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रक्षा मंत्रालय ने ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ विषयवस्तु पर पोस्ट- बजट वेबिनार का आयोजन किया

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रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय ने ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ विषयवस्तु पर पोस्ट- बजट वेबिनार का आयोजन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने उद्घाटन भाषण में कहा – हालिया वर्षों के बजट में स्पष्ट रूप से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिखाई दे रहा है

इस साल के बजट में देश के भीतर अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत वातावरण विकसित करने का ढांचा मौजूद है: प्रधानमंत्री

अपने समापन भाषण में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने उद्योगनीत अनुसंधान व विकास के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मेक-1 के तहत कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा की

आइडेक्स-प्राइम ने स्टार्टअप्स की सहायता के लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं का समर्थन करने की घोषणा की

रक्षा मंत्री ने उद्योग, स्टार्ट-अप्स व शिक्षाविदों से आह्वाहन किया कि वे रक्षा निर्माण और अनुसंधान व विकास में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने के लिए सरकार का सहयोग करें
रक्षा मंत्रालय ने 25 फरवरी, 2022 को केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई घोषणाओं पर ‘रक्षा में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ शीर्षक से एक पोस्ट- बजट वेबिनार का आयोजन किया। रक्षा मंत्रालय से संबंधित केंद्रीय बजट 2022-23 ने रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत की सोच को और अधिक प्रोत्साहन प्रदान की है। वहीं, इस वेबिनार का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में सरकार की विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाने में सभी हितधारकों को शामिल करना था।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वेबिनार के अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इसकी विषयवस्तु ‘रक्षा (क्षेत्र) में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ राष्ट्र के मूड को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि इस साल के बजट में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए हालिया वर्षों के प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इसका उल्लेख किया कि दासता की अवधि के दौरान और स्वतंत्रता के तत्काल बाद भी भारत का रक्षा निर्माण काफी मजबूत था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत में निर्मित हथियारों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हालांकि, बाद के वर्षों में हमारे इस कौशल में गिरावट आई। इसके बावजूद यह दर्शाता है कि क्षमताओं की कोई कमी नहीं रही है, न तो तब और न ही अब।”

प्रधानमंत्री ने प्रतिद्वंदियों को चौंकाने वाले एक हिस्सा रखने के लिए रक्षा प्रणालियों के अनुकूलन और विशिष्टता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अद्वितीयता और चौंकाने वाले तत्व तभी हो सकते हैं, जब उपकरण आपके अपने देश में विकसित किए गए हों।” प्रधानमंत्री ने आगे इस बात का उल्लेख किया कि इस साल के बजट में देश के भीतर अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत वातावरण विकसित करने का ढांचा मौजूद है। उन्होंने बताया कि रक्षा बजट का लगभग 70 फीसदी हिस्सा केवल घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है।
अब तक रक्षा मंत्रालय ने 200 से अधिक रक्षा मंचों और उपकरणों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की है। इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने बताया कि घरेलू खरीद के लिए 54 हजार करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के उपकरणों की खरीद प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि तीसरी सूची जल्द आने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने हथियारों की खरीद की लंबी प्रक्रिया पर अफसोस व्यक्त किया। इसके परिणामस्वरूप अक्सर ऐसी स्थिति बनती है, जब सेवा में शामिल करने के समय तक हथियार पुराने हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “इसका समाधान ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ में है।” प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने हथियारों और उपकरणों के मामले में सैनिकों के गौरव और भावनाओं को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हम इन क्षेत्रों में आत्मानिर्भर हों।

प्रधानमंत्री ने दृढ़ संकल्प के साथ प्रगति का एक चमकता हुआ उदाहरण बनने के लिए आयुध कारखानों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पिछले वर्षों में शामिल किए गए सात नए रक्षा उपक्रम तेजी से अपने व्यापार का विस्तार कर रहे हैं और नए बाजारों तक उनकी पहुंच हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने पिछले 5-6 वर्षों में रक्षा निर्यात में 6 गुना बढ़ोतरी की है। आज हम 75 से अधिक देशों को मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण और सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।”

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस वेबिनार का समापन भाषण दिया। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने व एक ‘श्रेष्ठ भारत’ की सोच को प्राप्त करने के लिए कार्यबल में एक नया उत्साह पैदा करने को लेकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे उम्मीद व्यक्त की कि वेबिनार बजट घोषणाओं को गति प्रदान करेगा और उनके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए रास्ता दिखाएगा। उन्होंने भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के सरकार की इच्छा को मजबूत करने को लेकर मूल्यवान इनपुट प्रदान करने के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। इसके अलावा उन्होंने उद्योग और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई घोषणाएं भी कीं। ये निम्नलिखित हैं:

