अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी
आधुनिक दिनों में हरित और टिकाऊ जीवन शैली’ अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया
वर्तमान में सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक – प्रोफेसर डॉ. नरेन्द्र एन भोजक
बीकानेर । विश्व पर्यावरण शिक्षा दिवस के अवसर पर अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा पर्यावरण जागरुकता अभियान अंतर्गत आधुनिक दिनों में हरित और टिकाऊ जीवन शैली’ अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में देश- विदेश से करीब 144 प्रतिभागी शामिल हुए।
संचालनकर्ता डॉ. नीलम जैन ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. श्री लक्ष्मण सिंह राठौड़ थे। जिन्होने अपने संबोधन में पर्यावरण के क्षरण पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि रोगों में वृद्धी का कारण प्रदूषण है और प्रदूषण का कारण हमारी जीवन शैली है। साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन को रोकने की बात कही।
मुख्य वक्ता बीआईआर सी निदेशक प्रोफेसर डॉ. श्री नरेन्द्र एन भोजक ने हरित और सतत जीवन शैली विषय पर गहन विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक है। उन्होंने इस संबंध में कुछ प्रश्नों के माध्यम से वेबिनार में शामिल सभी सदस्यों से प्रश्न पूछे और अंत में उनके दिए उत्तर पर अपना मत रखते हुए वास्तविक स्थिति से अवगत कराया ।
अणुविभा के निवर्तमान अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर ने लकड़ी के लिए पेड़ों की कटाई पर चिंता जताते हुए कहा कि आज जिस प्रकार लकड़ी के लिए पेड़ों का दोहन किया जा रहा है, वह आने वाले समय के लिए ठीक नहीं है। पेड़ों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए हमें गहन चिंतन करना चाहिए।
अणुविभा के पूर्व अध्यक्ष श्री संचय जैन ने कहा कि पर्यावरण एक ऐसा विषय है जो किताबों और भाषणों का विषय नहीं रह गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पर्यावरण हमारी जीवन शैली का अंग कैसे बने…?, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण और जागरुकता अभियान से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं को यह प्रण लेना होगा कि हम सुबह से लेकर रात सोने तक पर्यावरण का हम संरक्षण कर रहे हैं या क्षरण कर रहे है।
वेबिनार में शामिल अणुविभा के उपाध्यक्ष व पर्यावरण प्रभारी श्री विनोद कोठारी ने पर्यावरण जागरुकता सर्वे- 2025 के उत्कृष्ट परिणामों की जानकारी दी। साथ ही सर्वे – 2025 के सभी प्रतिभागियों को उनके द्वारा दिए गए 20 प्रश्नों के उत्तर में अधिकांश के सही जवाब देने को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता का प्रतीक बताया।
इससे पूर्व विषय वस्तु की प्रस्तुती महामंत्री श्री मनोज सिंघवी ने देते हुए कहा जब तक हम पर्यावरण को सुरक्षित नहीं रख पाएंगे, हम अपनी भावी पीढ़ी को भी सुरक्षित नहीं रख पाएंगे।
वेबिनार के आरंभ में अणुव्रत गीत (नैतिकता की सुरसरिता में) संगान अणुव्रत समिति फारबिसगंज की महिलाओं व बालिकाओं ने अणुव्रत समिति फारबिसगंज द्वारा निर्मित सरकारी ए. न.म गल्र्स हॉस्टल की अणुव्रत वाटिका में किया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप जी दुग्गड़ ने अणुव्रत आन्दोलन प्रवर्तक आचार्य तुलसी को वंदन करते हुए कहा कि यह ऐसा प्रकल्प है जो ना केवल अणुव्रत विश्व सोसायटी के माध्यम से एक विशेष छाप छोड़ी है अपितु अधिक लोगों के दिलों में विशेष जगह बनाई है। अणुव्रत अनुशास्ता के ग्याहरवें नियम के छोटे व्रत की व्याख्या करते हुए उसे आत्मसात करने की बात कही। आपने बताया कि गूगल फॉर्म द्वारा पर्यावरण जागरूकता सर्वे 2025 किया गया जिसमें 101शहरों से 434 प्रतिभागियों ने अपनी भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में मॉडरेटर श्री निवेश दूगड़ ने सहभागियों की जिज्ञासा का समाधान दिया।
संचालनकर्ता डॉ. नीलम जैन ने सभी आगंतुको का स्वागत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापित पंजाब के राज्य प्रभारी श्री राजन क. जैन ने किया।
Add Comment