NATIONAL NEWS

मांगणियार ग्रुप फेलकन ऑफ़ राजस्थान की संगीतमयी प्रस्तुति से हुआ बीकानेर चिल्ड्रन फेस्टिवल का समापन, बच्चों के लिए यादगार बन गया आजू गूजा।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बीकानेर, 23 फरवरी। पिछले दो दिनों से बीकानेर के तीन से चौदह साल तक के बच्चों के लिए आयोजित हो रहे अनूठे चिल्ड्रन फेस्टिवल ‘आजू गूजा’ का भव्य संगीतमय समापन जैसलमेर के नन्हे कलाकारों की यादगार प्रस्तुति से हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत नवाब खान, मोती खान ने ढोलक और खरताल, भपंग तथा मोरचंग की जुगलबंदी से की. मांगणियार समुदाय के इन 14 नन्हे कलाकारों ने एक साथ जब झिरमिर बरसे मेह गाया तो फेस्टिवल में आये बच्चे भी झूमने लगे. वरिष्ठ कलाकार गाज़ी खान के निर्देशन में “फेलकन ऑफ़ राजस्थान” के इस ग्रुप ने एक के बाद लोक गीत प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। कार्यक्रम में हारमोनियम और गायन पर राहुल खान, आसु खान, भल्ले खान और सलीम खान, ढोल पर नासिर खान, चीप पर मजीद खान, खामायचा पर रसूल खान ने अपनी प्रस्तुतियां दी।

नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष ने जानकारी दी कि जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि की पहल पर नगर निगम बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और मलंग फोक फाउंडेशन द्वारा 22 और 23 फरवरी को आयोजित हुए इस दो दिवसीय फेस्टिवल के दूसरे दिन दिन भर अनेक रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन हुआ जिसमे हज़ारों की संख्या में बीकानेर के बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ भागीदारी की. फेस्टिवल के अंतिम दिन के सत्रों में सुबह कुणाल मोटलिंग ने माइम की कार्यशाला ली जिसमे बच्चों को खूब मजा आया. कमलेश चंद्रा ने लिटिल आइंस्टीन, सीमा वाही ने मन के रंग टिया के संग, राजेंद्र ने जादूगरी, अमनप्रीत ने शोर मचाती दादी नाटक, अनंत ने अड़रम बड़रम बड़रू बू, लोलपालूजा ने एक मजनू एक लड़कू की कार्यशालाएं बच्चों के साथ की. कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्री कावेंद्र सागर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सोहन लाल, बीकानेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त अपर्णा गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मलंग फोक फाउंडेशन की प्रोजेक्ट निदेशक निकिता तिवाड़ी ने बताया कि विभिन्न सत्रों में उमेश ने कठपुतली शो एवं पप्पेट मेकिंग, दिल्ली से आये बाल लेखक शीराज़ ने कहानी कहानी युकुलेले में बच्चों के साथ कहानी और कविताओं का पाठ किया तथा सीमा वाही ने विंग्स ऑफ़ विजडम के ऊपर कहानी कार्यशाला भी बच्चों के साथ की. मुख्य स्टेज पर फेस्टिवल के अंतिम दिन अनेक मनोरंजक गतिविधियां आयोजित हुए जिसमे दीपांकर रैना ने बच्चों को अलग अलग भाषाओँ के अनेक गीत और ग्रुप डांस करवाए जिसे बच्चों ने बहुत एन्जॉय किया। मनु और श्रेया ने अलग अलग समूहों में बच्चों को ड्रम बजाना सिखाया। बड़ी संख्या में बच्चों ने डूडल आर्ट और 20 फिट लम्बे केनवास को रंगों से पेंट करके सजाया। इसके अलावा बच्चों ने चारपाई बनाना, कताई करना और मिटटी से बर्तन बनाना भी फेस्टिवल में पहली बार सीखा।

कोषाधिकारी धीरज जोशी ने जानकारी दी कि बच्चों के साथ साथ उनके साथ आये अभिभावकों ने पुस्तक प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में पुस्तकों की खरीददारी की. फेस्टिवल में बच्चों के लिए लगाए गए वॉल क्लाइम्बिंग स्पोर्ट्स में भी भाग लिया। फेस्टिवल के आयोजन में शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल अधिकारिता, चिकित्सा विभाग, लोटस ग्रुप, पॉवरग्रिड कारपोरेशन, बी के सी एल, तोलाराम बाफना अकादमी, फ्लरीश इंग्लिश मीडियम स्कूल, जैन पब्लिक स्कूल, रयान इंटरनेशनल, विनसम और हंसा गेस्ट हाउस प्रमुख सहयोगी रहे.

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!