उद्योग आधारित अनुसंधान व विकास के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मेक-I के तहत कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी।
विशेष रूप से निजी उद्योग और स्टार्टअप्स के लिए निर्धारित बजट की निगरानी को लेकर डीजी के अधीन सभी तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा, जिससे आवंटित बजट का पूरी तरह से उपयोग किया जा सके।
क्यूए प्रक्रिया में सुधार किया जाना है, जिससे यह गैर-घुसपैठ, रोकथाम आधारित और इंस्पेक्टर-राज से मुक्त हो सके।
आइडेक्स- प्राइम ने रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ते स्टार्टअप्स की सहायता के लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं का समर्थन करने की घोषणा की।
रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने के अभिन्न अंग के रूप में अनुसंधान व विकास और तकनीकों के विकास को चिह्नित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने उद्योग, अनुसंधान व विकास संगठनों, स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों से आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठाने और भारत को रक्षा तकनीकों में भी आत्मनिर्भर बनाने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा, “2022-23 के वार्षिक बजट में यह घोषणा की गई है कि रक्षा अनुसंधान व विकास को उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षा के लिए खोल दिया जाएगा। रक्षा अनुसंधान व विकास बजट का 25 फीसदी हिस्सा इस उद्देश्य के लिए निर्धारित किया गया है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि आज वेबिनार के दौरान व्यापक चर्चा हुई है।”

रक्षा मंत्री ने रक्षा उद्योग के संभावित विकास और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ‘मेड इन इंडिया’ को ब्रांड बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों के परीक्षण, जांच और प्रमाणन के लिए पर्याप्त सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने रक्षा मंत्रालय व उसके विभिन्न संगठनों द्वारा अनुमति देने, विनियमित करने, प्रोत्साहन देने, सहयोग करने, निगरानी पर्यवेक्षण जांच, परीक्षण व प्रमाणन सुविधा और सेवाओं के लिए एक स्वायत्तशासी निकाय स्थापित करने का निर्णय लिया है। श्री राजनाथ सिंह ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि हितधारकों ने इस निर्णय के बारे में खुलकर चर्चा की, जो इस निकाय की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में सरकार का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी व्यक्त की कि यह देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इसके अलावा श्री राजनाथ सिंह ने इस बात की भी सराहना की कि स्वदेशी अनुसंधान व विकास के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) मॉडल पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एसपीवी मॉडल के जरिए डीआरडीओ व अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य मंचों और उपकरणों के डिजाइन तथा विकास के लिए निजी उद्योग द्वारा जल्द ही कई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बजट में आयात को कम करने और सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक के साथ आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को और अधिक प्रोत्साहन दिया गया है। उन्होंने आगे कहा, “2022-23 के बजट में पूंजीगत खरीद के लिए 68 फीसदी हिस्सा निर्धारित करने के साथ हम घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट में निरंतर बढ़ोतरी कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि घरेलू उद्योग इस बढ़े हुए बजट का उपयोग करने में पूरी तरह सक्षम है। मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि सरकार, मेक इन इंडिया को और अधिक उत्साह के साथ बढ़ावा देने के लिए उद्योग समर्थक नीतिगत पहल जारी रखेगी।” श्री राजनाथ सिंह ने निजी उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों से डीआरडीओ/डीपीएसयू व रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठनों के साथ सहयोग करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया, जिससे रक्षा निर्माण और अनुसंधान व विकास में शिखर को प्राप्त किया जा सके।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) श्री संजीव मित्तल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस वेबिनार में रक्षा मंत्रालय, रक्षा उद्योग, स्टार्टअप्स, अकादमिक और रक्षा क्षेत्र के प्रख्यात वक्ताओं व विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा हुई। इसके अलावा हितधारकों के साथ संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया।

इस वेबिनार में निम्नलिखित चार विषयों पर ब्रेकआउट सत्र शामिल थे:

घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट में प्रगतिशील बढ़ोतरी – (अवसर और चुनौतियां)
देश में सर्वांगीण रक्षा अनुसंधान व विकास से संबंधित वातावरण विकसित करना
डीआरडीओ और अन्य संगठनों के साथ उद्योगों द्वारा विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी)
व्यापक परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए- एक स्वतंत्र नोडल व्यापक निकाय की स्थापना
बजट की घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के संबंध में एक सहभागी दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से सत्र की योजना इस तरह बनाई गई थी, जिससे हितधारकों के साथ बातचीत के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सके।

रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय ने ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ विषयवस्तु पर पोस्ट- बजट वेबिनार का आयोजन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने उद्घाटन भाषण में कहा – हालिया वर्षों के बजट में स्पष्ट रूप से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिखाई दे रहा है

इस साल के बजट में देश के भीतर अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत वातावरण विकसित करने का ढांचा मौजूद है: प्रधानमंत्री

अपने समापन भाषण में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने उद्योगनीत अनुसंधान व विकास के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मेक-1 के तहत कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा की

आइडेक्स-प्राइम ने स्टार्टअप्स की सहायता के लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं का समर्थन करने की घोषणा की

रक्षा मंत्री ने उद्योग, स्टार्ट-अप्स व शिक्षाविदों से आह्वाहन किया कि वे रक्षा निर्माण और अनुसंधान व विकास में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने के लिए सरकार का सहयोग करें
रक्षा मंत्रालय ने 25 फरवरी, 2022 को केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई घोषणाओं पर ‘रक्षा में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ शीर्षक से एक पोस्ट- बजट वेबिनार का आयोजन किया। रक्षा मंत्रालय से संबंधित केंद्रीय बजट 2022-23 ने रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत की सोच को और अधिक प्रोत्साहन प्रदान की है। वहीं, इस वेबिनार का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में सरकार की विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाने में सभी हितधारकों को शामिल करना था।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वेबिनार के अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इसकी विषयवस्तु ‘रक्षा (क्षेत्र) में आत्मनिर्भरता – कार्रवाई का आह्वाहन’ राष्ट्र के मूड को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि इस साल के बजट में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के लिए हालिया वर्षों के प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इसका उल्लेख किया कि दासता की अवधि के दौरान और स्वतंत्रता के तत्काल बाद भी भारत का रक्षा निर्माण काफी मजबूत था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत में निर्मित हथियारों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हालांकि, बाद के वर्षों में हमारे इस कौशल में गिरावट आई। इसके बावजूद यह दर्शाता है कि क्षमताओं की कोई कमी नहीं रही है, न तो तब और न ही अब।”

प्रधानमंत्री ने प्रतिद्वंदियों को चौंकाने वाले एक हिस्सा रखने के लिए रक्षा प्रणालियों के अनुकूलन और विशिष्टता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अद्वितीयता और चौंकाने वाले तत्व तभी हो सकते हैं, जब उपकरण आपके अपने देश में विकसित किए गए हों।” प्रधानमंत्री ने आगे इस बात का उल्लेख किया कि इस साल के बजट में देश के भीतर अनुसंधान, डिजाइन और विकास से लेकर विनिर्माण तक एक जीवंत वातावरण विकसित करने का ढांचा मौजूद है। उन्होंने बताया कि रक्षा बजट का लगभग 70 फीसदी हिस्सा केवल घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है।
अब तक रक्षा मंत्रालय ने 200 से अधिक रक्षा मंचों और उपकरणों की सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की है। इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने बताया कि घरेलू खरीद के लिए 54 हजार करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के उपकरणों की खरीद प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि तीसरी सूची जल्द आने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने हथियारों की खरीद की लंबी प्रक्रिया पर अफसोस व्यक्त किया। इसके परिणामस्वरूप अक्सर ऐसी स्थिति बनती है, जब सेवा में शामिल करने के समय तक हथियार पुराने हो सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “इसका समाधान ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ में है।” प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने हथियारों और उपकरणों के मामले में सैनिकों के गौरव और भावनाओं को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हम इन क्षेत्रों में आत्मानिर्भर हों।

प्रधानमंत्री ने दृढ़ संकल्प के साथ प्रगति का एक चमकता हुआ उदाहरण बनने के लिए आयुध कारखानों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पिछले वर्षों में शामिल किए गए सात नए रक्षा उपक्रम तेजी से अपने व्यापार का विस्तार कर रहे हैं और नए बाजारों तक उनकी पहुंच हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने पिछले 5-6 वर्षों में रक्षा निर्यात में 6 गुना बढ़ोतरी की है। आज हम 75 से अधिक देशों को मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण और सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।”

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस वेबिनार का समापन भाषण दिया। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को साकार करने व एक ‘श्रेष्ठ भारत’ की सोच को प्राप्त करने के लिए कार्यबल में एक नया उत्साह पैदा करने को लेकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे उम्मीद व्यक्त की कि वेबिनार बजट घोषणाओं को गति प्रदान करेगा और उनके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए रास्ता दिखाएगा। उन्होंने भारत को वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के सरकार की इच्छा को मजबूत करने को लेकर मूल्यवान इनपुट प्रदान करने के लिए प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। इसके अलावा उन्होंने उद्योग और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई घोषणाएं भी कीं। ये निम्नलिखित हैं:

