अरब सागर में पहली बार INS विक्रमादित्य-विक्रांत एक साथ:नेवी के सबसे बड़े एक्सरसाइज में 35 फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और सबमरीन शामिल हुए








इन एयरक्रॉफ्ट कैरियर से फाइटर जेट MiG-29K, हेलिकॉप्टर MH60R, कामोव, सी-किंग, चेतक और ALH ने उड़ान भरी।
हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल का मुकाबला करने के लिए इंडियन नेवी ने शनिवार को अरब सागर में सबसे बड़ी एक्सरसाइज की। नेवी ने पहली बार अपने दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत को एक साथ समुद्र में उतारा।
इन एयरक्राफ्ट से MiG-29K सहित 35 लड़ाकू विमान भी उड़ाए गए। साथ ही समुद्र के अंदर अपनी शक्ति दिखाने के लिए इंडियन नेवी ने सबमरीन की भी टेस्टिंग की।

नेवी के इस एक्सरसाइज में पहली बार दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य (बाएं) और INS विक्रांत (दाएं) शामिल हुए।
एक्सरसाइज में फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, सबमरीन शामिल
भारतीय नौसेना की पिछले कुछ सालों में अब तक की यह सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। मिग के अलावा भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर MH60R, कामोव, सी-किंग, चेतक और ALH ने भी उड़ान भरी। इसके अलावा रात में भी एयरक्राफ्ट कैरियर से लड़ाकू विमानों ने टेक ऑफ किया।
नेवी ने कहा- हमारा मकसद समुद्री सीमा की सुरक्षा
इंडियन नेवी के स्पोक्सपर्सन कमांडर विवेक मधवाल ने बताया- इंडियन नेवी ने यह एक्सरसाइज अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और समुद्री सीमा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की है।

हिंद महासागर में एक्सरसाइज के दौरान INS विक्रमादित्य (ऊपर) और INS विक्रांत (नीचे)।

एक्सरसाइज के दौरान एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर रोमियो हेलिकॉप्टर की लैंडिंग।

INS विक्रांत के डेक पर फाइटर जेट मिग-29 की नाइट लैंडिंग भी कराई गई।

INS विक्रांत के डेक से टेक ऑफ करता हुआ नेवी का मिग-29 के।

एक्सरसाइज के दौरान नेवल फाइटर हेलिकॉप्टर रोमियो ने INS विक्रांत पर नाइट लैंडिंग की।

INS विक्रमादित्य के डेक पर पार्क किए हुए नेवी के लड़ाकू विमान मिग-29 के।

एक्सरसाइज के दौरान एयर टू एयर रिफलिंग करते हुए नेवल फाइटर मिग-29 के।
25 साल बाद नौसेना में लौटा INS विक्रांत
31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर हुए INS विक्रांत को 25 साल बाद फिर नौसेना में शामिल किया गया था। PM नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर 2022 को देश में बने इस सबसे बड़े युद्धपोत को नौसेना के हवाले किया था।
साल 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था।


2013 में कमीशन हुआ INS विक्रमादित्य
INS विक्रमादित्य रूस में बना वॉरशिप है। 16 नवंबर 2013 को रूस में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसे कमीशन किया था। 14 जून 2014 को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से INS विक्रमादित्य को इंडियन नेवी में शामिल किया।
विक्रमादित्य के फ्लोटिंग एयरफील्ड की लंबाई करीब 284 मीटर है। इसकी ऊंचाई करीब 20 मंजिला इमारत जितनी है। इसमें 22 डेक बनाए गए हैं। आईएनएस विक्रमादित्य इन तमाम सुविधाओं के साथ खुद को 45 दिनों तक समंदर में रखने में सक्षम है। विक्रमादित्य को दुश्मनों पर नजर रखने के लिए खास तौर से तैयार किया गया है।
इसमें लॉन्ग रेंज एयर सर्विलांस रडार, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट के सेंसर्स लगे है। यह 500 किलोमीटर से अधिक एरिया की निगरानी करने में सक्षम है। इसमें 30 से ज्यादा विमान ले जाने की क्षमता है। जिसमें मिग-29, कामोव-31, कामोव-28, सीकिंग एएलएच-ध्रुव और चेतक हेलिकॉप्टर शामिल हैं।
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