कचरे से डाक टिकट बीनते थे, अब रिकॉर्ड बना चुके:10 रुपए में खरीदे एक स्टैंप की कीमत आज 20 हजार रुपए
दुनिया में नेपाल और भूटान ऐसे देश हैं। जहां दीपावली पर भगवान धनवंतरी का टिकट जारी किया गया था। नेपाल में साल 1977 में आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धनवंतरी पर 30 पैसे का डाक टिकट जारी हुआ था। ऐसे ही करीब 10 हजार से ज्यादा डाक टिकटों का अनूठा कलेक्शन उदयपुर के विनय भाणावत के पास है।
विनय के पास आजादी से लेकर आज तक केंद्र सरकार द्वारा जारी हुए करीब 3 हजार से ज्यादा डाक टिकटों का कलेक्शन हैं। होली व दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर दुनिया में कहां और कब डाक टिकट जारी हुए, सभी का कलेक्शन उनके पास है। सभी डाक टिकटों को करीब 40 किताबों में लेमिनेशन एलबम में सहेजा हुआ है। इनके इस अनूठे कलेक्शन को कई लोग देखने के लिए पहुंचते हैं।
विनय बताते हैं कि लंबी मांग के बाद भारत सरकार ने साल 2005 में दीपावली पर आयुर्वेद औषधियों पर डाक टिकट के 4 सेट जारी किए। इसमें तुलसी, सर्प गंधा, घृत कुमारी व हरिद्रा हैं, लेकिन अभी तक श्रीयंत्र और भगवान धनवंतरी पर नहीं किया।

श्रीयंत्र और भगवान धनवंतरी पर डाक टिकट। जो नेपाल और भूटान ने जारी गए।
आजादी पर नेहरू द्वारा जारी पहले डाक टिकट
भाणावत के पास आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा वर्ष 1947 में 2 डाक टिकट भी हैं। पहला डाक टिकट राष्टीय ध्वज तिरंगा और दूसरा आर्मी के हवाई जहाज पर जारी हुआ था। इसके बाद वर्ष 1948 को बापू के नाम से महात्मा गांधी की फोटो लगा डाक टिकट निकाला गया। साल 1951 के पहले एशियन गेम से लेकर साल दर साल तुलसीदास, सूरदास, रविन्द्रनाथ टेगोर, स्वामी विवेकानंद, डॉ राजेन्द्र प्रसाद और शिवाजी जैसे महापुरुषों पर निकाले गए डाक टिकट इनके पास हैं।

डॉ विनय भाणावत जो 10 साल की उम्र से स्टैप जमा कर रहे।
कचरे में डाक टिकट बीनने से लेकर वर्ल्ड रिकॉर्ड तक
उदयपुर में टाइगर हिल्स निवासी विनय भाणावत बताते हैं कि वे जब 10 साल के थे, स्कूल जाया करते थे। तब रास्ते में कचरे में कई डाक टिकट पड़े हुए मिलते थे। मुझे उन डाक टिकटों को कचरे के बीच से उठाकर बीनने में रुचि थी। यह मेरा शौक बनता गया। आज भाणावत के पास बड़ी संख्या में डाक टिकट हैं। डांस, म्युजिक एंड म्युजीकल इन्स्ट्रमेन्ट थीम पर एक संस्था द्वारा हुए कॉम्पिटीशन में इन्होंने यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। यानी, पूरी दुनिया में डांस, म्युजिक और म्युजीकल इंस्ट्रूमेंट पर कब-कितने डाक टिकट जारी हुए। उनका सम्पूर्ण कलेक्शन सिर्फ इनके ही पास मिला था। जिसे कॉम्पिटीशन में इन्होंने प्रदर्शित भी किया। इनके कलेक्शन को सराहा गया।

