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महिला स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण हाट में मिली स्थायी दुकानेंअवसरों का उपयोग कर स्वयं को सशक्त बनाएं महिलाएं-जिला कलक्टर

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महिला स्वयं सहायता समूहों को ग्रामीण हाट में मिली स्थायी दुकानें
अवसरों का उपयोग कर स्वयं को सशक्त बनाएं महिलाएं-जिला कलक्टर

बीकानेर, 07 जून। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता है। महिलाएं स्वयं को सीमित ना रखें, बड़ी सोच के साथ अवसरों को उपयोग कर खुद को सशक्त बनाएं।
जिला उद्योग केन्द्र द्वारा जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित ग्रामीण हाट बाजार में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थायी दुकानों के उद्घाटन अवसर पर जिला कलक्टर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण हाट बाजार में स्थायी दुकानें खुलने से इन समूहों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक नियमित बाजार मिल सकेगा। महिलाओं के लिए स्वरोजगार सृजन की दिशा में यह एक अहम पहल है। इससे महिलाओं की आमदनी बढे़ेगी, आत्मविश्वास और मजबूत होगा तथा वे गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर सकेंगी। इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि एसएचजी पैकेजिंग व नई तकनीकी से भी स्वयं को अपडेट करें, उत्पादों की ब्रांडिंग कर अपने व्यवसाय को नई उंचाई दें।
जिला कलक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा में सभी जिलों में स्थित ग्रामीण हाट को इन महिला एसएचजी के उत्पादों के विक्रय के लिए आवंटन करने के निर्देशानुसार यह कार्य किया गया है। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा को ग्रामीण हाट को अन्य एसएचजी के लिए भी दुकानें उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस हाट बाजार के प्रचार प्रसार के लिए पर्यटन केन्द्रों, होटलो में इस सम्बंध में होर्डिंग लगाए जाएं।  

इस अवसर पर 7 समूहों के लिए अस्थायी दुकानें आवंटित की गई। ग्रामीण हाट में भुजिया, पापड़ आचार, बड़ी, खेस, दरी चद्दर, कंबल, पायदान, वॉल क्लोक, कशीदाकारी, कपड़े , चूड़ी, आदि विभिन्न प्रकार के उत्पाद आमजन के खरीदने के लिए उपलब्ध है। इस अवसर पर जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के  ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद बेचने के लिए शहर के बीचबोच एक बाजार मिल सकेगा। उन्होंने अन्य महिलाओं से भी स्वरोजगार से जुड़ने की अपील की। इस अवसर पर नाबार्ड के डीडीएम रमेश ताम्बिया, एलडीएम बीकानेर एमएमएल पुरोहित सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उपस्थित रहीं।

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