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बीकानेर राजपरिवार के ट्रस्ट विवाद में ऐतिहासिक फैसला: आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर ने सहायक आयुक्त के आदेश को किया निरस्त

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बीकानेर। बीकानेर राजपरिवार द्वारा स्थापित ट्रस्टों में नए ट्रस्टी नियुक्ति को लेकर उत्पन्न विवाद पर आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर ने बड़ा फैसला सुनाया है। आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए सहायक आयुक्त देवस्थान, बीकानेर द्वारा गत 27 मई 2024 को जारी आदेश को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, ट्रस्टों में 27 मई 2024 से पहले की स्थिति बहाल कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि बीकानेर राजपरिवार द्वारा स्थापित ट्रस्टों में वर्किंग ट्रस्टी ठा. हनुवंतसिंहजी सहित अन्य ट्रस्टियों को सहायक आयुक्त देवस्थान, बीकानेर ने 27 मई 2024 को हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी, प्रिंसेस मधुलिका कुमारी और ठा. हनुवंतसिंह सहित अन्य ट्रस्टियों को हटाकर नए ट्रस्टियों की नियुक्ति की गई थी। सहायक आयुक्त ने आदेश जारी करते समय तीन प्रमुख आधार प्रस्तुत किए थे जिसमें सिद्धि कुमारी को परिवार की वरिष्ठ सदस्य मानते हुए प्राथमिकता दी गई।वर्किंग ट्रस्टी ठा. हनुवंतसिंह के हस्ताक्षर को फर्जी माना गया।
राजमाता सुशीला कुमारी की वसीयत के आधार पर पुराने ट्रस्टियों को हटाकर नए ट्रस्टियों की नियुक्ति की गई।
इस आदेश के खिलाफ ठा. हनुवंतसिंहजी ने आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर के समक्ष अपील दायर की। आयुक्त महोदय ने उपलब्ध दस्तावेजों, दोनों पक्षों की बहस और राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया। आयुक्त ने सहायक आयुक्त के आदेश को विधिसम्मत नहीं मानते हुए निरस्त कर निर्णय में प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी को बीकानेर राजपरिवार की वरिष्ठ सदस्य माना गया।
हस्ताक्षरों की सत्यता: ठा. हनुवंतसिंह के हस्ताक्षरों को बिना पर्याप्त साक्ष्य के फर्जी नहीं माना जा सकता।
वसीयत बनाम ट्रस्ट डीड में आयुक्त ने स्पष्ट किया कि ट्रस्टों का संचालन ट्रस्ट डीड के अनुसार होता है, न कि राजमाता की वसीयत के अनुसार। वसीयत केवल व्यक्तिगत संपत्तियों तक सीमित हो सकती है, ट्रस्टों पर इसका कोई प्रभाव नहीं है।
आयुक्त के आदेश के बाद बीकानेर राजपरिवार के ट्रस्टों में 27 मई 2024 से पहले की स्थिति बहाल हो गई है। पुराने ट्रस्टियों को वापस उनकी भूमिका में बहाल कर दिया गया है।
ट्रस्टों की अध्यक्षा प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी और वर्किंग ट्रस्टी ठा. हनुवंतसिंहजी ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने आमजन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महाराजा डॉ. करणीसिंहजी द्वारा स्थापित ट्रस्टों के माध्यम से लोकहित और जनकल्याण के कार्य पूर्व की भांति जारी रहेंगे।
राजपरिवार ने यह भी दोहराया कि ट्रस्टों का उद्देश्य सदैव से समाज की सेवा और लोकहितकारी योजनाओं को संचालित करना रहा है। उन्होंने सभी समर्थकों और शुभचिंतकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे समाजहित में समर्पित रहेंगे।
यह निर्णय न केवल बीकानेर राजपरिवार के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह ट्रस्टों के संचालन में पारदर्शिता और कानून सम्मत प्रक्रिया की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

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