DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

अतीक-अशरफ केस में SC ने UP सरकार से जवाब मांगा:पूछा- दोनों की वैन सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले गए, हत्यारों को ये खबर कैसे लगी?

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

अतीक-अशरफ केस में SC ने UP सरकार से जवाब मांगा:पूछा- दोनों की वैन सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले गए, हत्यारों को ये खबर कैसे लगी?

अतीक-अशरफ की 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। - Dainik Bhaskar

अतीक-अशरफ की 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

अतीक और अशरफ मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को UP सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने मर्डर केस की डिटेल रिपोर्ट मांगी है। सरकार से पूछा है कि बताइए कि उस दिन क्या हुआ और जांच में अब तक क्या-क्या हुआ? इसके अलावा कोर्ट ने 24 फरवरी को हुए उमेश पाल मर्डर केस के आरोपियों के एनकाउंटर की रिपोर्ट भी मांगी है।

कोर्ट ने UP सरकार से पूछा कि हत्यारों को यह जानकारी कैसे मिली कि अतीक-अशरफ को अस्पताल ले जाया जा रहा है। अतीक-अशरफ को ले जा रही गाड़ी को सीधे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? मामले में अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी।

अतीक-अशरफ की 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली मारने वाले लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या ने तुरंत सरेंडर कर दिया था। उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस एनकाउंटर में अब तक 4 चार आरोपी मारे जा चुके हैं। इनमें अतीक का बेटा असद, गुलाम, अरबाज, उस्मान चौधरी शामिल हैं।

अतीक और अशरफ के मर्डर का रीक्रिएशन किया गया था

यह फोटो 20 अप्रैल को कॉल्विन हॉस्पिटल की है। पुलिस ने सीन रीक्रिएट किया। इस दौरान अतीक-अशरफ के रोल में SOG के सिपाहियों को लाया गया था।

यह फोटो 20 अप्रैल को कॉल्विन हॉस्पिटल की है। पुलिस ने सीन रीक्रिएट किया। इस दौरान अतीक-अशरफ के रोल में SOG के सिपाहियों को लाया गया था।

15 अप्रैल को माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

15 अप्रैल को माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पुलिस कस्टडी में हुई इस सनसनीखेज हत्या के बाद UP सरकार ने SIT के अलावा न्यायिक आयोग का गठन किया था। न्यायिक जांच आयोग और SIT के सदस्यों की मौजूदगी में क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया था। आयोग की टीम ने इससे पहले घटनास्थल का मुआयना किया था। आयोग ने पुलिस अफसरों से जानकारी भी ली थी।

आयोग ने शूट आउट में घायल सिपाही मानसिंह और धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या से भी घटना के बारे में पूछताछ की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी द्वितीय आयोग के अध्यक्ष हैं।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- योगी सरकार में हुए 183 एनकाउंटर की जांच हो

कोर्ट ने वकील विशाल तिवारी की याचिका पर यह आदेश दिया है। वकील ने हत्याकांड की हाई लेवल जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र समिति गठित करने की मांग की थी। याचिका में योगी सरकार में अभी तक हुए कुल 183 एनकाउंटर की जांच की मांग भी की थी। हालांकि UP सरकार ने याचिका दाखिल होने के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। सरकार ने कहा- इस मसले पर सरकार का पक्ष सुने बिनाकोई भी फैसला न दिया जाए।

पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन दाखिल की है। उन्होंने कहा- अतीक अहमद और उसका भाई भले अपराधी हों, मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना में राज्य सरकार का रोल होने की आशंका लगती है। इसकी जांच सीबीआई करे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!