अलग-अलग देशों के यूनीक स्टैप भी विनय भाणावत के पास मौजूद।
देशभर में लगी एग्जीबिशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दी मानद उपाधि
उड़ीसा, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में इनके डाक टिकट कलेक्शन की एग्जीबिशन लग चुकी है। लोगों को इनकी एग्जीबिशन खासा आकर्षित करती है। एग्जीबिशन में इन्हें कई पुरस्कार मिल चुके। इन्हीं संग्रह की बदौलत इन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2021 में डॉक्टर की मानद उपाधी देकर सम्मानित किया था। इसके अलावा नेशनल व राज्य स्तर पर भी सम्मानित हो चुके हैं।

फल, सब्जियों जानवरों और टेबल पर जारी किए गए स्टैप भी मौजूद।
लोगों ने लाखों कीमत लगाई, लेकिन कलेक्शन में नहीं देते टिकट
दुनियाभर में कई देशों ने अलग-अलग डिजाइन के डाक टिकट जारी किए। किसी ने फलों, जानवरों और पक्षियों पर तो किसी खिलाड़ियों और महापुरुषों पर टिकट जारी किए हैं। विनय भाणावत बताते है कि मेरे डाक टिकट कलेक्शन को एग्जीबिशन में देखकर कई लोग डिमांड करते हैं। मैं नहीं देता तो डाक टिकट की कीमत लगाने लगते हैं कई बार लोग लाखों रुपए तक देने को तैयार हुए, लेकिन मना कर दिया। क्योंकि मेरे पास यूनिक कलेक्शन है। देश-दुनिया में कई डाक टिकट एक या दो बार ही निकले। जो हर किसी के पास नहीं मिलेंगे। गांधी पर साल 1948 में 10 रुपए का डाक टिकट जारी हुआ, उस डाक टिकट की वेल्यू आज के समय लगभग 20 हजार रुपए है। भाणावत बताते हैं कि उनके पास आज वर्तमान वेल्यू के मुताबिक करीब 25 लाख रुपए तक डाक टिकटों का कलेक्शन है।

गांधी पर साल 1948 में 10 रुपए का डाक टिकट जारी हुआ, उस डाक टिकट की वेल्यू आज के समय लगभग 20 हजार रुपए है। (पहला टिकट लाल रंग में)
वे देश, जिन्होंने अलग-अलग डिजाइन के डाक टिकट जारी किए
- इंग्लैंड देश ने आम, पपीता, नाशपति, एप्पल, बैंगन और पत्ता गोभी के आकार वाले डाक टिकट जारी किए।
- कनाडा ने सांप, खरगोश, भेड़, घोड़ा, कुत्ता आदि जानवरों पर डाक टिकट जारी किए।
- श्रीलंका ने मशहूर क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरण पर बोलिंग करते हुए उनके चित्र वाला डाक टिकट जारी किया।
- थाइलैंड ने मंदिरों और भगवानों पर गोल आकृति वाले डाक टिकट जारी किए।
- ताइवान ने रंग-बिरंगी तितली, कबूतर आदि पक्षी पर डाक टिकट निकाले।
- सियेरालोन ने अपने देश के नक्शे के आकार वाला डाक टिकट निकाला।
- मलेशिया ने मोर और शेर आदि पर डाक टिकट निकाले।
- भारत में महापुरुषों—योद्वाओं, लेखकों और राजनीतिक हस्तियों आदि के चित्र वाले डाक टिकट निकले।
देशभर में लगी एग्जीबिशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दी मानद उपाधि
उड़ीसा, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में इनके डाक टिकट कलेक्शन की एग्जीबिशन लग चुकी है। लोगों को इनकी एग्जीबिशन खासा आकर्षित करती है। एग्जीबिशन में इन्हें कई पुरस्कार मिल चुके। इन्हीं संग्रह की बदौलत इन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2021 में डॉक्टर की मानद उपाधी देकर सम्मानित किया था। इसके अलावा नेशनल व राज्य स्तर पर भी सम्मानित हो चुके हैं।
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