मनी लॉन्ड्रिंग केस में शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान बरी:पिछले साल पाक PM और दूसरा बेटा निर्दोष साबित हुए थे

सुलेमाल पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान आए थे। इससे पहले चार साल वे लंदन में रह रहे थे। सोमवार को उन्हें सबूतों की कमी के आधार पर बरी कर दिया गया।
पाकिस्तान में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में PM शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शहबाज और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर 16 अरब रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का केस था।
इसी केस में पिछले साल पाक PM और उनके दूसरे बेटे हमजा शरीफ निर्दोष साबित हुए थे। दरअसल, फेडरल इन्वेस्टिगेशन अथॉरिटी (FIA) ने शहबाज और उनके दोनों बेटों पर 2008 और 2018 के बीच 28 बैंक खातों के जरिए लगभग 16.3 अरब रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था।

ये दिसंबर 2022 की तस्वीर है, पाक PM के बेटे सुलेमान अमेरिका से चार साल बाद पाकिस्तान लौटे थे।
कोर्ट की सुनवाई को सिलसिलेवार पढ़िए…
- सोमवार को कोर्ट की सुनवाई के दौरान सुलेमान अपने वकीलों के साथ अदालत पहुंचे थे। FIA ने मामले से जुड़े 27 सवालों के जवाब कोर्ट में दाखिल किए थे।
- जज बख्त फखर बेहजाद ने इस केस की जांच में शामिल लोगों के बारे में पूछताछ की तो FIA के वकील ने बताया कि जांच एक दिवंगत FIA अधिकारी की अध्यक्षता में की गई थी।
- ऐसे में जज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘मुझे सीधे-सीधे बताओ, कहानियाँ मत बनाओ, मैंने सब पढ़ा है। मैं अभी सभी FIA वालों को जेल भेजूँगा, ये याद रखना। मुझे जवाब चाहिए, चालान के साथ अपराध का क्या सबूत था?’
- सुलेमान के वकील अमजद परवेज ने कहा कि यह केस निराधार है और उन्होंने इसे लेकर बात भी की थी। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि आखिर किसके दबाव में केस दर्ज कराया गया है?
- इस बीच अमजद ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं था और खाता खोलने के लिए इस्तेमाल किए गए फॉर्म के आधार पर सुलेमान को आरोपी घोषित किया गया था।
- ऐसे में सबूतों की कमी के कारण जज ने सुलेमान समेत सभी आरोपियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले से बरी कर दिया।
सुलेमान को दो मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया था
सुलेमाल पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान आए थे। इससे पहले चार साल वे लंदन में रह रहे थे। हालांकि, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनके आने से पहले FIA और नेशनल एकाउटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) को उन्हें गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी।
सुलेमान सिर्फ इसी केस में आरोपी नहीं थे। इसके अलावा, उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में भी आरोपी बनाया गया था। इन दोनों मामलों में उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया था। हालांकि, दोनों ही मामलों में सबूतों की कमी के कारण उन्हें बरी कर दिया गया है।










 
							 
							 
							

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