उद्योग आधारित अनुसंधान व विकास के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मेक-I के तहत कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी।
विशेष रूप से निजी उद्योग और स्टार्टअप्स के लिए निर्धारित बजट की निगरानी को लेकर डीजी के अधीन सभी तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा, जिससे आवंटित बजट का पूरी तरह से उपयोग किया जा सके।
क्यूए प्रक्रिया में सुधार किया जाना है, जिससे यह गैर-घुसपैठ, रोकथाम आधारित और इंस्पेक्टर-राज से मुक्त हो सके।
आइडेक्स- प्राइम ने रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ते स्टार्टअप्स की सहायता के लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं का समर्थन करने की घोषणा की।
रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने के अभिन्न अंग के रूप में अनुसंधान व विकास और तकनीकों के विकास को चिह्नित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने उद्योग, अनुसंधान व विकास संगठनों, स्टार्ट-अप्स और शिक्षाविदों से आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठाने और भारत को रक्षा तकनीकों में भी आत्मनिर्भर बनाने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा, “2022-23 के वार्षिक बजट में यह घोषणा की गई है कि रक्षा अनुसंधान व विकास को उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षा के लिए खोल दिया जाएगा। रक्षा अनुसंधान व विकास बजट का 25 फीसदी हिस्सा इस उद्देश्य के लिए निर्धारित किया गया है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि आज वेबिनार के दौरान व्यापक चर्चा हुई है।”

रक्षा मंत्री ने रक्षा उद्योग के संभावित विकास और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ‘मेड इन इंडिया’ को ब्रांड बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों के परीक्षण, जांच और प्रमाणन के लिए पर्याप्त सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इन जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने रक्षा मंत्रालय व उसके विभिन्न संगठनों द्वारा अनुमति देने, विनियमित करने, प्रोत्साहन देने, सहयोग करने, निगरानी पर्यवेक्षण जांच, परीक्षण व प्रमाणन सुविधा और सेवाओं के लिए एक स्वायत्तशासी निकाय स्थापित करने का निर्णय लिया है। श्री राजनाथ सिंह ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि हितधारकों ने इस निर्णय के बारे में खुलकर चर्चा की, जो इस निकाय की रूपरेखा को अंतिम रूप देने में सरकार का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी व्यक्त की कि यह देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इसके अलावा श्री राजनाथ सिंह ने इस बात की भी सराहना की कि स्वदेशी अनुसंधान व विकास के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) मॉडल पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एसपीवी मॉडल के जरिए डीआरडीओ व अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य मंचों और उपकरणों के डिजाइन तथा विकास के लिए निजी उद्योग द्वारा जल्द ही कई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बजट में आयात को कम करने और सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक के साथ आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को और अधिक प्रोत्साहन दिया गया है। उन्होंने आगे कहा, “2022-23 के बजट में पूंजीगत खरीद के लिए 68 फीसदी हिस्सा निर्धारित करने के साथ हम घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट में निरंतर बढ़ोतरी कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि घरेलू उद्योग इस बढ़े हुए बजट का उपयोग करने में पूरी तरह सक्षम है। मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि सरकार, मेक इन इंडिया को और अधिक उत्साह के साथ बढ़ावा देने के लिए उद्योग समर्थक नीतिगत पहल जारी रखेगी।” श्री राजनाथ सिंह ने निजी उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों से डीआरडीओ/डीपीएसयू व रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठनों के साथ सहयोग करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया, जिससे रक्षा निर्माण और अनुसंधान व विकास में शिखर को प्राप्त किया जा सके।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) श्री संजीव मित्तल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस वेबिनार में रक्षा मंत्रालय, रक्षा उद्योग, स्टार्टअप्स, अकादमिक और रक्षा क्षेत्र के प्रख्यात वक्ताओं व विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा हुई। इसके अलावा हितधारकों के साथ संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया।

इस वेबिनार में निम्नलिखित चार विषयों पर ब्रेकआउट सत्र शामिल थे:

घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट में प्रगतिशील बढ़ोतरी – (अवसर और चुनौतियां)
देश में सर्वांगीण रक्षा अनुसंधान व विकास से संबंधित वातावरण विकसित करना
डीआरडीओ और अन्य संगठनों के साथ उद्योगों द्वारा विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी)
व्यापक परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए- एक स्वतंत्र नोडल व्यापक निकाय की स्थापना
बजट की घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के संबंध में एक सहभागी दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से सत्र की योजना इस तरह बनाई गई थी, जिससे हितधारकों के साथ बातचीत के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सके।


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