जयपुर के प्राइवेट अस्पतालों में RGHS-चिरंजीवी में इलाज बंद:करोड़ों का पेमेंट अटका, सरकार बदलने से दोनों योजनाओं को लेकर भी संशय
प्रदेश में निजी अस्पताल संचालकों ने आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना में मरीजों का कैशलेस इलाज करना लगभग बंद कर दिया है। राजधानी जयपुर में दोनों योजनाओं में मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि सरकारी अस्पतालों में योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन वहां बढ़ती वेटिंग से मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने से बच रहे हैं।
प्रदेश में आरजीएचएस और चिरंजीवी योजना में कैशलेस इलाज करने के लिए करीब 1200 निजी अस्पतालों में एमओयू कर रखा है। राजधानी में आरजीएचएस में सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के इलाज के लिए 250-300 और चिरंजीवी योजना में 600-700 निजी अस्पताल जुड़े हुए हैं। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के साथ अक्टूबर से ही मरीजों को दोनों योजनाओं में इलाज लेने में बाधा हो रही है।
चिरंजीवी योजना से जुड़े जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल ने सरकार बदलते ही इलाज लगभग पूरी तरह बंद कर दिया है। इसके पीछे प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी का कहना है कि इलाज बंद होने के पीछे तीन कारण है। पहला निजी अस्पतालों का 400 करोड़ का पेमेंट अटका हुआ है। दूसरा प्रदेश में सरकार बदलते ही प्राइवेट अस्पताल संचालकों में दोनों योजनाएं आगे चालू रहेंगी या नहीं इसे लेकर संशय है। तीसरा पेमेंट रिलीज करवाने में नीचे से ऊपर तक सिस्टम खराब है।
वहीं अधिकारियों का दावा है कि औसतन रोज 1200 के टीआईडी जनरेट हो रही है। बकाया पेमेंट का ट्रांजेक्शन शुरू हो गया है जनवरी तक कंपलीट पेमेंट हो जाएगा।
चिरंजीवी में भी सभी अस्पताल इलाज नहीं कर रहे हैं
पीएचएनएस के प्रेसीडेंट डॉ. विजय कपूर ने कहा कि पुराना 300-400 करोड़ का पेमेंट अटकने से इलाज बंद है। अब सरकार बदलने के बाद पिछली सरकार की योजनाएं चालू रहेंगी या बंद इसको लेकर भी संशय है। वहीं बकाया पेमेंट स्वीकृत करवाने में सिस्टम ही बेकार है। चिरंजीवी में भी सभी अस्पताल इलाज नहीं कर रहे हैं। नई सरकार इन तीनों पाइंट्स पर स्थिति स्पष्ट कर दे तो मरीज, अस्पताल व डॉक्टर्स परेशान नहीं होंगे।
योजना में नियमों का प्लेटफॉर्म है, पेमेंट किए जा रहे हैं
आरजीएचएस योजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शिप्रा विक्रम ने कहा- प्रदेश में 13.65 लाख परिवार आरचीएचएस में कवर है। इनको अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिल रहा है। आरचीएचएस में अलग-अलग श्रेणियों के नियमों का प्लेटफॉर्म है। इसमें मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, सेवारत और पेंशनर्स अधिकारी-कर्मचारियों और इनके आश्रित परिजनों को आपीडी, आईपीडी, डे-केयर की सुविधा समस्त राजकीय और 600 से अधिक निजी अस्पतालों में इलाज मिल रहा है।
चिरंजीवी योजना में 1.34 करोड़ और RGHS में 13.65 लाख परिवार जुड़े
चिरंजीवी योजना के तहत 1200 अस्पताल इलाज करते हैं। करीब 1.34 करोड़ परिवार जुड़े हैं। आरजीएचएस के तहत 650 अस्पताल इलाज करते हैं। 13.65 लाख परिवार जुड़े हैं। प्रदेश में 3600 रिटेल केमिस्ट आरजीएचएस के तहत दवाएं देते हैं। रिटेल केमिस्ट का भी करीब 350 करोड़ तक का पेमेंट बकाया हो चुका है।
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