*‘भले ही मोदी के नाम से शुरू करें ग्रामीण ओलिंपिक’:गहलोत बोले- नेशनल लेवल पर हों; चांदना ने कहा- लोग मेरा स्क्रू ढीला बताते थे*
देश में पहली बार आयोजित हुए ग्रामीण ओलिंपिक खेलों का आज जयपुर में अंतिम दिन था। इस दौरान मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं चाहता हूं कि राजस्थान की तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत करें। भले ही वह इसका नाम राजीव गांधी की जगह नरेंद्र मोदी ग्रामीण ओलिंपिक ही क्यों ना कर दें। मोदी जी भी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। वह गुजरात मॉडल को राजस्थान से कंपेयर करें। तब उन्हें पता चलेगा कि मोदी और अशोक गहलोत के मॉडल में कितना फर्क है।वहीं मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि इस आयोजन को लेकर लोगों उनके लिए कहते थे कि मंत्री का स्क्रू ढीला है। इस मौके पर चांदना ने वॉलीबाल भी खेली और मैच के रेफरी थे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
क्लोजिंग सेरेमनी में गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की भी आलोचना होती है, जिसे मैं खुशी से स्वीकार करता हूं।
ग्रामीण ओलिंपिक खेलों की शुरुआत 29 अगस्त को हुई थी। करीब डेढ़ महीने तक चले इन खेलों में करीब 30 लाख लोग शामिल हुए। जयपुर के SMS स्टेडियम में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विजेता और उप विजेता खिलाड़ियों को 7 लाख 20 हजार रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए।
इस दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना, क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया के साथ ग्रामीण ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी भी मौजूद थे।
*सीएम बोले: अगला बजट युवाओं का*
कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा- लोकतंत्र में आलोचना आभूषण की तरह होती है। हमारी सरकार की भी आलोचना होती है। जिसे में खुशी के साथ स्वीकार करता हूं। गहलोत ने कहा- अगला बजट युवाओं को ध्यान में रखते हुए पेश करना चाहता हूं।
इसलिए में सभी प्रदेशवासियों से अपील कर सुझाव मांग रहा हूं। ताकि प्रदेश के युवा और खिलाड़ियों के लिए जो भी सबसे अच्छी योजना है, हम उसे लागू कर सके।
*चांदना ने कहा- हमने सबको जवाब दिया*
खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि ग्रामीण ओलिंपिक शुरू होने से पहले लोग कहते थे कि अशोक चांदना का दिमाग का स्क्रू ढीला हो गया है। राजस्थान में हर गांव और ढाणी स्तर पर इतना बड़ा आयोजन संभव नहीं है, लेकिन हमने, 30 लाख खिलाड़ियों के साथ इस आयोजन को पूरा कर उन सबको जवाब दिया है।
CM अशोक गहलोत ने बताया कि ग्रामीण ओलिंपिक में हर उम्र के राजस्थानी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। ऐसे में अब हर साल ऐसे आयोजन किया जाएगा। जिससे राजस्थान की गांव-ढाणी में रहने वाली प्रतिभा को मंच मिल सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलिंपिक की तर्ज पर 26 जनवरी से शहरी ओलिंपिक का आयोजन भी किया जाएगा।
ताकि राजस्थान में खेल भावना का विकास हो और राजस्थानी खुद को फिट रख सके।
*ग्रामीण ओलिंपिक के क्या मायने हैं, समझिए- इन फैक्ट्स के जरिए…*
30 लाख खिलाड़ियों ने ग्रामीण ओलिंपिक में हिस्सा लिया।
अब तक 2 लाख 21 हजार 55 टीमों के बीच मुकाबला हुआ।
11 हजार 285 ग्राम पंचायतों में पहली बार अनोखी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
*ग्रामीण ओलिंपिक में हुए ये 6 स्पोट्र्स*
1- कबड्डी
2- शूटिंग बॉल
3- वॉलीबॉल
4- हॉकी
5- खो-खो
6- टेनिस बॉल क्रिकेट
*इस तरह हुआ प्रतियोगिताओं का आयोजन*
ग्राम पंचायत स्तरीय खेल – 29 अगस्त से 1 सितंबर तक।
ब्लॉक स्तरीय खेल- 12 सितंबर से 15 सितंबर तक।
जिला स्तरीय खेल- 22 सितंबर से 25 सितंबर तक।
राज्य स्तरीय खेल- 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक।
आयु वर्ग – खिलाड़ी (कुल खिलाड़ी *संख्या- 29 लाख 80 हजार से अधिक)*
10 से 20- 2093911
20 से 30- 516351
30 से 40- 127973
40 से 50- 40482
50 से 60- 15119
60 से 70- 4443
70 प्लस- 1567
*खेल और कुल खिलाड़ी*
1- कबड्डीः कुल- 11 लाख 86 हजार 93 खिलाड़ी, पुरूष- 9 लाख 35 हजार 335 एवं महिला- 2 लाख 50 हजार 758 खिलाड़ी
2- टेनिस बॉल क्रिकेटः कुल- 7 लाख 4 हजार 788, पुरूष- 6 लाख 63 हजार 830 एवं महिला- 40 हजार 958 खिलाड़ी
3- वॉलीबॉलः कुल 3 लाख 4 हजार 892 खिलाड़ी, पुरूष- 2 लाख 41 हजार 794 एवं महिला- 63 हजार 98 खिलाड़ी
4- हॉकीः कुल 1 लाख 31 हजार 87 खिलाड़ी, पुरूष- 92 हजार 582 एवं महिला- 38 हजार 505 खिलाड़ी
5- शूटिंग बॉलः कुल 1 लाख 4 हजार 19 सभी पुरुष खिलाड़ी
6- खो-खोः कुल 5 लाख 48 हजार 356 सभी महिला खिलाड़ी
*ग्राम पंचायत स्तर पर कुल टीमें – 2 लाख 21 हजार 055*
कबड्डी में- 91891 टीमें
टेनिस क्रिकेट- 46297 टीमें
वॉलीबॉल- 29730 टीमें
हॉकी- 5796 टीमें
शूटिंग वॉलीबॉल- 8513 टीमें
खो-खो- 38825 टीमें
*इन जिलों में 1 लाख से अधिक खिलाड़ी बने ग्रामीण ओलिंपिक का हिस्सा*
भीलवाड़ा- 2 लाख 25 हजार 578
नागौर- 2 लाख 25 हजार 565
उदयपुर- 2 लाख 3 हजार 817
अलवर- 1 लाख 83 हजार 583
श्रीगंगानगर- 1 लाख 45 हजार 635
हनुमानगढ़- 1 लाख 45 हजार 185
बीकानेर- 1 लाख 14 हजार 324
झुंझुनूं- 1 लाख 13 हजार 605
बूंदी- 1 लाख 10 हजार 453
सीकर- 1 लाख 2 हजार 474
बाड़मेर- 1 लाख 1 हजार 232










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