जयपुर में ई रिक्शा पलटने से बच्चे की उंगलियां कटी:पूरी तरह से खत्म हुई दो उंगलियां, जिंदगी भर झेलना पड़ेगा दर्द
जयपुर में सड़कों पर बने गड्ढे लोगों के लिए जानलेवा होते जा रहे हैं। गड्ढे की वजह से एक आठ साल के बच्चे की दो उंगलियां काटनी पड़ी। एक महिला का कंधा टूट गया। दोनों का इलाज जारी है। मामला कालवाड़ रोड़ स्थित मंगलम सिटी का है। डॉक्टर का कहना है कि अब यह दो अंगुलियां बिल्कुल खत्म हो चुकी हैं। इसका जख्म अब बच्चे को जिंदगी भर झेलना पड़ेगा।
दरअसल, 11 तारीख को प्रखर मिश्रा (8) मां जया मिश्रा के साथ शॉपिंग करके घर लौट रहा था। इस दौरान प्रखर की 8 माह की छोटी बहन भी ई रिक्शा में थी। प्रखर की मां और एक अन्य महिला के बीच में उसे बैठा रखा था। प्रखर ने बाहर की ओर से ई रिक्शा पकड़ा हुआ था। जैसे ही ई रिक्शा गड्ढे में नीचे गिरा प्रखर की दोनों उंगलियां टूट गईं। एक महिला का कंधा टूट गया। निजी अस्पताल में सर्जरी कर उंगलियों को बचाने की कोशिश की गई। दो दिन बाद जब पट्टियां खुलेंगी। उसके बाद उंगलियों की स्थिति का पता चलेगा।

प्रखर मिश्रा की सर्जरी कर उंगलियों को बचाने की कोशिश की गई। दो दिन बाद जब पट्टियां खुलेंगी। वहीं, महिला को भी निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
प्रखर के पिता अंकित मिश्रा फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुख्य मार्गों की सड़कों को भी अब तक दुरुस्त नहीं करा पाई है। ऐसे में आम व्यक्ति की क्या हालत है। यह घटना से साफ जाहिर होता है।

प्रखर शॉपिंग कर मां और छोटी बहन के साथ लौट रहा था। इस दौरान हादसा हो गया।
बच्चे के पिता बोले, जिंदगी भर काम नहीं करेगी उंगलियां
घायल बच्चे प्रखर मिश्रा के पिता अंकित मिश्रा ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें कहा- अब यह दो अंगुलियां बिल्कुल खत्म हो चुकी हैं। इसका जख्म अब बच्चे को जिंदगी भर झेलना पड़ेगा।
अस्पताल में जारी है महिला का उपचार
घायल महिला प्रियंका योगी के ससुर ने कहा- उनकी बहू को भी चोट लगी है। अस्पताल ले जाने के बाद रैफर किया गया तो उन्होंने एक निजी अस्पताल में महिला को भर्ती कराया। इलाज जारी है। बहू का कंधा टूट गया है। शरीर में कई जगह चोट आई है। अस्पताल में एक बार आपरेशन किया गया है। अब भी अस्पताल में महिला का उपचार जारी है। पीड़ित का कहना है कि कंधा टूटने का दर्द हमेशा झेलना पड़ेगा। गड्ढों की यह लापरवाही के जिम्मेदार जेडीए और प्रशासन है। खामियाजा हमें भुगतना पड़ा है।

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