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मास्टमाइंड बोला- 2005 से पेपर लीक करवा रहा:कितने लीक किए, खुद नहीं पता; पेपर खरीदने वालों को हर सुविधा देते थे

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मास्टमाइंड बोला- 2005 से पेपर लीक करवा रहा:कितने लीक किए, खुद नहीं पता; पेपर खरीदने वालों को हर सुविधा देते थे

कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा- 2020 के पेपर लीक मामले के तार ऊपर तक बढ़ते जा रहे हैं। पहले पटवारी हर्षवर्धन, फिर तृतीय श्रेणी शिक्षक राजेंद्र कुमार को एसओजी मास्टरमाइंड मान रही थी। अब बदमाश ‘गुरुजी’ से हुई पूछताछ में सामने आया है कि लीक का असल गुरु तो जगदीश विश्नोई है। 20 फरवरी को गिरफ्तार हुए राजेंद्र व शिवरतन मोठ की निशानदेही पर एसओजी ने गुरुवार को पेपर लीक गिरोह के गुरु जगदीश विश्नोई को जयपुर से पकड़ लिया।

प्रारंभिक पूछताछ में जगदीश ने बताया कि वह 2005 से पेपर लीक गिरोह से जुड़ा है। उसने बताया कि 19 साल में वह प्रदेश की न जाने कितनी परीक्षाओं के पर्चे लीक करवा चुका है, उसे खुद भी याद नहीं है। पेपर लीक गैंग माफिया नेटवर्क मार्केटिंग की तरह काम करते है। कुछ साल के अनुभव के बाद अपने गुर्गों को जोड़कर अलग गैंग बना लेते हैं। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि राजेंद्र और हर्षवर्धन ऐसे ही गैंग चला रहे हैं।

पेपर लीक करवाते ही प्रदेश छोड़ देता था जगदीश विश्नोई

जगदीश ने बताया कि जिस दिन पेपर लीक करते, उसी दिन राजस्थान छोड़कर दिल्ली या दूसरे राज्यों में फरार हो जाता था। जगदीश ने श्रीगंगानगर निवासी शिवरतन मोठ और पंकज चौधरी उर्फ यूनिक भामू को अपना खास गुर्गा बना रखा था। ये दोनों जगदीश से पेपर लेकर आगे बेचते थे। दोनों की अपनी खुद की भी गैंग थी। 20 फरवरी को शिवरतन की गिरफ्तारी के बाद जगदीश गुरुग्राम और यूनिक दुबई फरार हो गया।

पहले प्रिंटिंग प्रेस फिर स्ट्रॉन्ग रूम में सेंधमारी करवाने लगा

विश्नोई ने कबूला है कि वह प्रिंटिंग प्रेस से ही कर्मचारियों से पेपर लीक कराता था। वहां सख्ती होने पर उसने स्कूलों के स्ट्रॉन्ग रूम से स्टाफ को मोटा पैसा देकर पेपर लीक करवाना शुरू कर दिया। इसी दौरान 2010 से वह शिक्षक राजेंद्र कुमार यादव से जुड़ा। दोनों इतने शातिर हैं कि कभी खुद के फोन से नहीं, गैंग में शामिल गुर्गों के फोन से बात किया करते थे। बताया जा रहा है कि गैंग के सदस्यों के पास करोड़ों की संपत्ति है।

टीचर राजेंद्र जो स्कूल से पेपर लीक करता था।

टीचर राजेंद्र जो स्कूल से पेपर लीक करता था।

महज 60 हजार रुपए तनख्वाह पाने वाला राजेंद्र, 1 कॉलेज, 3 स्कूलों और 4 मकानों पर छापेमारी

राजेंद्र के श्यामनगर में 13 फ्लैट बताए जा रहे हैं। 3.5 करोड़ कीमत के झोटवाड़ा में 2 मकान और वहीं ज्वेलरी की दुकान भी है। 200 फीट बाईपास पर एक करोड़ का भूखंड। हरनाथपुरा में 500 वर्गगज का मकान, करधनी में दो मकान और भैंसों का बाड़ा। जीणमाता नगर में पानी बेचने के लिए बोरिंग, गोकुलपुरा करधनी में दो प्लॉट।

