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पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले पकड़े:जैसलमेर-जोधपुर से 5 लोगों से पूछताछ, नेटवर्क का लगाया जा रहा पता

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स्टेट इंटेलिजेंस की टीम ने जोधपुर संभाग में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के मामले में पांच लोगों को डिटेन किया है। इनमें से तीन जोधपुर व दो जैसलमेर के रहने वाले हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन लोगों ने किस तरह की सूचनाएं पाकिस्तान भेजी है। इनके पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। जोधपुर में इंटेलिजेंस के आला अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि पांच लोगों से पूछताछ की जा रही है।

स्टेट इंटेलिजेंस की टीम कुछ दिन से कई लोगों पर निगाह रखे हुए थी। बताया जा रहा है कि रविवार को एक साथ की गई बड़ी कार्रवाई में करीब 22 लोगों को पकड़ा था। इनमें से पांच के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के शक में डिटेन किया गया। जयपुर से एक टीम भी पूछताछ करने के लिए जोधपुर पहुंच चुकी है।

फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि इन लोगों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से कैसे संपर्क हुआ। साथ ही इन लोगों ने अब तक क्या-क्या जानकारी पाकिस्तान भेजी। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये लोग हनीट्रैप का शिकार हुए या फिर ISI के इस क्षेत्र में सक्रिय स्लीपर सेल के जरिए इन लोगों को साधा गया।

देश की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज पोकरण में होने के कारण इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां चलती रहती हैं। ऐसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी यहां होने वाली सैन्य गतिविधि की जानकारी लेने के लिए समय-समय पर लोगों को अपने जाल में फंसा लेती है। इसके बाद इन लोगों के माध्यम से जानकारी जुटाई जाती है।

एक संदिग्ध आर्मी एरिया में करता है दूध की सप्लाई
जैसलमेर के पोकरण से पकड़ा गया युवक मजीद खान है। वह भणियाना का रहने वाला है। फिलहाल गोमट गांव में रहकर दूध की डेयरी चलाता है। 2 साल से आर्मी एरिया में दूध की सप्लाई करता है। वह लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में है। जैसलमेर से पकड़ा गया दूसरा संदिग्ध रतन सिंह पोहड़ा गांव का रहने वाला है। वह किसी सोलर कंपनी में ड्राइवर है। अब इनके मोबाइल को खंगाला जाएगा।

स्थानीय नंबर से बनाते हैं वॉट्सऐप ग्रुप
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भारतीय लोगों को साधने के लिए स्थानीय मोबाइल सिम काम में लेती है। ISI सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कुछ ग्रुप बना लेती है। इस ग्रुप में कई लोगों को जोड़ा जाता है। इसके बाद सामान्य मैसेज की आड़ में कुछ लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता है। इसके बाद व्यक्तिगत मैसेज के जरिए संबंधित व्यक्ति को पूरी तरह से झांसे में लेकर फंसा लिया जाता है।

ऐसे में भारतीय लोग जाने-अनजाने में इन लोगों के जाल में उलझते चले जाते हैं। एक बार फंसने के बाद इनका बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। पाकिस्तानी एजेंट भारत में अपने स्लीपर सैल के एजेंट्स के माध्यम से सिम की व्यवस्था करते हैं। कई लोग पाकिस्तान की यात्रा भी करते रहे हैं।

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