
पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में कोई नई योजना को अंजाम देने की फिराक में है। खुफिया सूत्रों की माने तो सुरक्षा एजेंसियों को संभावित ग्रेनेड हमलों, किसी भी उच्च मूल्य के लक्ष्य, सुरक्षा कर्मियों, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले और श्रीनगर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सतर्क कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय खुफिया एजेंसियों के कर्मियों को केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों की आवाजाही के बारे में खुफिया रिपोर्ट मिली है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) क्षेत्र में भी सक्रिय समकक्षों से ऐसी ही रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस संदर्भ में एक आला अधिकारी ने कहा है कि कहा, “पिछले 15 दिनों में सीमावर्ती इलाकों के पास आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के बारे में लगभग 10 अलर्ट जारी किए गए थे। हमने संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अलर्ट रहने को कहा है।”
खुफिया एजेंसियों ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और अन्य आतंकवादियों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है।
सुरक्षा एजेंसियों को संभावित ग्रेनेड हमलों, किसी भी उच्च मूल्य के लक्ष्य, सुरक्षा कर्मियों, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले और श्रीनगर में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सतर्क कर दिया गया है।
एक खुफिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादी एक गाइड के साथ पीओके के जंद्रोट पहुंचे और जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर इलाके से देश में प्रवेश की योजना पर काम कर रहे हैं।
एक खुफिया अधिकारी ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर गतिविधियों में अचानक वृद्धि देखी गई है। घाटी में युवाओं को संबोधित करने वाले कई असत्यापित वीडियो क्षेत्र में वायरल हो गए हैं। ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और लोगों से ऐसे वीडियो की रिपोर्ट करने का अनुरोध किया गया है।
इस बीच, अगस्त के तीसरे सप्ताह के दौरान कंधार में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान नेताओं के बीच एक बैठक के बारे में जानने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में तालिबान नेताओं के एक समूह ने भाग लिया, जहां जैश ने ‘भारत-केंद्रित’ अभियानों में उनका समर्थन मांगा।
सूत्रों का कहना है कि बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि गत 15 अगस्त को, अफगानिस्तान में सरकार गिरने के बाद तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से ही तालिबान से हमदर्दी रखने वाले भारत को निशाना बनाने की फिराक में है।
साहिल पठान









Add Comment