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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यशाला में कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम और बेटियों के उत्थान को लेकर एकजुट प्रयास का लिया संकल्प

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बीकानेर, 18 फरवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च एवं ट्रीटमेंट इंस्टिट्यूट के सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विषयक कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें राजकीय नर्सिंग स्कूल तथा बीएससी नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी एक्ट, कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम के साथ-साथ मातृत्व स्वास्थ्य, कैंसर जागरूकता तथा मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर भी सत्र आयोजित हुए। संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन डॉ देवेंद्र चौधरी ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या के संपूर्ण उन्मूलन और बेटियों के उत्थान को लेकर सभी संबंधित विभाग को समाज के साथ मिलकर एकजुट प्रयास बढ़ाने होंगे। उन्होंने बेटे और बेटी के फर्क को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों को उदाहरण सहित निराधार सिद्ध किया और स्पष्ट किया कि बेटियां किसी से कम नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पुखराज साध ने कहा कि जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 की सख़्ती से पालना की जा रही है और विभाग अपनी गुणवत्तापूर्ण मातृ शिशु स्वास्थ्य व किशोर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ बेटियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उपनिदेशक डॉ राहुल हर्ष तथा जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने भी अपनी बात रखी। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के विभिन्न प्रावधानों, मुखबिर योजना के तहत हुए डेकोय ऑपरेशन तथा विद्यार्थियों से अपेक्षा पर तकनीकी व्याख्यान दिया। डॉ राहुल हर्ष ने सभी को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना, डॉ सुरेंद्र बेनीवाल, डॉ हरफूल सिंह बिश्नोई, डॉ सुनीता गढ़वाल, डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेंद्र तनेजा, डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता, डॉ नवल किशोर गुप्ता, ब्लॉक सीएमओ खाजूवाला डॉ मुकेश मीणा, मानसिक रोग विभाग के डॉ विजय शंकर बोहरा, महिला अधिकारी का विभाग से पवन कुमार सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यक्रम समन्वयक मालकोश आचार्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रबंधन तथा सहयोग पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ के भोजराज मेहरा द्वारा किया गया।

कैंसर बचाव, मानसिक स्वास्थ्य और मातृत्व स्वास्थ्य पर हुआ आमुखीकरण
कार्यशाला के दौरान पीबीएम अस्पताल के मेडिकल ऑंकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र बेनीवाल ने बालिकाओं व महिलाओं में संभावित स्तन कैंसर, सर्विक्स कैंसर, अंडाशय तथा गर्भाशय कैंसर की संभावना, समय रहते पहचान तथा जांच पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 12 में से एक स्त्री को स्तन कैंसर की आशंका मानी जाती है और भारत में यह महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है जिसकी समय रहते पहचान अति आवश्यक है। मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ हरफूल सिंह बिश्नोई ने बताया कि भारत में डिप्रेशन के केस सर्वाधिक होते जा रहे हैं। इसी के साथ पोस्टपार्टम साइकोसिस, सुसाइडल टेंडेंसी, ऑटिज्म व शिजोफ्रेनिया की समय रहते पहचान तथा चिकित्सक द्वारा उपचार की जानकारी भी साझा की। मानसिक रोग विभाग से डॉ ईशा चौधरी ने मानसिक रोग के प्रमुख विषयों की जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुनीता गढ़वाल ने किशोरावस्था में देखभाल, गर्भधारण तथा सुरक्षित प्रसव जैसे बिंदुओं को लेते हुए मातृत्व स्वास्थ्य पर विस्तृत व्याख्यान नर्सिंग विद्यार्थियों को दिया।

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