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अल्का गुर्जर ने कहा- रंधावा अल्पज्ञानी, देश से माफी मांगे:राठौड़ बोले- इंदिरा,नेहरू ने खुद को ही भारत रत्न दिया, रंधावा उनका इतिहास कैसे भूले

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अल्का गुर्जर ने कहा- रंधावा अल्पज्ञानी, देश से माफी मांगे:राठौड़ बोले- इंदिरा,नेहरू ने खुद को ही भारत रत्न दिया, रंधावा उनका इतिहास कैसे भूले

जयपुर

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के मरने वालों को भारत रत्न देने वाले बयान पर विवाद हो गया है। बीजेपी नेताओं ने रंधावा के बयान पर पलटवार करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रंधावा के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा- कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर जो विवादित टिप्पणी की है, वो दुर्भाग्यजनक और शर्मनाक है। रंधावा जी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए स्वयं को ही भारत रत्न से सम्मानित करने का जो अनूठा कीर्तिमान रचा था, तब तो वे जीवित थे ना क्या इसमें कोई संदेह है आपको ?

राठौड़ ने आगे लिखा- आप नेहरू और इंदिरा गांधी के इतिहास को कैसे भूल गए ? खुद को खुद द्वारा ही भारत रत्न देना कांग्रेस राज में ही संभव था जो अब समाप्त हो गया है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ को लेकर ऐसी टिप्पणी कांग्रेस पार्टी के गिरते स्तर और घटिया मानसिकता को प्रदर्शित करती है।

अल्का गुर्जर बोलीं- रंधावा अपने अल्प ज्ञान में इजाफा करें,देश से माफी मांगें

भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डाॅ. अल्का गुर्जर ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी पर दिए बयान पर पलटवार उनसे माफी मांगने के लिए कहा है। अलका गुर्जर ने कहा- रंधावा का यह बयान कि आडवाणी को जीवित होते हुए भारत रत्न दिया जबकि भारत रत्न तो मरने के बाद मिलता है, बेहद हास्यास्पद है और उनके अल्पज्ञान को दर्शाता है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी उसी कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1955 में खुद प्रधानमंत्री रहते हुए भारत रत्न प्राप्त किया था। इन्हीं की पार्टी की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में प्रधानमंत्री रहते हुए भारत रत्न से स्वयं को नवाजा था जो कि नैतिक रूप से गलत है।

अलका गुर्जर ने कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज उन लोगों को यह अवार्ड मिल रहे हैं जो कि आम भी हैं, और किसी न किसी तरीके से खास भी है। देश के लिए लालकृष्ण आडवाणी का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने भारत की संस्कृति और सनातन को मजबूत करने में विशेष योगदान दिया है, इसलिए उन्हें यह सम्मान दिया जाना बेहद आवश्यक था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले स्पोर्ट्समैन सचिन तेंदुलकर को भी क्रिकेट के क्षेत्र में देश को विशेष पहचान दिलाने के लिए जीते जी भारत रत्न ने नवाजा गया। कांग्रेस प्रभारी रंधावा को अपने इस अनर्गल बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए और अपने अल्पज्ञान में सुधार करना चाहिए।

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