NATIONAL NEWS

पत्रकारिता से सियासत में आए कौन हैं इसुदान गढ़वी, जिन्हें AAP ने गुजरात में बनाया सीएम फेस

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

पत्रकारिता से सियासत में आए कौन हैं इसुदान गढ़वी, जिन्हें AAP ने गुजरात में बनाया सीएम फेस

आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के लिए लोगों की राय मांगी थी। अब आम आदमी पार्टी ने इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) को गुजरात में अपना सीएम फेस घोषित किया है।

पत्रकारिता से सियासत में आए कौन हैं इसुदान गढ़वी, जिन्हें AAP ने गुजरात में बनाया सीएम फेस

आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी वही प्रयोग किया है जो उसने पंजाब में किया था। गुजरात में आम आदमी पार्टी के सामने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर दो चेहरे इसुदान गढ़वी और गोपाल इटालिया सामने आए थे। इसुदान गढ़वी का पलड़ा भारी पड़ा। नतीजतन अरविंद केजरीवाल ने इसुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कौन हैं इसुदान गढ़वी… 

इसुदान गढवी का जन्म 10 जनवरी, 1982 को जामनगर जिले के पिपलिया गांव में एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता खेराजभाई खेती करते हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) एक पत्रकार थे। इसुदान गढ़वी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई जाम खंभालिया में पूरी की। उन्होंने कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। बाद में गुजरात विद्यापीठ से पत्रकारिता की पढ़ाई की। 

इसुदान ने गुजरात के कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में पोरबंदर के स्थानीय चैनल में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया। बाद में वह दूरदर्शन से भी जुड़े। साल 2015 में इसुदान एक प्रमुख गुजराती चैनल के संपादक बन गए। इस चैलन में उनका ‘महामंथन’ नाम का शो काफी चर्चित हुआ। इसमें किसानों और आम लोगों की समस्याओं पर चर्चा होती थी। 

कहते हैं कि इसुदान गढवी को महामंथन शो से ही राज्य स्तरीय पहचान मिली। वह इस शो में देसी और बेबाक अंदाज में आम लोगों और किसानों की समस्याएं उठाते थे। यह शो गुजरात में बेहद लोकप्रिय हुआ। एक पत्रकार के तौर पर इसुदान गढवी अहमदाबाद, पोरबंदर, वापी, जामनगर और गांधीनगर जैसे कई शहरों में रिपोर्टिंग की।

इसुदान गढ़वी (Isudan Gadhvi) ने पिछले साल पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में कदम रखा। तब उन्होंने घोषणा की थी कि वह राजनीति में भी आम लोगों और किसानों के लिए काम करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा कि आप मुझ पर भरोसा करें और विजयी बनाएं यदि मैंने आपके सपनों को साकार नहीं तो राजनीति छोड़ दूंगा।द्वारका जिले के पिपलिया गांव के किसान परिवार से आए इसुदान गढ़वी अन्य पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो राज्य की आबादी का 48 फीसद है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!