माइंस कारोबारी ने खुद को लगाई आग:डीएसपी ऑफिस के बाहर आत्मदाह का प्रयास; पार्टनरों पर 50 लाख रुपए हड़पने का आरोप

माइंस कारोबारी के आत्मदाह की कोशिश के बाद आग को बुझाते लोग।
अजमेर के केकड़ी में गुरुवार को डीएसपी ऑफिस के बाहर एक माइंस कारोबारी अशोक गौतम ने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। इसके बाद वह चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगा। एक बार तो उसे आग से घिरा देखकर लोग सकते में आ गए, लेकिन फिर कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे बचाने का प्रयास किया।
बड़ी मुश्किल से लोगों ने आग को बुझाया और उसे अस्पताल पहुंचाया। आग से कारोबारी करीब 50 प्रतिशत तक झुलस गया। केकड़ी में हालत गंभीर होने पर उसे अजमेर रेफर कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार अशोक गौतम पुत्र पवन शर्मा केकड़ी के शांति नाथ में किराए से रहता है। यह परिवार मूलत: चूरू का रहने वाला है, लेकिन लंबे समय से कोलकाता में रहता है। केकड़ी क्षेत्र में अशोक ने पार्टनरशिप में माइंस ले रखी है। पार्टनरों ने उसे पचास लाख से ज्यादा का नुकसान पहुंचा दिया। जिस पर उसने पुलिस में भी शिकायत की। जहां उसका राजीनामा करवा दिया गया। इसके बावजूद पार्टनरों ने बकाया पैसे नहीं दिए तो उसने वापस शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
यह पूरा मामला पिछले करीब एक साल से चल रहा था। अशोक ने 25 जुलाई 2022 को पारस गुर्जर और अनिल दाधीच के खिलाफ केकड़ी सिटी थाने में रिपोर्ट भी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने दो दिन में ही 50 प्रतिशत पैसा देने का सेटलमेंट करवा दिया था। जिसमें 27 लाख रुपए एक महीने में देना तय हुआ, लेकिन यह पैसा नहीं दिया गया था। अशोक ने एफआईआर दर्ज कराई तो एफआर लगा दी गई।
एक साल से मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने पर अशोक गौतम ने केकड़ी में डीएसपी ऑफिस के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया।
दस दिन पहले ही ट्वीट भी किया

अशोक गौतम का 14 जुलाई को किया गया ट्वीट।
अशोक ने अपनी परेशानी को लेकर ट्वीट भी किया था। उसने लिखा था कि सर अनिल जाखड़ एक तरफा कार्रवाई कर रहा है। इसलिए में 24 तारीख को आत्महत्या कर रहा हूं। इसकी पूरी जिम्मेदारी जांच अधिकारी की होगी।
अस्पताल में रोती रही मां, कहा – किसी ने नहीं की सुनवाई
घटना के बाद कारोबारी की मां किरण शर्मा भी अस्पताल पहुंची। बेटे की हालत देखकर वह रोने लगी। उसने कहा कि हम कई बार पुलिस को शिकायत कर चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। हम इसकी शिकायत लेकर सुबह डीएसपी ऑफिस भी आए थे, तभी मैं पानी पीने गई और किसी ने मेरे बेटे को आग लगा दी। मां का कहना है कि वह खुद नहीं जला, किसी ने उसे जलाया है।
एक साल में प्रशासन से परेशान होकर आत्मदाह की यह तीसरी घटना
पहली घटना : 9 जून 2022
सीकर जिले के खंडेला में एक वकील ने एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर आत्मदाह कर लिया था, जिससे वकील की मौत हो गई थी। घटना 9 जून 2022 की है। खंडेला में रानौली थाना क्षेत्र के नांगल अभयपुरा के रहने वाले वकील हंसराज मावलिया (40) ने हर सुनवाई के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए SDM कोर्ट में खुद को आग लगा ली थी। इस दौरान उसने SDM राकेश कुमार को गले लगाने का प्रयास किया था। SDM उसे धक्का देकर भाग गए थे। गंभीर हालत को देखते हुए वकील को जयपुर रेफर किया गया था। जहां सवाई मान सिंह अस्पताल में उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
दूसरी घटना : 20 जुलाई 2022
भरतपुर जिले की डीग तहसील के पासोपा गांव की है। जिसमें एक संत विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली थी। वे साधु-संतों के साथ पिछले 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे। आग लगाने के बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे थे। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई, तब तक वे करीब 80 फीसदी जल चुके थे। बाबा को भरतपुर के राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में जयपुर के एसएमएस अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई थी।
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