DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS WORLD NEWS

फ्रांस में मिली सफेद हाइड्रोजन क्या बला है, जिसे वैज्ञानिक बता रहे खजाना, क्या बनेगी दुनिया की रक्षक?

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

फ्रांस में मिली सफेद हाइड्रोजन क्या बला है, जिसे वैज्ञानिक बता रहे खजाना, क्या बनेगी दुनिया की रक्षक?

सफेद हाइड्रोजन एक प्रकार की हाइड्रोजन है जो प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। यानी इसे किसी लैब में नहीं तैयार किया जा सकता। लैब में बनी हाइड्रोजन जहां पर्यावरण के कई नुकसान करती है, वहीं व्हाइट हाइड्रोजन ग्लोबल वॉर्मिंग और पॉल्यूशन से बचाने में धरती के लिए वरदान जैसी साबित हो सकती है। अभी तक व्हाइट हाइड्रोन की मात्रा बहुत कम है। ये पहली बार है जब इसका इतना बड़ा भंडार मिला है।

हाइलाइट्स

  • फ्रांस में मिला है व्हाइट हाइड्रोजन का ये भंडार
  • बंद पड़ी खदान के नीचे वैज्ञानिकों को मिली व्हाइट हाइड्रोजन
  • दो वैज्ञानिकों की ये खोज बदल सकती है फ्रांस और दुनिया की किस्मत

पेरिस: फ्रांस में दो वैज्ञानिकों को जमीन के अंदर एक ऐसा खजाना मिला है, जिसकी दुनियाभर में चर्चा है। माना जा रहा है कि जलवायु संकट से दुनिया को बचाने में ये बहुत मददगार हो सकती है। उत्तर पूर्वी फ्रांस की जमीन के नीचे मिले इस खजाने का नाम सफेद हाइड्रोजन है। जिसे गोल्डन हाइड्रोजन के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला आणविक हाइड्रोजन है। फ्रांस के नेशनल सेंटर ऑफ साइंटिफिक रिसर्च में डायरेक्टर दो वैज्ञानिक जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो ने ये खोज की है

जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो जमीन के नीचे जीवाश्म ईंधन की तलाश में जुटे थे तो शायद उन्हें ऐसी किसी की खोज की उम्मीद नहीं थी जो जलवायु संकट से निपटने में मददगार बन सकती है। दोनों उत्तर पूर्वी फ्रांस में लोरेन खनन बेसिन में मीथेन की मात्रा का आकलन कर रहे थे, जो पानी में घुली गैसों का विश्लेषण करने में सक्षम थी। तभी उनको यहां व्हाइट हाइड्रोजन होने का अहसास हुआ।


जमीन के नीचे मिला व्हाइट हाइड्रोजन का बड़ा भंडार

जमीन के कुछ सौ मीटर नीचे हाइड्रोजन की लॉ कंसन्ट्रेशन पाई गई। ये दोनों वैज्ञानिकों के लिए यह बहुत आश्चर्य नहीं था लेकिन जैसे-जैसे जांच गहरी होती गई, एकाग्रता बढ़ती गई। 1,100 मीटर नीचे यह 14% और 1,250 मीटर नीचे यह 20% तक पहुंच गया। पिरोनोन ने कहा, यह आश्चर्यजनक था। इसने नीचे हाइड्रोजन के एक बड़े भंडार की उपस्थिति का संकेत दिया। हमारा अनुमान है कि यहां 6 मिलियन से 250 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन हो सकता है।

पिरोनोन का कहना है कि ये अब तक खोजे गए सफेद हाइड्रोजन के सबसे बड़े भंडारों में से एक हो सकता है। व्हाइट हाइड्रोजन को नेचुरल प्राकृतिक, गोल्ड और जियोलेजिक हाइड्रोजन भी कहा जाता है। यह प्राकृतिक रूप से पैदा होता है और जलवायु के लिए बहुत अच्छा है। सफेद हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला आणविक हाइड्रोजन है। ये लैब या उद्योग में तैयार होने वाले हाइड्रोजन से बहुत अलग है। व्हाइट हाइड्रोजन के उलट ग्रे, भूरा और काला हाइड्रोजन जीवाश्म स्रोतों से उत्पन्न होता है। इस सभी हाइड्रोजन का उत्पादन करते समय कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है और दूसरी हानिकारक ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित होती हैं। जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं।

व्हाइट हाइड्रोजन रिसायकेबल है। इस हाइड्रोजन से प्रदूषण नहीं होता है। इसीलिए इस हाइड्रोजन को सफेद कहा जाता है। व्हाइट हाइड्रोजन को बहुत ही कम लागत में एकत्रित करके उपयोग में लाया जा सकता है। सफेद हाइड्रोजन में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत बनने की क्षमता है। लेकिन अभी तक सफेद हाइड्रोजन प्रकृति में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है।

कई देशों की उर्जा जरूरत हो सकती है पूरी

लोरेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि लोरेन की कोयला खदान के नीचे प्राकृतिक हाइड्रोजन का भंडार दुनिया में सबसे बड़ा है। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि इस हाइड्रोजन का उपयोग किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फ्रांस ही नहीं कई देशों की ऊर्जा जरूरतें आसानी से पूरी हो सकती हैं। ऐसे में जलवायु संकट से जूझ रही दुनिया के लिए ये एक बहुत बड़ी राहत की तरह होगा। इसीलिए व्हाइट हाइड्रोजन के बड़े भंडार को दुनिया के रक्षक की तरह से देखा जा रहा है।

फ्रांस में मिले व्हाइट हाइड्रोजन के भंडार के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी ये भी देखना है कि प्राकृतिक हाइड्रोजन का ये भंडार पूरे क्षेत्र में समान रूप से फैला हुआ है या नहीं। शोधकर्ता मान रहे हैं कि खाली पड़ी कोयला खदान में 3,000 मीटर की गहराई तक पहुंचकर आगे का रिसर्च किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उस गहराई पर कितना सफेद हाइड्रोजन मौजूद है। अगले साल बड़े स्तर पर इसके लिए खोज शुरू होगी।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!