एसओजी ने राजेंद्र के खातीपुरा स्थित सरकारी स्कूल सहित 3 स्कूलों, एक कॉलेज व 4 मकानों पर छापे मारे। यहां से सैंकड़ों मार्कशीट की फोटो कॉपी, प्रश्न-पत्र, आरपीएससी की उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर परीक्षा-2021 की साक्षात्कार सूची, महिला सुपरवाइजर, लैब असिस्टेंट, कृषि अन्वेषक भर्ती के सफल अभ्यर्थियों की सूची, ओएमआर शीट की फोटो प्रतियां, लिपिक भर्ती परीक्षा-2018 के पेपर व उत्तर-कुंजी की फोटो प्रतियां मिली हैं।

3 स्कूलों में 3 सहयोगी गोपाल, अर्जुन, वीरेंद्र की जांच भी होगी

झोटवाड़ा में सिद्धार्थ पब्लिक सेकेंडरी स्कूल गोपाल चौधरी का है। यहां से एसओजी को कर्मचारी चयन बोर्ड व मंत्रालयिक चयन बोर्ड रीट-2021 के खाली लिफाफे, उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 संबंधी दस्तावेज की फोटो प्रतियां व प्लॉट संबंधी दस्तावेज मिले हैं।

अर्जुन सिंह खींचड़ के करधनी स्थित स्कूल रतना बाल मंदिर में मिलीं दो डायरियों में राजेन्द्र व अर्जुन के बीच लेन-देन की जानकारी है। राजेंद्र व अर्जुन बिल्डर का काम भी करते हैं। उनके बनाए अपार्टमेंट के बारे में पता लगाया जा रहा है।

वीरेंद्र सिंह शेखावत के वैशाली नगर स्थित एपीएस शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज परिसर में स्कूल और मकान से भी छानबीन की।

हर्षवर्धन के घर सीज किए गए।

हर्षवर्धन के घर सीज किए गए।

हर्षवर्धन के घर सील किए गए

हर्षवर्धन के 4 ठिकानों पर एसओजी टीम ने छापे मारे हैं। इसमें टीम ससुराल भी पहुंची है। जगतपुरा में एसकेआईटी कॉलेज के पास एक बंगले (पर्ल विला डी-13) को सील कर दिया गया है। दौसा में गोवर्धन वाटिका में 1100, 1000 और 200 गज के प्लॉट मिले हैं, जिनकी कीमत दो करोड़ से ज्यादा है। दौसा के ही महुआ में 250 गज का प्लॉट, एक मकान, चार दुकान, 26 बीघा जमीन, लालसोट रेलवे स्टेशन के पास 9 बीघा जमीन के हर्षवर्धन मीणा, सस्पेंड पटवारी। कागजात मिले हैं। हर्षवर्धन के पास से क्रेटा कार, भाई के नाम 50 लाख रुपए का टेंट हाउस, पत्नी सरिता के नाम एक्सिस बैंक में लॉकर व खाता मिला है। इसके अलावा छापेमारी में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों की सूची व एडमिट कार्ड बरामद हुए हैं।

पेपर खरीदने वालों को हर सुविधा देते; गैंग में सॉल्वर और एक्सपर्ट भी

पेपर सॉल्व करने के लिए जगदीश विश्नोई ने गैंग में कई टीचर, सॉल्वर और एक्सपर्ट भी रखे हुए थे। डीआईजी परिस देशमुख व योगेश दाधीच ने बताया कि पेपर आने से पहले ही टीचर राजेंद्र, शिवरतन मोठ व पंकज को स्ट्रॉन्ग रूम में छिपा देता था। जिस लिफाफे में पेपर रखा होता था, उसमें बीच में जोड़ की जगह चीरा लगाकर

यूनिक भामू, दुबई फरार हुआ। पेपर निकाल लेते और फोटो खींचकर वापस पैक कर देते थे। पेपर लीक की सूचना खरीदने वाले लीक नहीं कर दें, इसके लिए निगरानी के लिए गैंग ने विशेष हैंडलर बनाए थे। जिन अभ्यर्थियों से सौदा होता था, उनका ग्रुप बनाकर ही गैंग पेपर सॉल्व करवाती थी। गैंग के सदस्य पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों पर नजर रखते थे। इसके लिए हर परीक्षा सेंटर के लिए अलग-अलग हैंडलर रखे थे।

12 सदस्यीय एसओजी टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़ी: एएसपी बजरंग सिंह, रामसिंह, खेमाराम, नियाज मोहम्मद, शमशेर खान, नीलकमल, राजेश मेश्राम, पुष्पेंद्र सिंह, राजेंद्र प्रसाद खोद, सुमित गुप्ता, शिवकुमार भारद्वाज, मोहेश चौधरी, नरेंद्र मीणा।

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