ज्योतिषाचार्य मोहित बिस्सा
अक्षय तृतीया (आखातीज)पर विशेष
यह दिन, भारत की इतिहास और पौराणिक कथाओं में अन्य कई शुभ घटनाओं से भी जुड़ा हुआ है। अक्षय तृतीया हर नई शुरूआत के लिए शुभ माना जाता है। ‘अक्षय’ यानि जो कभी नष्ट ना हो, जैसे जप, तप, ज्ञान, दान सभी अक्षय हो सकते हैं। वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीय होती हे वैशाख शुक्ल तृतीया वर्ष की एकमात्र तृतीया है, जो रोहिणी नक्षत्र में आती है। इसलिए इस खगोलीय व्यवस्था में माना जाता है कि दृढ़ संकल्प के साथ प्रारंभ किया गया कोई भी कार्य निश्चित रूप से प्रगति लाता है। यह विशेष दिन सोशल माइंड इंजीनियरिंग का सटीक उदाहरण है। जब खगोलीय विज्ञान, मन और मनोविज्ञान के बीच एक गहरा संबंध उजागर होता है और मन की सकारात्मक रोशनी जाग्रत होती है।
- इस दिन दिये हुए दान और किये हुए स्नान, होम, जप आदि सभी कर्मोंका फल अनन्त होता है- सभी अक्षय हो जाते हैं; इसीसे इसका नाम अक्षया हुआ है। इसी तिथिको नर-नारायण, परशुराम और हयग्रीव अवतार हुए थे; इसलिये इस दिन उनकी जयन्ती मनायी जाती है तथा इसी दिन त्रेतायुग भी आरम्भ हुआ था ओर बीकानेर की स्थापना भी इसी दिनी की गई |
- अक्षयतृतीया बड़ी पवित्र और महान् फल देनेवाली तिथि है। इसलिये इस दिन सफलताकी आशासे व्रतोत्सवादिके अतिरिक्त वस्त्र, शस्त्र और आभूषणादि बनवाये अथवा धारण किये जाते हैं तथा नवीन स्थान, संस्था एवं समाज आदिका स्थापन या उद्घाटन भी किया जाता है। ज्योतिषी लोग आगामी वर्षकी तेजी-मंदी जाननेके लिये इस दिन सब प्रकारके अन्न, वस्त्र आदि व्यावहारिक वस्तुओं और व्यक्तिविशेषोंके नामोंको तौलकर एक सुपूजित स्थानमें रखते हैं और दूसरे दिन फिर तौलकर उनकी न्यूनाधिकतासे भविष्यका शुभाशुभ मालूम करते हैं। अक्षयतृतीयामें तृतीया तिथि, रोहिणी नक्षत्र ये तीनों हों तो बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। किसानलोग उस दिन चन्द्रमाके अस्त होते समय रोहिणीका आगे जाना अच्छा और पीछे रह जाना बुरा मानते हैं।
अक्षय तृतीय को विषेश उपाय
- वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया अक्षय तृतीया कहलाती है जो इस बार 10 मई को मनाई जाएगी अक्षय तृतीया पर ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहते हैं। यह दिन अक्षय पुण्य फल प्राप्त करने का दिन होता है। कहा जाता है इस दिन किए गए दान का अनंत गुना फल प्राप्त होता है, अक्षय तृतीया पर विशेष रूप से गुड़ का दान करें या जल में गुड़ मिलाकर गाय को पिलाएं। आप चाहें तो गुड़ या चीनी की रोटी बनाकर भी गाय को खिला सकते हैं। इस बार अक्षय तृतीया शुक्रवार को है ऐसे में यह उपाय आपके शुक्र को बलवान बनाएगा। जौ खरीदकर भगवान विष्णु के चरणों में रखें. भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद जौ को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखे। अक्षय तृतीया पर अन्न दान करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना गाय है। इस दिन किए गए दान का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। इसलिए अपने आस-पास ही किसी जरूरतमंद को अपनी श्रद्धा अनुसार चावल, आटा या कोई अन्य अनाज दे सकते हैं। इस खास अवसर पर हरा चारा, पालक गाय को खिलाना बहुत ही शुभ फलदायी होगा। यह कुण्डली में बुध ग्रह की मजबूत स्थिति के साथ साथ व्यापार, शिक्षा और धन के लिए शुभ फलदायी उपाय है।
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