बीकानेर सड़क हादसे में 2 की मौत:छत पर बैठी थी सवारियां, अंधेरे में भारी वाहन रोकने वाले गार्डर से टकराई, PWD ने दी थी चेतावनी

देर रात घायलों को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया।
बीकानेर के गजनेर थाना क्षेत्र में सोमवार रात सड़क हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई। दरअसल, यहां सड़क पर से भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए अवैध रूप से लगे लोहे के गार्डर लगाए हुए हैं। जिससे टकराने से बस की छत पर सवार लोग घायल हो गए। खास बात ये है कि कुछ दिन पहले ही सार्वजनिक निर्माण विभाग ने उपखंड अधिकारी को इस संबंध में एक पत्र देकर सड़क पर लगे लोहे के गार्डर हटाने के लिए आग्रह किया था। इसी पत्र की एक कॉपी गजनेर पुलिस को भी दी गई, लेकिन दोनों ने कार्रवाई नहीं की।
इस दौरान रात में जब बस यहां से गुजरी तो ड्राइवर को ये गार्डर दिखाई नहीं दिया। वहीं अंधेरे के कारण बस की छत पर बैठी सवारियों को भी आगे गार्डर होने का अहसास नहीं हुआ। बताया गया कि छत पर 15-20 सवारियां बैठी थी, जो लोहे के गार्डर से टकरा गई। इनमें 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 सवारियों को गंभीर चोटें आई हैं।
घायलों को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं मृतकों के शव का अब पोस्टमार्टम हो रहा है। घटना के बाद बीकानेर एसपी तेजस्वनी गौतम भी मौके पर पहुंची।
ऐसे हुआ हादसा
सोमवार देर रात कोडमदेसर से गजनेर की ओर जाने वाले मार्ग पर रोड अंडर ब्रिज के पास हादसा हुआ। आमतौर पर बस इस ओवर ब्रिज से गुजरती हैं और किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती। हाल ही में यहां से भारी वाहनों की आवाजाही बंद करने के लिए लोहे के गार्डर लगा दिए गए थे। ये इतने ऊंचे थे कि बस तो निकल गई लेकिन बस की छत बैठी सवारियां इससे टकरा गई।
स्पीड भी कुछ तेज थी, ऐसे में बस की छत बैठे लोगों के लिए लोहे का गार्डर जानलेवा साबित हुआ। सभी के सिर लोहे के गार्डर से टकराए। जिसमें दो जनों को गंभीर चोट लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य 12 घायल हो गए।
इधर, गजनेर पुलिस मृतकों की पहचान भी मंगलवार सुबह तक नहीं कर पाई। एक मृतक का नाम अजय कुमार बताया जा रहा है जबकि दूसरे मृतक का नाम अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। गजनेर थाने से एएसआई पीबीएम अस्पताल मॉर्च्युरी पर तैनात है। जहां अजय कुमार का पोस्टमार्टम हो गया लेकिन दूसरे मृतक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
स्पीड में थी बस
खुली रोड होने के कारण बस भी पचास किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा स्पीड में थी। ऐसे में गार्डर से हुई टक्कर ने बुरी तरह घायल कर दिया। किसी को संभलने का मौका भी नहीं मिला। करीब बारह फीट ऊंचे इस गार्डर के नीचे से बस तो निकल गई लेकिन ऊपर बैठी सवारियों के चोट लगी।
क्यों नहीं हटा गार्डर?
सवाल ये उठ रहा है कि ये गार्डर समय रहते क्यों नहीं हटाया गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के जिला उपखंड कोलायत के सहायक अभियंता सुरेंद्र कुमार ने तीस जून को पत्र लिखा था कि इस गार्डर को हटा दिया जाए। इतना ही नहीं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का जिक्र भी किया गया। पत्र की प्रति पुलिस को दी गई ताकि इस पर कार्रवाई हो सके। इसके बाद भी दोनों ने कोई कार्रवाई नहीं की और इसका परिणाम ये रहा कि दो लोगों की मौत हो गई जबकि अनेक घायल हो गए।
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