भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर राज्यों को नई गाइडलाइन जारी की गई है ।
इस गाइडलाइन के अनुसार किसी भी क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करने से पूर्व उस क्षेत्र में वायरस फैलने की दर देखनी होगी। इसके लिए एविडेंस आधारित निर्णय लेने की अनुशंसा की गई है। जारी गाइडलाइन के अनुसार कंटेंटमेंट क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे वायरस ना फैले, वृहद कंटेनमेंट जोंस बनाने के लिए राज्य अपने स्तर पर पूर्ण निगरानी रखें। इसके लिए जहां पर 10% से अधिक लोग लगातार एक हफ्ते तक पॉजिटिव आए या 60% से अधिक लोग ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू पर हो उन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाए तथा उन्हें कंटेनमेंट जोन में शामिल किया जाए।
कंटेनमेंट जोन में रात का कर्फ्यू ,धारा 144 सहित सख्त कदम उठाए जाएं ।यही नहीं रात के कर्फ्यू की अवधि का पूर्ण निर्णय स्थानीय प्रशासन के हाथ में हो। कोविड-19 वायरस को रोकने के लिए सभी गतिविधियों में यथा सामाजिक ,राजनैतिक, मनोरंजन, खेल ,अकादमिक, सांस्कृतिक धार्मिक तथा त्योहार संबंधी पर रोक लगाई जाए ।शादियों में 50 व्यक्तियों तथा अंतिम यात्रा में 20 व्यक्तियों से अधिक को अनुमति न दी जाए। सभी शॉपिंग कॉमपलेक्स, सिनेमा हॉल ,जिम ,स्विमिंग पूल तथा धार्मिक स्थल बंद कर दिए जाएं ।इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य, पुलिस, बैंक, बिजली ,पानी, सफाई इत्यादि पर पूर्ण ध्यान देते हुए इससे जुड़े हुए पब्लिक एवं प्राइवेट दोनों सैक्टर चालू रखे जाए ।पब्लिक ट्रांसपोर्ट रेल मेट्रो बस इत्यादि 50%क्षमता से चलती रहे ।राजकीय तथा प्राइवेट ऑफिस 50% स्टाफ क्षमता के साथ कार्य करते रहें। शारीरिक दूरी बनाते हुए सभी औद्योगिक एवं वैज्ञानिक कार्य प्राइवेट और गवर्नमेंट सेक्टर में चलते रहे प्रकार के प्रतिबंध 14 दिनों तक लगाए जा सकते हैं। लेकिन किसी भी क्षेत्र को कंटेंटमेंट एरिया घोषित करने से पूर्व वहां जनता को सूचित किया जाए। इन क्षेत्रों में कार्य करने के लिए वॉलिंटियर्स इत्यादि की व्यवस्था की जाए ।सभी जिलों में” टेस्ट ट्रेक ट्रीट वैक्सीनेट “की रणनीति पर कार्य करते हुए कोविड-19 अप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करवाने तथा अधिक सेअधिक टीमें बनाकर टेस्टिंग को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए। इसके साथ ही सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटल को अधिकाधिक जोड़ा जावे ।आईसीयू, बेड ,वेंटिलेटर एंबुलेंस इत्यादि की पूर्ण व्यवस्था की जावे ।क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी बढ़ाई जाए। होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों पर फोन से निगरानी रखी जाए तथा सभी कोविड-19 मरीजों को आइसोलेशन के दौरान नियमों के प्रति पालन की जानकारी दी जावे। जिला स्तर पर राज्यों से ऑक्सीजन ,दवाइयों ,एंबुलेंस की व्यवस्था संबंधी पूर्ण संवाद रहे ।प्रतिदिन के कोविड-19 संबंधी मामलों तथा मृत्यु दर का पूर्ण रिकॉर्ड रखा जाए।इसके साथ ही 100% वैक्सीनेशन को जरूरी मानते हुए वैक्सीनेशन सेंटर में व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए ।हॉस्पिटल्स में खाली बेड की संख्या इत्यादि की व्यवस्था ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जाए ताकि मरीजों को दिक्कत ना हो।
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि कोविड-19 अप्रोप्रियेट बिहेवियर के साथ ही लोगों में विश्वास जागृत करने का कार्य किया जाए कि यदि कोविड-19 के लक्षणों को जल्दी ही पहचान लिया जाता है तथा एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन किया जाता है तो रिकवरी की अत्यंत संभावना है ।
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