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बाल भिक्षावृत्ति पर प्रभावी अंकुश के लिए हो समन्वित और सख्त कार्यवाहीजिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बाल संरक्षण इकाई की बैठक आयोजित

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बीकानेर, 10 नवंबर। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति पर प्रभावी अंकुश के लिए समन्वित और सख्त कार्यवाही की जाए। इसके लिए पुलिस एवं बाल अधिकारिता सहित सभी संबंधित विभाग प्रभावी योजना के तहत कार्य करें।
जिला कलेक्टर ने गुरुवार को जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा भिक्षावृत्ति से नहीं जुड़ा रहे। इसके मद्देनजर पुलिस विभाग द्वारा बाल भिक्षावृत्ति से जुड़े संभावित स्थलों का चिन्हीकरण और औचक छापामारी की जाए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिए भी नियमित अभियान चलाया जाए। बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम से जुड़े बच्चों का सम्मानजनक पुनर्वास किया जाए तथा ऐसा करवाने वाले बच्चों के अभिभावकों के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि चकगर्बी के जिन बच्चों का सरकारी विद्यालय में अस्थाई प्रवेश करवाया गया है, उनके स्थाई दाखिले के लिए आवश्यक दस्तावेजों से जुड़ी सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र, आधार तथा जन आधार बनवाने के लिए बाल अधिकारिता विभाग, शिक्षा विभाग और नगर निगम के समन्वय से कार्य करें। इस दौरान उन्होंने बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा की। बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी ने अब तक की कार्यवाही के बारे में बताया।
बैठक में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. किरण सिंह तंवर, सदस्य एडवोकेट जुगल किशोर व्यास, सरोज जैन, आईदान, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरविंद सिंह सेंगर, किरण गौड़, मानव तस्करी विरोध प्रकोष्ठ के अरविंद भारद्वाज, बालिका गृह अधीक्षक शारदा चौधरी, किशोर गृह परिवीक्षा अधिकारी राजेश चौधरी सहित चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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