कर रही है उल्लेखनीय है कि गत दिनों आठ वर्षीय मासूम को हैवानियत की हद से भी अधिक प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था। यह गंभीर रुप से घायल बच्चा पीबीएम ट्रोमा सेंटर में भर्ती है। हैवानों ने उसकी जीभ काट दी, एक आंख फोड़ दी, जबड़ा व दांत तोड़ दिए। गर्दन में भी फ्रैक्चर बताए जा रहे हैं। बच्चा दर्द के मारे चीख रहा है। यह बच्चा सूरतगढ़ पुलिस को मिला था तब सूरतगढ़ सिटी पुलिस के एएसआई बलजीत सिंह ने बताया था कि कुछ महिलाएं पूजन के लिए माणकसर-हनुमानगढ़ रोड़ की तरफ गई थी। वहां जंगलों में हाथ पैर बंधा बच्चा दिखा। पुलिस को सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे की नब्ज जांची तो पता चला वह जिंदा है। उसे बोरी से निकालकर हाथ पैर खोले गए। पानी के छींटें मारे तो वह थोड़ा होश में आया। पुलिस उसे तुरंत सूरतगढ़ सीएचसी ले गई, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे श्रीगंगानगर जिला चिकित्सालय रैफर किया गया। श्रीगंगानगर से जांचों के बाद उसे बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रैफर कर दिया गया था । जहां से बाद में उसे पीबीएम ट्रोमा में उसे भर्ती किया गया।
इस बच्चे की उम्र आठ वर्ष है। जीभ आधी काट दी गई है, इसलिए आवाज भी साफ नहीं आ रही है। पुलिस ने बच्चे से नाम पूछा तो ऐसा लगा जैसे वह माधव बोल रहा है। अभी तक पुष्टि नहीं हुई है मगर पुलिस पूछताछ में अब तक ये पता चला है कि बच्चा सूरतगढ़ का नहीं है। वह किसी स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर आया था। साथ में मां और बाबा का होना बता रहा है, मगर अस्पष्ट आवाज की वजह से पुष्टि नहीं हो रही। बच्चे के अनुसार उसे बाबा ने मारा है। ये बाबा पिता भी हो सकता है या कोई तांत्रिक भी हो सकता है। बालक की स्थिति देखकर मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है जिस हद तक बालक के साथ हैवानियत और क्रूरता की गई है वह मानस को हिलाने के लिए काफी है।
इधर असहाय सेवा संस्थान के अनुसार अब अस्पताल प्रशासन और पुलिस दोनों ही बालक की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, जिसके चलते बालक की जिम्मेदारी पूरी तरह से असहाय सेवा संस्थान ही वहन कर रही है ।संस्थान द्वारा बालक की पूर्ण देखरेख तथा इलाज करवाया जा रहा है। संस्थान के अशोक कच्छावा, मोहम्मद जुनेद, मोहम्मद ताहिर, मोहम्मद इरफान,अब्दुल सत्तार ,राजकुमार खडगावत और मोहम्मद रमजान बालक की देखभाल में जुटे हैं।बालक की स्थिति पहले से बेहतर है परंतु बालक की जीभ कटी होने के कारण वह जो बताना चाह रहा है वह पूरी तरह समझ में नहीं आ रहा रहा है। बालक को इस हाल में पहुंचाने वाले अब तक पुलिस की पहुंच से बाहर है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!