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महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर एवं बी. जे. एस. रामपुरिया जैन कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय प्राचार्य- कुलपति संवाद NEP-2020 का आयोजन

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बीकानेर, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर एवं बी. जे. एस. रामपुरिया जैन कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय प्राचार्य- कुलपति संवाद NEP-2020 का आयोजन जयनारायण व्यास नगर के मूर्ति सर्किल कैम्पस में हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ कार्यक्रम में विवि के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने नई शिक्षा 2020 व मिशन 2030 पर बीकानेर जिले के सभी कॉलेज प्राचार्य से संवाद करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति को धरातल पर लाने के लिए वि.वि व महाविद्यालय को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन उसके बावजूद विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को केन्द्र में रखकर बनाई गई शिक्षा नीति को सकारात्मक व प्रभावी ढंग से लागू करने में प्रयास शिक्षक साथियों और शैक्षिक संस्थाओं के प्राचार्यों की महती भूमिका रहेगी।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा बीकानेर संभाग के में विभिन्न जिला मुख्यालयों पर स्थित शैक्षणिक संस्थाओं के प्राचायों से संवाद कर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इससे पूर्व हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर के जिला मुख्यालयों पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया था प्रो. दीक्षित ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण व कौशल आधारित शिक्षा नई शिक्षा नीति का मुख्य आधार है जिसमें भारतीय पुरातन ज्ञान परम्परा और आधुनिकता का समावेश है। नई शिक्षा नीति को सूचना प्रौद्योगिकी एवं नई तकनीक को आधार बनाकर अच्छे व प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है प्रो दीक्षित ने राजस्थान व महत्वाकांक्षी मिशन 2030 पर बात करते हुए कहा कि इसके माध्यम से राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों विशेष रूप से विद्यार्थियों के सुझाव को आमंत्रित कर एक विजन डाक्यूमेंट तैयार कर रही है। इसमें हमारी इस संवाद चर्चा के बिन्दु भी उसमे जोड़े जायेंगे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दिक्षीत ने कहा कि नई शिक्षानीति में किसी विषय के विशेषज्ञ जिसके पास यदि कोई औपचारिक डिग्री न हो लेकिन वह व्यावहारिक ज्ञान रखता है तो ऐसे विशेषज्ञों को प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस (POP) के माध्यम से वि.वि. अपने छात्रों को उनके अनुभव का लाभ देने का प्रयास करेगा ताकि वे कौशल- पूर्ण शिक्षा के माध्यम से रोजगार के नये अवसर प्राप्त कर सकेंगे।

संवाद कार्यक्रम में रामपुरिया जैन महाविद्यालय के प्राचार्य के डॉ. पंकज

जैन ने अतिथियो का स्वागतीय उदबोधन में विश्वविद्यालय का आभार

व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के संवाद कार्यक्रम विश्वविद्यालय और

संस्थाओं के बीच की दूरी को समाप्त करने में कारगार साबित होगे।

संवाद कार्यक्रम मे वि. वि. के रजिस्ट्रार श्री अरूण प्रकाश जी शर्मा ने

कहा कि नई शिक्षा नीति से वि.वि. के प्रशासनिक ढांचे में भी आमूलचूल

परिवर्तन होने जा रहा है। इसी क्रम में परीक्षा नियंत्रक प्रो राजाराम चोयल

ने कहा कि इसी सत्र से स्नातक स्तर पर सभी संकायों में सेमेस्टर प्रणाली

लागू कर दी गई है और प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं जनवरी 2024 में

आयोजित होने जा रही है।

प्राचार्य संवाद कार्यक्रम के संयोजक अतिरिक्त रजिस्ट्रार डॉ बिठल बिस्सा ने कहा कि शिक्षा नीति में शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ-साथ संस्थाओं के शैक्षिक उन्नयन को भी ध्यान में रखा गया है तथा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को इस प्रकार से तैयार किया गया है कि विद्यार्थी के पास वैकल्पिक विषयों के चयन में भी छूट दी गई है। साथ ही वि. वि. शैक्षणिक संस्थाओं व विद्यार्थियों से प्राप्त सुझावों को मिशन 2030 के लिए एकत्रित कर सरकार को भेज में।

आज के संवाद के कार्यक्रम में राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. इन्द्रजीत सिंह, महारानी सुदर्शना कॉलेज की प्राचार्या प्रो. इन्द्रा गोस्वामी, राजकीय बागडी महाविद्यालय नोखा के प्राचार्य प्रा. दिगविजय सिंह जी, के अलावा सिस्टर निवेदिता गल्र्स कॉलेज, नेहरू शारदा पीठ कॉलेज, बिन्नाणी कॉलेज, बेसिक कॉलेज, जैन पी.जी. कॉलेज, जैन गल्स कॉलेज, रावतमल बोथरा कॉलेज, भारती निकेतन, से. सो.मु. कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय श्री डुगरगढ़, राजकीय महाविद्यालय लूणकरणसर तथा जिले के सभी शिक्षण एवं प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे। अंत में रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनन्त जोशी ने सभी का आभार जताया।

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