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मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की जनसुनवाई के दौरान प्राप्त प्रकरणों का हुआ वन-टू-वन रिव्यू विभागीय अधिकारी और परिवादी रहे मौजूद, जिला कलक्टर ने की प्रकरण वार समीक्षा

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मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की जनसुनवाई के दौरान प्राप्त प्रकरणों का हुआ वन-टू-वन रिव्यू
विभागीय अधिकारी और परिवादी रहे मौजूद, जिला कलक्टर ने की प्रकरण वार समीक्षा
बीकानेर, 4 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के 9 और 10 अप्रैल के बीकानेर दौरे में प्राप्त सभी परिवेदनाओं का जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बुधवार को वन-टू-वन रिव्यू किया।
जिला परिषद सभागार में लगभग पांच घंटे चली मैराथन बैठक में विभागों के अधिकारी और परिवादी मौजूद रहे। जिला कलक्टर ने अधिकारियों से प्रकरणों के संबंध में अब तक की कार्यवाही के बारे में जाना और परिवादियों को इससे अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में प्राप्त सभी प्रकरणों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सरकार को तथ्यपरक और सटीक जवाब भेजे जाएं तथा परिवादी को इससे अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि अंतिम प्रकरण निस्तारित होने तक इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।
पहली बार हुआ द्विपक्षीय रिव्यू
पहली बार मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान प्राप्त प्रकरणों का द्विपक्षीय रिव्यू हुआ। सभी अधिकारी अब तक की कार्यवाही के साथ बैठक में पहुंचे। परिवादियों को भी कार्यवाही के बारे में बताया। सहायक निदेशक (लोक सेवाएं) सबीना बिश्नोई ने बताया कि मुख्यमंत्री के दौरे में 563 प्रकरण प्राप्त हुए। इनमें से राज्य स्तर पर निस्तारित होने वाले 150 प्रकरणों को संबंधित विभागों को भेजा गया। वहीं जिला स्तर के 413 प्रकरण थे। इनमें से 265 परिवादी बैठक में पहुंचे। वहीं 25 नए प्रकरण भी दर्ज हुए। प्रकरणों में राजस्व, यूआईटी, शिक्षा विभाग और नगर निगम के सर्वाधिक प्रकरण थे।
पैंसठ वर्षीया राबिया को मिला पीपीओ
सोनगिरि कुआं क्षेत्र निवासी पैंसठ वर्षीया राबिया ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान बताया कि उसके पिता स्व. गुलाम फरीद सेवनिवृत्ति के समय अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) कार्यालय में कार्यरत थे तथा वर्ष 1972 में सेवानिवृत्त हुए। बाद में वर्ष 1997 में उनका निधन हुआ। इससे पहले उसके पति मुश्ताक अहमद का निधन हो गया था। राज्य सरकार द्वारा 4 सितंबर 2012 के आदेशों के अनुसार सेवानिवृत्त कार्मिक की एकमात्र विधवा पुत्री होने के नाते वह पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र थी, लेकिन पिता के पीपीओ में सेवानिवृत्ति के समय किसी कार्यालय में कार्यरत होना अंकित नहीं था। प्रकरण बेहद पुराना और विभिन्न कार्यालयों से संबंधित होने के कारण उसे बहुत परेशानी हुई। इसके बाद राबिया ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान यह प्रकरण रखा। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राबिया का पेंशन अदायगी आदेश जारी कर दिया गया। अब वह परिवारिक पेंशन की प्राप्त कर सकेगी।
सड़क और संकाय के भेजे प्रस्ताव
मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान धुपालियां के दानाराम ने थावरिया से धुपालियां तक सड़क बनाने की मांग की थी। उसने बताया कि यह सड़क बनने से आसपास के दस गांवों के हजारों लोगों को राहत मिलेगी। इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने मौका मुआयना करते हुए लगभग 7.5 किलोमीटर लम्बी सड़क निर्माण के 225 लाख रुपये के प्रस्ताव सरकार को भिजवा दिए। स्वीकृति के साथ ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इसी प्रकार लिखमीसर दिखणादा के बजरंग डेलू ने गांव के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में कृषि संकाय खोलने संबंधित प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा था। शिक्षा विभाग द्वारा यह संकाय खोलने के प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाए जा चुके हैं।
दिव्यांग के पास पहुंचे जिला कलक्टर

मुख्यमंत्री की जनसुनवाई के दौरान लूणकरणसर के दिव्यांग कन्हैयालाल सोनी ने मंडी समिति से संबंधित एक परिवाद प्रस्तुत किया। बुधवार को प्रगति की जानकारी लेने वह सभागार में आया तो जिला कलक्टर उसके पास पहुंचे और मंडी सचिव को नियमनुसार त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सहित विभिन्न विभागों अधिकारी मौजूद रहे।

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