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आईएसआईएस के निशाने पर पाकिस्तान: आतंकियों ने खाई कसम इसको तो बर्बाद करके ही रहेंगे, अफगानिस्तान को बद से बदतर कर दिया

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REPORT BY SAHIL PATHAN
आईएसआईएस-के का कहना है कि दुनिया में जो कोई भी इस्लाम या कुरान के खिलाफ जाएगा, उसे हमारे गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
आतंकी संगठन आईएसआईएस-खुरासन(ISIS-K) दुनिया भर में शरिया कानून लागू करना चाहता है। संगठन ने चेतावनी दी है कि पूरे विश्व में जो कोई भी इस्लाम या कुरान के खिलाफ जाएगा, उसे आईएसआईएस-के का सामना करना पड़ेगा। आतंकी संगठन का कहना है कि उसका पहला टारगेट पाकिस्तान है। संगठन के आतंकी पाकिस्तान को बर्बाद करना चाहते हैं। क्योंकि, जब अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन था जब पाकिस्तान कहता था कि देश के 80 प्रतिशत हिस्से पर उसका राज है। इसके बावजूद पाकिस्तान अफगानिस्तान के अंदर इस्लाम को लागू नहीं कर पाया। आतंकी संगठन का कहना है कि हम पाकिस्तान को बर्बाद करके ही रहेंगे।
तालिबान ने अफगानिस्तान को बर्बाद किया
रिपोर्ट के अनुसार आईएसआई-के का मानना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान को बर्बाद कर दिया है। संगठन का कहना है कि अफगानिस्तान में इस समय हालात बद से बदतर हो गए हैं। देश को बर्बाद करने वाला संगठन एक बार फिर से सत्ता में आ गया है।
हमारे पास ज्यादा कुछ नहीं, लेकिन पाकिस्तान से लड़ेंगे
आईएसआईएक-के में शामिल हुए नजीफुल्ला ने एक मीडिया हाउस को बताया कि हम पूरे विश्व में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। हम चाहते हैं लोग उसी तरह से रहें जैसे हमारे पैगंबर रहते थे। वे जैसे कपड़े पहनते थे, जैसे हिजाब पहनते थे। सब कुछ वैसा ही हो। उसने कहा कि हम जानते हैं कि अभी हमारे पास लड़ने के लिए बहुत कुछ नहीं है, लेकिन हमें कुछ भी मिलता है तो हम पाकिस्तान जाकर लड़ना चाहते हैं।
हम संख्या में कम, लेकिन मुकाबला करने के लिए तैयार
तालिबान से आईएसआईएस-के में शामिल हुए नजीफुल्ला ने बताया कि हमें आईएसआईएस-खुरासन सच्चा लगा। यह संगठन शरिया कानून की बात करता है, जिसे हम लागू कराकर रहेंगे। उसने कहा कि हम तालिबान से संख्या बल में कम जरूर हैं, लेकिन हम मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान की संख्या करीब 70 हजार है तो वहीं आईएसआईएस-के के सदस्यों की संख्या दो हजार है।
आईएसआईएस-के ने बढ़ाए हमले
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से आईएसआईएस-के ने अपने हमले बढ़ा दिए हैं। हमलों में शिया मस्जिदों को निशाना बनाया गया है, जिसमें कई बेगुनाह लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा आईएसआईएस-ने तालिबान को भी अपना निशाना बनाया है।

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