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भारत पाक सीमा पर स्थित सांचू गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में करेंगे स्थापित :: केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल

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भारत पाक सीमा पर स्थित सांचू गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में करेंगे स्थापित :: केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल

#भारत-पाक सीमा पर सांचू गांव को वाइब्रेंट विलेज रूप में करेंगे स्थापित-अर्जुनराम मेघवाल #bikaner


बीकानेर। बीएसएफ द्वारा बीकानेर से सांचू के लिए तिरंगा यात्रा, बाइक रैली तथा ऊंटों की रैली को केंद्रीय मंत्री तथा सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ऊंटों की ये रैली बीएसएफ तथा एनआरसीसी द्वारा ऊंटों की निरंतर कम हो रही संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर आयोजित की जा रही है।


इस अवसर पर एयर फोर्स स्टेशन बीकानेर के 25 जवानों की बाइक रैली भी बीकानेर की डूंगर कॉलेज से रवाना हुई जो सांचू बॉर्डर पहुंचेगी। जहां 100 फुट के फ्लैग को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा फहराया जाएगा।
इस अवसर पर विशेष बातचीत में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार सीमा क्षेत्र के गांव में पिछले 75 वर्षों के बदलाव को देखना चाहती है तथा इस आधार पर रोड मैप कभी निर्माण करना चाहती है जिसे लेकर ग्राउंड जीरो से प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने बताया कि सांचू गांव को इसी कड़ी में वाइब्रेंट विलेज के रूप में स्थापित करने की योजना है नारको टेररिज्म के विषय में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में आने के बाद नार्को टेररिज्म और नक्सलवाद में कमी आई है साथ ही बॉर्डर पर आपराधिक गतिविधियां भी घटी है। 11 सितंबर को बीएसएफ द्वारा आयोजित होने वाली रिट्रीट सेरेमनी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान की सांचू पोस्ट पर्यटन के क्षेत्र में एक नए माइलस्टोन के रूप में विकसित होगी। इससे राजस्थान की लोगों को रोजगार के क्षेत्र में भी इजाफा होगा।
इस अवसर पर विशेष बातचीत में बीकानेर बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि तिरंगा यात्रा के साथ ही 50 से 55 ऊंटों की सवारी यात्रा प्रारंभ की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य ऊंटों का सरंक्षण और संवर्धन करना है।
इस दौरान डॉ जी एस नाग वेटरनरी कमांडेंट जोधपुर ने विशेष बातचीत में कहा कि ऊंटों की संख्या में कमी आना अत्यंत चिंता का विषय है, क्योंकि ऊंट बीएसएफ का चेहरा है जिनके संरक्षण व संवर्धन के लिए बीएसएफ प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पहले राजस्थान का राईका समाज ऊंटों को पालने का कार्य करता था परंतु अब युवा पीढ़ी को फिर से संदेश दिया जाना चाहिए कि ऊंट के बिना राजस्थान में जीवन नहीं है।
ऊंटों के इस सवारी यात्रा से जुड़े एनआरसीसी के निदेशक डॉ आर्तबंधु साहू ने बताया कि इसके माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि ऊंट हमारा है और हम ऊंट के लिए है।

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