DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

जयपुर एयरपोर्ट पर अंडरगार्मेंट-पेंट में लाए 55 लाख का सोना:एक पैसेंजर 380 और दूसरा 576 ग्राम गोल्ड छुपाकर लाया

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

*जयपुर एयरपोर्ट पर अंडरगार्मेंट-पेंट में लाए 55 लाख का सोना:एक पैसेंजर 380 और दूसरा 576 ग्राम गोल्ड छुपाकर लाया*


जयपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने दो अलग-अलग कार्रवाई करते हुए 55.92 लाख रुपए का गोल्ड पकड़ा है। गोल्ड के साथ दो तस्करों को भी पकड़ा गया है। एक सोने को अपनी पेंट में छुपाकर लाया था। दूसरा अंडरगर्मेंट में रखकर लाया। दोनों तस्करों को दो अलग-अलग कार्रवाई में पकड़ा गया।
*पहली कार्रवाई*
कस्टम ऑफिसर ने बताया- पहली कार्रवाई में शारजाह से जयपुर आई फ्लाइट जी 9435 में की गई। इसके पैसेंजर के पास से 380 ग्राम गोल्ड मिला। इसकी बाजार कीमत लगभग 22 लाख 23 हजार रुपए है। यह गोल्ड आरोपी के द्वारा पेस्ट में रूप में लाया गया था। जो पेंट की निचले हिस्से में छुपा कर लाया था। पूछताछ के दौरान पहले तो पैसेंजर ने गोल्ड होने की बात से इनकार किया। जैसे ही पैसेंजर का एक्स-रे किया गया तो गोल्ड की 2 लेयर उसकी पेंट की मोहरी के पास मिली। सर्च के बाद कस्टम अधिकारियों ने गोल्ड को बरामद कर लिया।
*दूसरी कार्रवाई*
वहीं, दूसरी कार्रवाई देर रात रियाद से शारजाह होते हुए जयपुर आई फ्लाइट में की गई। फ्लाइट में बैठे पैसेंजर के पास से एक कस्टम अधिकारियों ने 576 ग्राम सोना बरामद किया। इस सोने की बाजार कीमत करीब 33 लाख 69 हजार 600 रुपए बताई जा रही है। यह पैसेंजर सिलिकॉन रबर के दो कैप्सूल में गोल्ड छुपा कर ला रहा था। सर्च के दौरान यह दोनों ही कैप्सूल पैसेंजर की अंडरगार्मेंट में मिले।
*दोनों को जेल भेजा गया*
दोनों ही पैसेंजर को कस्टम अधिकारियों ने कोर्ट के समक्ष पेश किया। जिन्हें जेल भेज दिया है। पकड़े गए दोनों पैसेंजर कई समय से गोल्ड की तस्करी में लिप्त थे। प्रारंभिक पूछताछ में गोल्ड लेकर आने की बात सामने आ रही है। हालांकि ये लोग किस के लिए यह गोल्ड भारत लेकर आए थे, इसका खुलासा होना बाकी हैं। दोनों की आरोपी सीकर जिले के रहने वाले हैं।
*लीड नहीं मिलने से कस्टम अधिकारी नहीं पकड पाते आगे की चैन*
गोल्ड या एनडीपीएस के मामलों में कस्टम अधिकारियों की गिरफ्त में आने वालों के खिलाफ जब्ती से बड़ा कोई एक्शन नहीं होता। ये लोग पूछताछ के दौरान भी कस्टम ऑफिसर को किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं देते। जिससे कस्टम अधिकारी मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे में सोने और नशे के कारोबार में किसी तरह का अंकुश नहीं लगता। पकड़े गए तस्कर भी जानते हैं कि वह कुछ दिन में रिहा हो जाएंगे। कई बार छोटी पकड़-धकड़ के चलते बड़ा माल भी तस्कर एयरपोर्ट से निकाल ले जाते हैं।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!