जयपुर, 07 अप्रैल। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने जल जीवन मिशन में नए वित्तीय वर्ष में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 30 लाख घरों में नल से जल कनैक्शन के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जल जीवन मिशन को अपने जीवन का मिशन बनाएं, इसी भावना से निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में कामयांब होंगे। अधिकारियों के सामने ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल कनैक्शन देने का ऐतिहासिक मौका है। ऐसा सुअवसर जीवन में एक बार ही आता है। अधिकारी इसका पूरा सदुपयोग करते हुए अब तक नल कनैक्शन से वंचित रहे लोगों के जीवन में बदलाव लाने के मुहिम में जुट जाएं।
श्री पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से जलदाय विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिकारी अपनी कार्यशैली और ‘एप्रोच’ में सुधार लाए और विभाग द्वारा निर्धारित टाइमलाइन पर अमल करते हुए वांछित परिणाम देने के लिए निरंतर सक्रियता से कार्य करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति बहुत कम दर्ज की गई है। विभागीय स्तर पर इसका विश्लेषण किया जा रहा है, जिसके आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
श्री पंत ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की गत बैठकों में बड़ी संख्या में सिंगल विलेज एवं मल्टी विलेज स्कीम्स के अलावा मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई है, जिनसे 24 हजार गांवों में 63 लाख हर-घर नल कनैक्शन दिए जाने है। उन्होंने कहा कि एसएलएसएससी द्वारा जारी इन स्वीकृतियों के बाद ज्यादातर जिलों में अधीक्षण अभियंता और खंड स्तर पर अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं के स्तर पर ही तकनीक स्वीकृतियां, टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी करने का कार्य किया जाना है, अधिकारी इन कार्यों को भी गम्भीरता से लेते हुए गति प्रदान करे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत इस माह फिर एसएलएसएससी की बैठक होगी। विभाग द्वारा हर-घर नल कनेक्शन की शेष बची सभी स्वीकृतियां जारी करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिला एवं खंड स्तर पर कार्यरत अधिकारी इन बैठकों में अपने क्षेत्र की योजनाओं की स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र भेजे।
वीसी में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को गर्मी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी जिलों में अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था की सघन मॉनिटरिंग करते हुए लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत राशि का आवश्यकता के अनुसार उपयोग करते हुए जनता को राहत दे तथा शिकायतों की सुनवाई के लिए जिला स्तर पर स्थापित सभी नियंत्रण कक्ष प्रभावी संचालन भी सुनिश्चित किया जाए। इंदिरा गांधी नहर में नहरबंदी से सम्बंधित 9 जिलों के अधिकारियों को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से सतत समन्वय रखते हुए निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए पूरी सजगता और सर्तकता बरतने के निर्देश दिए गए।
वीसी में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रदेश मुख्यालय जल भवन से मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) श्री आरके मिश्रा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड़ तथा जिला एवं खंड मुख्यालयों से मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं और अधीक्षण अभियंताओं ने शिरकत की।
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