REPORT BY SAHIL PATHAN
पिनाका के बाद अब भारत का यह स्वदेशी तोप भी पहुंचा आर्मेनिया! अजरबैजान की हेकड़ी होगी गुम
पिनाका रॉकेट के बाद अब भारत का स्वदेशी होवित्जर तोप टीसी-40 का पहला बैच आर्मीनिया पहुंच गया है। इस होवित्जर को पूरी तरह भारत में विकसित और निर्मित किया गया है। टीसी-40 के विकास में भारतीय सेना ने भी योगदान दिया है। पिछले साल भारत फोर्ज ने बताया था कि कल्याणी ने आर्मेनिया के साथ इस गन का सौदा किया है।
येरवन: भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के बाद अब स्वदेशी होवित्जर तोप भी आर्मेनिया पहुंच चुका है। इस स्वदेशी होवित्जर का नाम टीसी-40 है। इस होवित्जर को कल्याणी भारत फोर्ज ने मिलकर बनाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 155एमएम के इस होवित्जर की पहली बैटरी और पिनाका रॉकेट सिस्टम एक साथ ही आर्मेनिया भेजे गए हैं। नवंबर 2022 में पुणे स्थित भारत फोर्ज ने बताया था कि कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स को 155 मिलीमीटर (मिमी) आर्टिलरी गन प्लेटफॉर्म टीसी-20 के लिए आर्मेनिया ने एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है। इस ऑर्डर की कुल कीमत 1,265 करोड़ रुपये बताई गई थी। हालांकि, अभी तक भारत फोर्ज ने आर्मेनिया को होवित्जर की सप्लाई पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
भारतीय सेना के पास इस गन का स्वामित्व
भारत फोर्ज ने जिस कीमत का खुलासा किया है, उस पर अर्मेनियाई ऑर्डर में 155 मिमी माउंटेड गन सिस्टम (एमजीएस) की चार से पांच रेजिमेंट की खरीद शामिल होगी। प्रत्येक रेजिमेंट में 18-20 गन सिस्टम होते हैं। इस होवित्जर को विकसित करने के लिए भारतीय सेना ने पूंजी लगाई थी। इसका प्रमुख कारण भारत के प्राइवेट डिफेंस कंपनियों से पूंजी के बोझ को कम करना था। बाद में सेना को इसका फायदा भी हुआ, क्योंकि इस होवित्जर का स्वामित्व सेना के पास है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के साथ भारत फोर्ज आर्टिलरी गन सिस्टम में एक बड़ा खिलाड़ी बन रहा है। दोनों कंपनियां स्वदेशी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) विकसित करने में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम कर रही हैं।
कितना ताकतवर है कल्याणी का टीसी-20
टीसी-20, मल्टी टेरेन ऑर्टिलरी गन 155 मिमी/39 कैलिबर अल्ट्रा लाइट होवित्जर का एक स्टील वेरिएंट है। इसका वजन लगभग 6.8 टन है। टीसी-20 होवित्जर की रेंज 24.7 किमी तक है। हालांकि, यह होवित्जर 30 किमी की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता है। ट्रक-माउंटेड होने के कारण इसकी मोबिलिटी काफी ज्यादा है। भारत में निर्मित यह दुनिया की एकमात्र 155 मिमी 39 कैलिबर गन सिस्टम है जो 4×4 हाई मोबिलिटी व्हीकल पर लगा हुआ है। ऐसे में इसे फायर कर तुरंत रिलोकेट किया जा सकता है। पहले ऐसा माना जाता था कि अगर ट्रक पर 105 मिमी से बड़ा गन सिस्टम लगाया गया तो हाई मोबिलिटी व्हीकल अस्थिर हो जाएगा। ऐसे में फायर करने पर गोला सटीक निशाने पर नहीं गिरेगा।
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