बीकानेर। ऋषिकेश बाड़मेर एक्सप्रेस ट्रेन बीकानेर लालगढ़ स्टेशन पर यार्ड के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसा इतना भयावह था कि ट्रेन के दो स्लीपर कोच एक दूसरे पर चढ़ गए और दुर्घटना में कई लोग घायल हो गए जिससे चारों और अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। अचानक आई इस आपदा में लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के कमांडेंट व जवान, रेलवे के अधिकारी , आपदा प्रबंधन एकीकृत कमांड , आरपीएफ और रेलवे कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचे तथा घायलों को बाहर निकाला। अवसर था लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के सहयोग से आयोजित मॉक ड्रिल का जिसमे एनडीआरएफ के कमांडेंट व जवान तथा रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
एनडीआरएफ और बीकानेर रेल मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मॉक ड्रिल में स्थिति को नियंत्रित करते हुए आपदा पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित कमांडेंट एनडीआरएफ योगेश कुमार मीणा ने कहा कि यह एक्सीडेंट मॉक ड्रिल इस आधार पर कार्य करती है कि आमजन को बचाकर कौन सी विधियों के माध्यम से नुकसान पर अंकुश पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रत्येक एजेंसी का रोल देखकर उनकी मुस्तैदी को परखा जाता है तथा उनकी कमियां बता कर पूर्व तैयारी एवं आमजन की भूमिका को भी चिन्हित किया जाता है क्योंकि आमजन ही फर्स्ट रिस्पांडर होता है जो कि दुर्घटना की सूचना को संप्रेषित करता है।
मॉक ड्रिल के दौरान उपस्थित राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से यह प्रयास किया जाता है कि दुर्घटना होने पर किन तरीकों से मदद पहुंचाई जाए तथा आमजन को कैसे रेस्क्यू किया जाए, इस पर कार्य किया जाता है। इसमें आमजन की भूमिका के बारे में बात करने पर उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासी ही सबसे पहले दुर्घटना की सूचना को संप्रेषित करते हैं इसलिए स्टेशन पर तथा उसके आसपास रहने वाले लोगों के नंबर अपडेट किए जाते हैं साथ ही क्रेन इत्यादि के नंबर भी रखे जाते हैं ताकि दुर्घटना होने पर मदद ली जा सके। मॉक ड्रिल के दौरान उपस्थित रेलवे हॉस्पिटल लालगढ़ के डीएमओ डॉ अमित ने बताया कि 2019 के बाद पहली बार एनडीआरएफ और रेलवे के सहयोग से इस प्रकार का मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किया गया है।जिसमें मेडिकल, मैकेनिकल सहित सभी विभागों की अवेयरनेस को चिन्हित किया जाता है जिसमें एआरएम एक्सीडेंटल रिलीफ मैनेजमेंट के द्वारा आमजन को तुरंत सहायता तथा मेडिकल सुविधा पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए यहां पर माइनर ओपीडी तक की व्यवस्था है। सीपीआर करने तक की सुविधा उपलब्ध है तथा पेशेंट को आवश्यकता पड़ने पर जीवन रक्षा के लिए जो भी जरूरत होती है उनकी पूर्ति की जाती है।उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल के माध्यम से सीखा जाता है कि सभी विभागों द्वारा किस प्रकार दुर्घटना होने पर बचाव के लिए प्रयास किए जा सकते हैं।








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