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मुख्य सचिव सुधांश पंत ने किया पदभार ग्रहण:सचिवालय में संभाला कामकाज, दो दिन पहले केन्द्र ने लौटाई थी सेवाएं

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मुख्य सचिव सुधांश पंत ने किया पदभार ग्रहण:सचिवालय में संभाला कामकाज, दो दिन पहले केन्द्र ने लौटाई थी सेवाएं

राज्य के नए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने आज सुबह सचिवालय में विधिवत रूप से कार्यभार संभाल लिया। गौरतलब है कि शनिवार को ही सुधांश पंत को रिलीव करते हुए केन्द्र सरकार ने उनकी सेवाएं राज्य सरकार को लौटाई थी। वहीं, रविवार को राज्य सरकार ने उन्हें राज्य का नया मुख्य सचिव बना दिया था।

1991 बैच के अफसर पंत अब राज्य की ब्यूरोक्रेसी के नए बॉस हो गए हैं। मुख्य सचिव की रेस में पंत सबसे आगे हो गए थे। इसकी वजह थी, उनकी सेवाएं राजस्थान सरकार को ऐसे समय में वापस लौटाई जाना, जब प्रदेश में मुख्य सचिव का पद खाली हो रहा था। वहीं, दूसरी ओर देखा जाए तो बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित 20 पहली बार मंत्री बने हैं।

सरकार को ब्यूरोक्रेसी और गवर्नेंस के लिए पंत जैसे अधिकारी की आवश्यकता थी। उनकी दूरदर्शिता और स्किल्स का फायदा सरकार को मिले, इसे लेकर उन्हें राजस्थान भेजा गया था। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर गहन विचार करने के बाद यह कदम उठाया। ऐसी उम्मीद पहले से थी कि नया मुख्य सचिव केंद्र से ही आएगा।

मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद आईएएस सुधांश पंत ने रविवार शाम सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इस मौके पर निर्वतमान मुख्य सचिव उषा भी मौजूद रही।

मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद आईएएस सुधांश पंत ने रविवार शाम सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। इस मौके पर निर्वतमान मुख्य सचिव उषा भी मौजूद रही।

सुधांश पंत राजस्थान में कई जिलों के कलेक्टर रहे
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन जलदाय मंत्री महेश जोशी से नहीं बनने के बाद लगातार इधर-उधर तबादलों से परेशान होकर सुधांश पंत सवा साल पहले राजस्थान से दिल्ली चले गए थे। जहाजरानी मंत्रालय में सचिव पद पर रहने के बाद उन्हें हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय में तैनात किया गया था। शनिवार को उन्हें वापस राजस्थान भेज दिया था।

वे राजस्थान के कई जिलों में कलेक्टर रहे। उन्हें देश के काबिल अफसरों में गिना जाता है। जब देश में कोरोना फैला था (2020-2022) तब पंत राजस्थान में थे, केंद्र सरकार ने उनकी विशेष सेवाएं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में ली थीं।

ये बात मशहूर है

वे किसी भी मुद्दे पर काम करने से पहले उस पर जमकर रिसर्च करते हैं। वे पार्क में घूमते और वॉक करते समय भी इंटरनेट से कुछ न कुछ खंगालते, सुनते, देखते रहते हैं। जब सीएम के सामने कोई प्रेजेंटेशन देते हैं तो उस रिसर्च के हवाले से ही देते हैं। ऐसे में उनकी बात और विचार का गहरा असर हर मीटिंग में देखा जाता है।

6 अधिकारियों की वरिष्ठता लांघकर बने मुख्य सचिव

1991 बैच के IAS सुधांश पंत वरिष्ठता में 7वें नंबर पर हैं। पहले नंबर पर 1988 बैच के डॉक्टर सुबोध अग्रवाल है, उसके बाद दूसरे नंबर पर 1989 बैच के वी श्रीनिवास हैं, जो मौजूद समय में दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर है। तीसरे नंबर पर 1989 बैच की शुभ्रा सिंह हैं। चौथे नंबर पर 1989 बैच के राजेश्वर सिंह हैं। पांचवें नम्बर पर 1989 बैच के रोहित कुमार सिंह, जो दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उसके बाद छठे नंबर पर 1990 बैच के संजय मल्होत्रा है, वह भी दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं।

साल 2013 में CS की कुर्सी पर दिल्ली से आए थे IAS महर्षि

साल 2013 में जब भाजपा सरकार बनी थी तो वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनी थीं। राजे ने तब राजीव महर्षि को मुख्य सचिव बनाया था। महर्षि उस वक्त दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर थे। महर्षि करीब 6 महीने राज्य के मुख्य सचिव रहे। उसके बाद मई-2014 में केंद्र में भी भाजपा की सरकार बनी और प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी। मोदी के पीएम बनने के तुरंत बाद महर्षि वापस दिल्ली लौटे और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव बने।

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