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दाऊद पर ED का बड़ा खुलासा:सभी रिश्तेदारों को हर महीने 10 लाख भेजता था डॉन, उसके नाम पर होती थी वसूली

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*दाऊद पर ED का बड़ा खुलासा:सभी रिश्तेदारों को हर महीने 10 लाख भेजता था डॉन, उसके नाम पर होती थी वसूली*
प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में कई और अहम जानकारी हाथ लगी है। राकांपा मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गवाह खालिद उस्मान शेख ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि दाऊद इब्राहिम इकबाल कासकर सहित अपने अन्य भाई-बहन और रिश्तेदारों को हर महीने 10-10 लाख रुपए भेजता था। ईडी ने इकबाल कासकर को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। खालिद उस्मान शेख इकबाल कासकर के बचपन के दोस्त अब्दुल समद का छोटा भाई है। अब्दुल समद की मौत हो चुकी है। साल 1990 में दाऊद और अरूण गवली के बीच गैंगवार में अब्दुल समद मारा गया था। इकबाल कासकर और अब्दुल समद दाऊद के गिरोह में काम किया करते थे। उस्मान खालिद शेख ने ही ईडी को गैंगवार में भाई के मारे जाने की भी जानकारी दी।

*दोस्त की मौत पर इकबाल कासकर दुबई से भारत आया था*
उस्मान खालिद शेख ने बताया कि जब मेरे भाई की मौत हुई तब इकबाल कासकर दुबई में था। इसके बाद जब वो भारत आया तो मेरी मां से मिलने घर आया और अपनी संवेदना व्यक्त की। इसके बाद इकबाल ने मुझे और मेरे भाई शब्बीर उस्मान को अपने घर बुलाया जिस पर हमें उससे मिलने जाना पड़ा। बता दें शब्बीर उस्मान एक ड्रग्स के मामले में अभी जेल में है।

*गुर्गो के जरिए भेजता था पैसे*
जब हम इकबाल से मिलने उसके घर जाते थे तब अपने घर पर खाना खिलाता और एक घंटे के करीब बातचीत करने के बाद वापस भेजता था। उसी दौरान इकबाल ने बताया था कि दाऊद अपने भाई-बहन, रिश्तेदारों और गुर्गों को हर महीने 10-10 लाख रूपए भेजता है। ये सारा पैसा दाऊद अपने गुर्गो के जरिए भेजता है, इसी दौरान इकबाल कासकर ने मुझे बताया था कि दाऊद उसे भी हर महीने 10 लाख रुपए देता है।

*दाऊद के नाम पर होती थी वसूली*
खालिद उस्मान ने ईडी को बताया कि सलीम पटेल दाऊद को उसके नाम से जानता था। सलीम ने बताया वो उसका पड़ोसी था। सलीम दाऊद और इकबाल कासकर की बहन हसीना पारकर जिसकी अब मौत हो चुकी है उसका ड्राइवर था।उस्मान ने बताया कि सलीम पटेल हसीना पारकर के लिए वसूली और जमीन विवाद सुलझाने का काम करता था। हसीना पारकर ने पैसे कमाने के लिए दाऊद के नाम का इस्तेमाल किया। बताया कि सलीम और हसीना ने मिलकर मुंबई के बांद्रा में ऐसे ही एक फ्लैट पर जबरजस्ती कब्जा कर लिया था। ये बात सलीम ने मुझे खुद बताई थी कि दाऊद के नाम का इस्तेमाल वसूली और जमीन हड़पने के लिए किया था।

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