बीकानेर।मदर्स एल एस कर्मा फ़ाउंडेशन ने बालिका दिवस के अवसर पर रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर में लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम प्रोजेक्ट के तहत CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का डेमो आयोजित किया। यह शिविर राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड के मंडल प्रशिक्षण केंद्र, रिड़मलसर में संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 194 सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के खेल प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
शिविर का संचालन श्रीमती चंद्रकला चौधरी के सहयोग से किया गया, जहां डॉक्टर स्पृहा लेघा और उनके सहयोगी राजेश गोदारा ने प्रशिक्षकों को CPR का प्रशिक्षण प्रदान किया। इस प्रशिक्षण में CPR देने की विधि को प्रैक्टिकल तरीके से समझाया गया, साथ ही CPR देते समय ध्यान रखने योग्य सावधानियों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
मदर्स एल एस कर्मा फ़ाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. सुमन चौधरी ने फ़ाउंडेशन के उद्देश्य और उसके कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने CPR के महत्व को समझाते हुए बताया कि यह जीवन रक्षक तकनीक किस प्रकार आपात स्थितियों में उपयोगी साबित हो सकती है।
इस अवसर पर सभी प्रशिक्षकों को एक-एक पौधा भेंट किया गया। पिछले दो महीनों में फ़ाउंडेशन ने विभिन्न स्कूलों में दस हजार पौधों का वितरण किया, जिसमें पेमासर, गाढवाला, नौरंगदेसर, रायसर बम्बलू, शेरेरा, रूणियाँ बड़ाबास, गुसाईसर, सेरूणा, तेज़रासर, भोजास और बीकानेर शहर शामिल हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य भूमिका नीलम बेनीवाल, सुमन लेघा, शकुन्तला गोदारा, चंद्रकला चौधरी, ज्योति चौधरी, डॉक्टर अंशुमाला शर्मा और सुमित्रा चौधरी की रही।
इसके साथ ही, सभी छात्रों को एक कपड़े से निर्मित थैले का वितरण भी किया गया। इस कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझाया गया और प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया।
फ़ाउंडेशन के इस प्रयास ने न केवल CPR के महत्व को समझाने का कार्य किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाए हैं। इस प्रकार के आयोजन बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनते हैं, जिससे वे न केवल अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदार बनें।
इस कार्यक्रम को लेकर सभी प्रतिभागियों में उत्साह का माहौल था, और उन्होंने फ़ाउंडेशन के इस पहल की सराहना की। सभी ने मिलकर इस प्रयास को सफल बनाने में योगदान दिया और आने वाले समय में भी इस तरह के कार्यक्रमों के लिए तत्पर रहने का आश्वासन दिया।









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