
बीकानेर। 12 फ़रवरी से आयोजित कार्यशाला के अंतर्गत आज दिनांक 13 फ़रवरी को महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर के महिला प्रकोष्ठ की ओर से आज भारत के संविधान में महिला सुरक्षा एवं अधिकार विषय पर व्याख्यान व चर्चा का आयोजन हुआ है, जिसके अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता में महिला अधिकारिता संबंधी प्रावधान IPC एवं CRPC के नवीन संशोधनों के बारे में बताया गया ।साथ ही घरेलू हिंसा क़ानून मानव तस्करी विरोधी क़ानून पॉक्सो एक्ट दहेज निषेध अधिनियम कार्यस्थल पर यौन शोषण प्रतिषेध ने अधिनियम तथा महिला प्रताड़ना रोकने संबंधित अधिनियम पर चर्चा की गई ।कार्यशाला के प्रथम चरण में श्रीमती सुनिता हठीला एडवोकेट ने भारत के संविधान तथा न्याय संहिता के नवीन संशोधन की विस्तृत जानकारी प्रदान की । वित्तीय चरण में वक़ील प्रियंका ने घरेलू हिंसा मानव तस्करी दहेज निषेध पॉक्सो क़ानून पर अपना व्याख्यान दिया ।उन्होंने बताया कि महाविद्यालय स्तर पर छात्राओं के लिए इन अधिनियम तथा कानूनों की जानकारी होना अति आवश्यक है । इनके अभाव में हम न तो किसी की मदद कर सकते हैं न ही अपने स्वयं के अधिकारों के प्रति सजग रह सकते हैं ।उन्होंने महिला वर्ग को जागरूक जागृत और चौकन्ना रहने की हिदायत दी ।कार्यशाला के तृतीय चरण में वक़ील बन रही सुश्री रिशिता सिंघवी ने यौनशोषण प्रतिषेध अधिनियम व महिला प्रताड़ना रोकने संबंधी प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा करके छात्राओं को क़ानून की शरण में रखने की आवश्यकता पर बल दिया ।वक्ताओं द्वारा महाविद्यालय को उपयुक्त तथा महिला सुरक्षा एवम सलाह को महत्व देने के लिए स्वयं भी सेवाएँ देने के लिए आश्वस्त किया तथा हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध करवाऐ ।महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर दो नंदिता सिंघवी ने महाविद्यालय में छात्राओंको सुरक्षा का वातावरण एवं सहायता के लिए विधिक प्रकोष्ठ की स्थापना किए जाने की बात कही ।साथ ही उन्होंने बदलते समय में महिला परिस्थितियों में आ रहीं परिवर्तनों की चर्चा भी की तथा छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया ।महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉक्टर अजंता गहलोत ने इस कार्यशाला के उद्देश्यओं पर प्रकाश डाला , डॉक्टर नूर जहाँ ने छात्राओं की जिज्ञासाओं को शांत किया. डॉक्टर धनवंतरी विश्नोई डॉक्टर सुनीता गहलोत ने अतिथियों का आभार प्रकट किया गया। छात्राओं के उत्साह और कानूनों की जिज्ञासा ने इस कार्यशाला के महत्व को सार्थक सिद्ध किया.

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